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खरसावां में दर्दनाक हादसा: नहाने के दौरान नाले में डूबने से चार युवकों की मौत

दलाईकेला गांव के छह युवक गए थे नहाने, चार की मौके पर गई जान, गांव में पसरा मातम

खरसावां संवाददाता।
सरायकेला-खरसावां जिला के खरसावां प्रखंड अंतर्गत दलाईकेला गांव में शनिवार को एक दर्दनाक हादसे में चार युवकों की मौत हो गई। सभी युवक पास के नाले में नहाने गए थे, जहां गहराई और तेज बहाव के कारण वे डूब गए। यह घटना सुबह करीब 10 बजे की है और इससे पूरे इलाके में शोक की लहर फैल गई है।

मृतकों की पहचान

हादसे में जिन चार युवकों की जान गई, वे सभी दलाईकेला गांव के निवासी थे:

  • सिद्धेश्वर मंडल (17), पिता: सागर मंडल
  • हरिबास मंडल (20), पिता: स्व. अर्जुन दास
  • मनोज साहू (20), पिता: पंकज साहू
  • सुनील साहू (16), पिता: वीरेंद्र साहू

कैसे हुआ हादसा

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, दलाईकेला और जोजोड़ीह गांव के बीच स्थित नाले में शनिवार की सुबह छह युवक नहाने के लिए गए थे। नहाने के दौरान चार युवक गहरे पानी में चले गए और देखते ही देखते डूबने लगे। साथ मौजूद अन्य दो युवकों ने मदद की कोशिश की, लेकिन तब तक चारों युवक अचेत अवस्था में बह चुके थे।

अस्पताल में पहुंचते ही डॉक्टरों ने किया मृत घोषित

घटना के बाद ग्रामीणों की मदद से चारों को बाहर निकाला गया और खरसावां के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया। अस्पताल में चीख-पुकार मच गई और परिजनों की हालत बदहवास हो गई।

प्रशासनिक अधिकारियों ने लिया जायजा

घटना की जानकारी मिलते ही खरसावां के बीडीओ प्रधान माझी, थाना प्रभारी गौरव कुमार और अन्य प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल पहुंचे और मामले की जानकारी ली। चारों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए सरायकेला भेज दिया गया

गांव में पसरा मातम, हर आंख नम

चार युवकों की असामयिक मृत्यु से दलाईकेला गांव में गहरा मातम छा गया है। एक साथ चार-चार चिताएं जलने की तैयारी ने पूरे गांव को विलाप और पीड़ा के सन्नाटे में डुबो दिया है। शोकसंतप्त परिजनों से मिलने वालों की भीड़ लगी हुई है।

स्थानीय लोगों की प्रशासन से मांग

घटना के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि नाले के आसपास सुरक्षा चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और ऐसे स्थलों पर सुरक्षा इंतजाम किए जाएं, ताकि भविष्य में इस तरह की दुखद घटनाएं रोकी जा सकें।

निष्कर्ष:
खरसावां का यह हादसा न केवल चार परिवारों को तोड़ गया, बल्कि पूरे क्षेत्र को गहरे सदमे में डाल गया है। यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि सावधानी ही सुरक्षा है — विशेषकर मानसून के मौसम में, जब जलस्तर और बहाव जानलेवा हो सकता है।

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