🌿 हरियाली में सजी सावन रानी!
गुवा सेल क्लब में महिला समिति ने पारंपरिक उल्लास, श्रृंगार और सांस्कृतिक उत्सव के साथ मनाया ‘सावन महोत्सव’
रिपोर्ट: संदीप गुप्ता/शैलेश सिंह।
श्रावण मास की पवित्रता, श्रृंगार की खुशबू और संस्कृति की मिठास से सराबोर सावन महोत्सव शनिवार की देर शाम गुवा सेल क्लब में महिला समिति के तत्वावधान में भव्य रूप से संपन्न हुआ। इस अवसर पर पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाओं और युवतियों ने सावन गीतों की गूंज और थिरकते कदमों से ऐसा समां बांधा कि पूरा क्लब हरियाली के उल्लास में डूब गया।
✨ शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ, सम्माननीय अतिथियों की उपस्थिति रही गौरवपूर्ण
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से की गई। महिला समिति अध्यक्ष स्मिता भास्कर और नोवामुंडी भाग-एक की जिला परिषद सदस्य सुश्री देवकी कुमारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर इस सांस्कृतिक संध्या का उद्घाटन किया। दीप की लौ के साथ वातावरण में पवित्रता और भक्ति का संचार हुआ, जो पूरे कार्यक्रम के दौरान बना रहा।
🔱 “श्रावण मास केवल त्योहार नहीं, आत्मिक शुद्धि का अवसर” – स्मिता भास्कर
मुख्य अतिथि स्मिता भास्कर ने उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा –
“सावन माह भगवान शिव को समर्पित होता है। पुराणों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान शिव ने विषपान कर सृष्टि की रक्षा की थी, जिससे उनका गला नीला पड़ गया। तभी से जलाभिषेक की परंपरा चली आ रही है। महिलाएं हरी साड़ियों और हरे श्रृंगार के साथ शिव भक्ति में लीन होकर अपने परिवार की सुख-शांति की कामना करती हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे आयोजन महिलाओं को एक मंच प्रदान करते हैं, जिससे उनमें आत्मबल, सामाजिक संवाद और सांस्कृतिक पहचान सुदृढ़ होती है।
🎵 गीत-संगीत और नृत्य में डूबा सावन
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा – ग्रुप डांस, सिंगिंग, सर्कल गेम्स और सावन क्वीन प्रतियोगिता। इन प्रतियोगिताओं में महिलाओं और किशोरियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। मंच पर हरियाली परिधान में सजी महिलाओं ने जैसे ही पारंपरिक सावनी गीतों पर नृत्य की प्रस्तुति दी, तालियों की गूंज पूरे क्लब में सुनाई दी।
प्रमुख गीतों में शामिल थे –
- “कजरारे नैना कहें, सावन आया रे…”
- “सावन में लागे मनवा डोले…”
- “हरियर साड़ी प पहनके आईल बबुनी…”
💃 डांस प्रतियोगिता में दिखी लोक और आधुनिकता की सुंदर झलक
डांस प्रतियोगिता में अलग-अलग समूहों ने लोक संस्कृति और आधुनिक शैली का बेहतरीन मेल दिखाया। इन नृत्य प्रस्तुतियों ने जहां ग्रामीण लोकजीवन की सादगी दिखाई, वहीं आधुनिक भाव-भंगिमा से उत्सव का माहौल और भी रंगीन हो गया।
🏆 विजेता टीमों की सूची:
स्थान | ग्रुप का नाम | विशेषता |
---|---|---|
🥇 प्रथम | डिवाइंस डांस दिवास ग्रुप | शिव भक्ति पर आधारित भाव नृत्य |
🥈 द्वितीय | बिजुरिया डांस ग्रुप | झारखंडी लोकधुन पर प्रस्तुति |
🥉 तृतीय | सावन की रिमझिम बूंदें | कथक और लोकनृत्य का मिश्रण |
👑 सावन क्वीन 2025 बनीं सूर्यमणि नाग
इस सांस्कृतिक संध्या का सबसे बहुप्रतीक्षित क्षण था “सावन क्वीन प्रतियोगिता”। इसमें प्रतिभागियों को पारंपरिक पोशाक, मंच पर प्रस्तुति, आत्मविश्वास, और सांस्कृतिक जानकारी के आधार पर परखा गया।
सूर्यमणि नाग ने अपनी मोहक मुस्कान, सुंदर पारंपरिक परिधान और शिव भक्ति पर आधारित प्रस्तुतिकरण के दम पर सभी को पीछे छोड़ते हुए सावन क्वीन 2025 का खिताब अपने नाम कर लिया।
उनका हरियाली साड़ी, गजरा, और शिव-पार्वती की आराधना पर आधारित प्रस्तुति निर्णायकों और दर्शकों दोनों को भावविभोर कर गई।
🌸 हरियाली श्रृंगार – सावन की आत्मा
महिलाओं को कार्यक्रम के अंत में हरियाली श्रृंगार किट दी गई, जिसमें हरी चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर और हेयर बैंड शामिल थे। आयोजकों का उद्देश्य महिलाओं में सावन की भावना को और प्रबल करना था।
हर महिला ने इस श्रृंगार को अपनाया और एकजुट होकर पारंपरिक भक्ति गीत “भोले बाबा का जप करेले नारी…” गाकर कार्यक्रम को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया।
🎤 मंच संचालन ने बांधा समां
कार्यक्रम का शानदार संचालन डॉ. प्रियंका रानी पात्रा और डॉ. पालोनी सरकार ने किया। दोनों ही मंच पर सहजता और ऊर्जा के साथ उपस्थित रहीं और हर प्रस्तुति को भावनात्मक पृष्ठभूमि के साथ जोड़ती रहीं।
👩👩👧👧 मंच पर सजी गर्वित महिलाएं
इस कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण और नेतृत्व की झलक स्पष्ट दिखी। उपस्थिति रही कई सम्माननीय महिलाएं जिन्होंने समाज में योगदान दिया है:
- स्मिता भास्कर – महिला समिति अध्यक्ष
- देवकी कुमारी – जिप सदस्य, नोवामुंडी
- चांदमनी लागुरी – पूर्वी पंचायत की मुखिया
- दीपा राय चौधरी – समाजसेविका
- परवीन सुल्ताना, गीता आनंद, अमृता बेहरा – सक्रिय महिला कार्यकर्ता
📜 सांस्कृतिक परंपरा और सामाजिक एकता का संगम
गुवा सेल क्लब का यह सावन महोत्सव एक पारंपरिक उत्सव भर नहीं था, यह सांस्कृतिक संरक्षण, महिला सहभागिता और आध्यात्मिक चेतना का संगम था। कार्यक्रम ने यह स्पष्ट किया कि आज भी महिलाएं सांस्कृतिक पहचान की वाहक बनी हुई हैं।
📝 समापन संदेश – “श्रृंगार के साथ संस्कृति का सम्मान”
“सावन न केवल इंद्रधनुषी मौसम है,
बल्कि स्त्री शक्ति का वह उत्सव है,
जहाँ श्रृंगार, शिवभक्ति और सामाजिक बंधन
एक साथ पुष्पित-पल्लवित होते हैं।”