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गुआ खदान में चक्का जाम की चेतावनी: सारंडा विकास समिति ने प्रबंधन को सौंपा 15 सूत्री मांग पत्र

14 जुलाई से अनिश्चितकालीन आंदोलन की तैयारी, बैठक में शामिल रहे काम से हटाए गए 20 मजदूर भी

गुआ (पश्चिमी सिंहभूम), सोमवार।
सेल की गुआ लौह अयस्क खदान को लेकर आदिवासी क्षेत्रों में असंतोष की चिंगारी अब आंदोलन की आग में बदलने को है। सारंडा विकास समिति, जामकुंडिया-दुईया ने सोमवार को गुआ खदान प्रबंधन के साथ हुई अहम बैठक के दौरान 15 सूत्री मांग पत्र सौंपते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आगामी 14 जुलाई से गुआ खदान में अनिश्चितकालीन चक्का जाम आंदोलन शुरू किया जाएगा।

बैठक से पहले हुई रणनीतिक बैठक

इस बैठक से पूर्व समिति की विशेष रणनीतिक बैठक 29 जून को बिहान 9 बजे दुईया पंचायत भवन में आयोजित की गई थी। इसमें मानकी सह समिति के महासचिव श्री लगुड़ा देवगम और गंगदा पंचायत के मुखिया सह समिति के अध्यक्ष श्री सुखराम उर्फ राजू सांडिल की संयुक्त अध्यक्षता में आंदोलन की रूपरेखा तय की गई थी।

प्रबंधन ने दिया आश्वासन, लेकिन दिखा संशय

सोमवार को गुआ खदान के सीजीएम कमल भास्कर एवं अन्य अधिकारियों के साथ हुई बैठक में प्रबंधन ने समिति की कई मांगों पर सकारात्मक संकेत दिए। विशेषकर, हाल ही में हटाए गए 20 ठेका मजदूरों को दोबारा कार्य पर रखने, साथ ही बोनस, पीएफ और अन्य सुविधाएं प्रदान करने का आश्वासन दिया गया। इसके अलावा अन्य विकास योजनाओं को भी चरणबद्ध तरीके से पूरा करने का भरोसा दिया गया। हालांकि समिति नेताओं का कहना है कि जब तक लिखित रूप में आदेश नहीं मिलते, वे वादों पर भरोसा नहीं करेंगे।

समिति की मुख्य मांगे जो प्रबंधन के समक्ष रखी गईं –

  1. स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार:
    गुवा व चिड़िया खदान के अंतर्गत आने वाले CSR गांवों के बेरोजगार युवाओं को स्थायी रोजगार दिया जाए।
  2. काम से हटाए गए 20 मजदूरों को बहाल किया जाए:
    24 जून से कार्य से हटाए गए 20 मजदूरों को तत्काल काम पर वापस लिया जाए।
  3. बुनियादी सुविधाओं की मांग:
    कार्यरत मजदूरों को बोनस, पे-स्लिप, मिट्टी पैसा जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
  4. खेल और सांस्कृतिक प्रोत्साहन:
    स्थानीय गांवों में खेलकूद सामग्री और पारंपरिक वाद्ययंत्र (मंदल, नगाड़ा) प्रदान किए जाएं।
  5. 24×7 एंबुलेंस सुविधा:
    गंगदा व छोटानागरा पंचायतों के लिए चौबीसों घंटे एंबुलेंस की सुविधा सुनिश्चित की जाए।
  6. ‘सारंडा संजीवनी’ की नियमित सेवा:
    चिकित्सा वाहन को रोस्टर के अनुसार गांव-गांव भेजा जाए।
  7. मजदूरों के काम का पुनर्गठन:
    विगत दो वर्षों से सिर्फ सफाई कार्यों में लगाए गए मजदूरों को अन्य उपयुक्त कार्यों में लगाया जाए।
  8. स्थायी नियुक्ति की मांग:
    पिछले दो वर्षों से कार्यरत मजदूरों को स्थायी किया जाए।
  9. समिति को खदान में कार्य हेतु रजिस्ट्रेशन:
    सारंडा विकास समिति को गुआ और चिड़िया खदान में कार्य हेतु अधिकृत किया जाए।
  10. पेयजल सुविधा:
    CSR क्षेत्र में सोलर जलमीनार व डीप बोरिंग की व्यवस्था हो।
  11. सामुदायिक भवन:
    गंगदा पंचायत अंतर्गत एक सामुदायिक भवन का निर्माण कराया जाए।
  12. शिक्षक बहाली:
    पंचायत क्षेत्र के सभी विद्यालयों में शिक्षक व शिक्षिकाओं की बहाली सुनिश्चित हो।
  13. उच्च विद्यालय भवन का निर्माण:
    गंगदा पंचायत में एक नया उच्च विद्यालय भवन बनाया जाए।
  14. खेल मैदान और क्लब भवन:
    पंचायत के सभी गांवों में फुटबॉल मैदान और क्लब भवन का निर्माण हो।
  15. स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता:
    भविष्य की सभी ठेका व स्थायी भर्तियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाए।

बैठक में थे कई गांवों के प्रतिनिधि शामिल

इस वार्ता में प्रमुख रूप से मानकी लगुड़ा़ देवगम, मुखिया राजू सांडिल, मुंडा कुशो देवगम, मुंडा जानुम सिंह चेरोवा, मुंडा बुधराम सिधु, राम चेरोवा, रामेश्वर चाम्पिया, श्री अंगारिया समेत गुआ से हटाए गए सभी 20 मजदूर मौजूद थे। सभी ने अपनी बातें विस्तार से प्रबंधन के समक्ष रखीं।

प्रबंधन के भरोसे पर नजरें टिकी

अब सवाल है कि क्या गुआ प्रबंधन अपने आश्वासनों को वक्त पर निभाएगा या आंदोलन की ज्वाला फिर भड़केगी? समिति का कहना है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो आगामी 14 जुलाई से गुआ खदान पूरी तरह ठप कर दी जाएगी और जिम्मेदारी खदान प्रबंधन की होगी।

निष्कर्ष

यह मामला न केवल रोजगार का है, बल्कि सम्मान और अधिकार की लड़ाई भी है। सारंडा क्षेत्र के आदिवासियों की लंबे समय से उपेक्षा होती आई है। अब वे संगठित हो अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। यदि समय रहते समाधान नहीं हुआ तो यह आंदोलन पूरे कोल्हान क्षेत्र में उबाल ला सकता है।

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