झारखंड मजदूर संघर्ष संघ ने गुवा में बुलाई आपात बैठक, आंदोलन और कानूनी लड़ाई की दी चेतावनी
गुवा संवाददाता (पश्चिमी सिंहभूम):
झारखंड मजदूर संघर्ष संघ यूनियन द्वारा शनिवार देर शाम यूनियन कार्यालय, गुवा में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सेल कर्मचारियों, ठेका मजदूरों, बेरोजगार युवाओं और ग्रामीणों की बड़ी भागीदारी रही। बैठक की अध्यक्षता यूनियन की महामंत्री अंतर्यामी महाकुड़ ने की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मजदूर नेता रामा पांडे को एक सुनियोजित साजिश के तहत फंसाया गया है, ताकि मजदूरों की आवाज को कुचल दिया जाए। लेकिन यूनियन चुप बैठने वाली नहीं है—न्याय के लिए सड़कों से लेकर अदालत तक लड़ाई लड़ी जाएगी।
“मजदूरों की आवाज को दबाना बर्दाश्त नहीं”: अंतर्यामी महाकुड़
महामंत्री अंतर्यामी महाकुड़ ने सभा को संबोधित करते हुए कहा,
“हम मजदूरों की आवाज हैं। जब भी शोषण या अन्याय हुआ है, झारखंड मजदूर संघर्ष संघ सबसे पहले खड़ा हुआ है। अब रामा पांडे को बदनाम कर मजदूर आंदोलन को कमजोर करने की साजिश की जा रही है। हम सभी मजदूर एकजुट हैं और यह लड़ाई अंत तक लड़ेंगे।”
उन्होंने यह भी ऐलान किया कि रामा पांडे को न्याय दिलाने के लिए जोरदार हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा, जिसमें गांव-गांव जाकर मजदूरों, ग्रामीणों और युवाओं से समर्थन लिया जाएगा।
प्रशासन को सौंपा जाएगा मांग पत्र
यूनियन ने निर्णय लिया है कि हस्ताक्षर अभियान के बाद एक मांग पत्र जिला उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ), एसडीपीओ और स्थानीय थाना प्रभारी को सौंपा जाएगा। इस मांग पत्र में यह प्रमुखता से मांग की जाएगी कि रामा पांडे पर लगाए गए सभी आरोपों की निष्पक्ष जांच हो और साजिशकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
“कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे”
महामंत्री ने यह स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि प्रशासन मजदूरों की आवाज को अनसुना करता है और न्याय नहीं मिलता, तो यूनियन कानूनी लड़ाई के लिए तैयार है।
“हम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से भी पीछे नहीं हटेंगे। रामा पांडे को न्याय दिलाने तक आंदोलन चलता रहेगा।”
बैठक में जुटा मजदूर वर्ग का हुजूम
बैठक में यूनियन के कई वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे। प्रमुख रूप से उपस्थित रहे:
- सिकंदर पान (उपाध्यक्ष)
- राजेश यादव (उपाध्यक्ष)
- चंद्रिका खंडायत
- सावन सांडिल (उप महा सचिव)
- संजय सांडिल
- पार्वती दास
- लक्ष्मी बड़ाईक
- सीमा पूर्ति
- आरती होरो
- नूतन सुंडी
- गुरुचरण करुवा
- शकील खान
- सुनील सिंह
- उमेश नाग
- पवन मुंडा
इनके अलावा बड़ी संख्या में सेल कर्मचारी, ठेका मजदूर, बेरोजगार युवा और ग्रामीणजन भी बैठक में उपस्थित थे।
एकता का आह्वान, आंदोलन की तैयारी
बैठक के दौरान वक्ताओं ने मजदूरों से एकजुट रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि
“मजदूरों की एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। जब भी हमारे अधिकारों पर हमला होगा, हम एकजुट होकर जवाब देंगे।”
बैठक के समापन पर यह संकल्प लिया गया कि आने वाले दिनों में यदि प्रशासन चुप रहा, तो गुवा से लेकर चाईबासा और रांची तक आंदोलन की लहर उठाई जाएगी।
संक्षेप में:
गुवा में मजदूर एकजुट हो चुके हैं, रामा पांडे के समर्थन में आवाज बुलंद हो चुकी है, और अब यह लड़ाई केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि मजदूर सम्मान, न्याय और अधिकारों की लड़ाई बन चुकी है। हस्ताक्षर अभियान इसका पहला चरण होगा – और अगर प्रशासन ने आंखें मूंदी रखीं, तो यह आंदोलन एक बड़ा जनआंदोलन बन जाएगा।