भारी बारिश में भी ग्रामीणों का उत्साह, टीएमएच की डॉक्टर टीम ने दिखाई सेवा भावना
गुआ संवाददाता ।
नेशनल डॉक्टर्स डे के अवसर पर टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) नोआमुंडी की चिकित्सा टीम ने नोआमुंडी प्रखंड के दूरवर्ती गांव टाटीबा में एक सामुदायिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया, जिसमें गांव के 62 लाभार्थियों ने भाग लेकर निःशुल्क स्वास्थ्य जांच और परामर्श प्राप्त किया।
बाल चिकित्सा से लेकर वृद्धजन तक, सभी को मिला लाभ
स्वास्थ्य शिविर में बाल चिकित्सा, सामान्य चिकित्सा, रक्त जांच, और त्वचा रोगों से संबंधित समस्याओं की जांच की गई। शिविर में ब्लड शुगर, हीमोग्लोबिन और मलेरिया परीक्षण के साथ-साथ मुफ्त दवाओं का वितरण भी किया गया।
- 4 लोगों में उच्च रक्तचाप,
- 3 लोगों में मधुमेह की पुष्टि,
- 2 लोगों में अनियंत्रित डायबिटीज पाई गई जिन्हें आगे की चिकित्सा के लिए टीएमएच नोआमुंडी रेफर किया गया।
- मलेरिया की जांच के दोनों नमूने निगेटिव पाए गए।
इसके अलावा शिविर में कमर और पीठ दर्द, बुखार, खुजली, त्वचा संक्रमण और मोतियाबिंद जैसे नेत्र रोगों के कई मामलों की भी पहचान की गई।
सेवा भाव से गदगद हुए ग्रामीण
बारिश और खराब मौसम के बावजूद डॉक्टरों की टीम की उपस्थिति ने ग्रामीणों को गदगद कर दिया। कई ग्रामीणों ने बताया कि आमतौर पर स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच उनके लिए मुश्किल होती है, लेकिन आज डॉक्टरों को अपने गांव में देखकर भरोसा बढ़ा है। शिविर में महिलाओं, बच्चों और वृद्धों की विशेष भागीदारी रही।
डॉक्टरों की टीम ने निभाई अहम भूमिका
इस सामुदायिक शिविर का नेतृत्व डॉ. धीरेंद्र कुमार (सीएमओ) ने किया। उनके साथ
- डॉ. अनन्या पति,
- डॉ. अमला शंकर चटर्जी, और
- डॉ. कविथेंड्रल एस ने प्रमुख भूमिका निभाई।
इन सभी ने न सिर्फ चिकित्सा सेवा दी, बल्कि ग्रामीणों को स्वास्थ्य जागरूकता से भी जोड़ा।
टीएमएच नोआमुंडी का सराहनीय प्रयास
टीएमएच नोआमुंडी का यह प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सशक्त बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायी कदम है। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि भविष्य में भी ऐसे शिविरों का आयोजन किया जाएगा ताकि जरूरतमंदों को समय पर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
नेशनल डॉक्टर्स डे पर टीएमएच नोआमुंडी द्वारा किया गया यह आयोजन न केवल चिकित्सकीय सेवा का उदाहरण है, बल्कि यह दर्शाता है कि स्वास्थ्य सेवा सिर्फ अस्पताल की चारदीवारी तक सीमित नहीं, बल्कि ग्रामीण जीवन की धड़कनों तक पहुंचनी चाहिए।