देवसभा दरबार, सांस्कृतिक कार्यक्रम, झूले और व्यंजनों के बीच उमड़ी भक्तों की भारी भीड़, जिला प्रशासन ने संभाला मोर्चा
सरायकेला संवाददाता ।
श्री जगन्नाथ महाप्रभु की रथ यात्रा के अवसर पर गुंडीचा मंदिर परिसर में आयोजित श्री जगन्नाथ रथ मेला में इन दिनों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। जगन्नाथ मेला समिति द्वारा आयोजित इस आयोजन में धार्मिक आस्था, सामाजिक समरसता और पारंपरिक उल्लास का त्रिवेणी संगम देखने को मिल रहा है।
रथ यात्रा बना धार्मिक आस्था का पर्व
श्री जगन्नाथ महाप्रभु की रथ यात्रा इस क्षेत्र का एक प्रमुख धार्मिक पर्व बन चुका है। श्रद्धालु प्रभु के विग्रहों की पूजा-अर्चना करते हुए उनसे सुख-शांति एवं कल्याण की कामना करते हैं। रथ में सवार महाप्रभु के दर्शन हेतु श्रद्धालुओं की लंबी कतारें सुबह से ही देखने को मिल रही हैं।
भव्य देवसभा दरबार बना आकर्षण का केंद्र
श्री जगन्नाथ मेला समिति के अध्यक्ष सह नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने बताया कि इस बार मेले में सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए विविध आयोजन किए गए हैं।
- देवसभा दरबार के केंद्र में विशाल गरुड़ पर लक्ष्मी-नारायण की मनोहारी प्रतिमा स्थापित की गई है।
- दरबार के बाएं भाग में भक्त मीराबाई, तुलसीदास, तुकाराम आदि संतों का चित्रण किया गया है।
- दाहिने भाग में हस्तिनापुर दरबार, जिसमें द्रौपदी चीरहरण और कौरवों-पांडवों द्वारा जुए का दृश्य दर्शाया गया है – यह विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
मनोरंजन और खानपान की भी भरपूर व्यवस्था
मेले में विभिन्न प्रकार के झूले, बच्चों के खेल, और स्वादिष्ट व्यंजनों की दुकानों ने भी लोगों को खूब आकर्षित किया है। मीना बाजार में लोग खरीदारी करते दिखे, वहीं सांस्कृतिक मंच पर प्रतिदिन रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
सामाजिक मिलन का भी एक सुंदर अवसर
यह मेला केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का भी प्रतीक बन गया है। यहां लोग एक-दूसरे से मिलते हैं, पुरानी यादें ताज़ा करते हैं, और एक पारिवारिक माहौल में उत्सव का आनंद उठाते हैं।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
भारी भीड़ को नियंत्रित करने हेतु जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। स्थानीय थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मोर्चा संभाले हुए हैं। आयोजन समिति ने भी स्वयंसेवकों की टीम के माध्यम से सुरक्षा और व्यवस्था का पुख्ता प्रबंध किया है।
आयोजन समिति के सक्रिय सदस्य
इस मेले के सफल आयोजन में गोविंद कुमार साहू, छोटेलाल साहू, रूपेश कुमार साहू, भोला मोहंती, संदीप कवि और समिति के अन्य कई सदस्य तन-मन से जुटे हुए हैं।
यह रथ मेला न केवल भगवान जगन्नाथ की भक्ति का पर्व है, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक जीवंतता, सामाजिक सौहार्द और परंपरा की स्थायित्व का सजीव प्रतीक भी बन चुका है।