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सारंडा के ग्रामीणों की उम्मीदें अधूरी: बिटकिलसोय गांव के समीप गड़वन डेरा नाला पर पुल का निर्माण अब तक अधर में

वर्षा में ओडिशा और झारखंड से कट जाता है संपर्क, ग्रामीण बेहाल

रिपोर्ट: शैलेश सिंह
मनोहरपुर (पश्चिमी सिंहभूम), 14 जुलाई 2025।
मनोहरपुर प्रखंड अंतर्गत दीघा पंचायत के बिटकिलसोय गांव के समीप गड़वन डेरा नाला पर आज भी पुल का निर्माण नहीं हो पाया है। इस कारण हर वर्ष बरसात के मौसम में सारंडा के दर्जनों गांवों का संपर्क झारखंड और ओडिशा के अन्य शहरों से पूरी तरह कट जाता है। ग्रामीणों के लिए यह स्थिति वर्षों से लगातार बनी हुई है, लेकिन अब तक न तो प्रशासन ने कोई ठोस पहल की और न ही जनप्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया।

बरसात में जीवन ठहर जाता है, स्कूल और अस्पताल तक पहुंचना मुश्किल

बिटकिलसोय गांव निवासी शांतिएल भेंगरा बताते हैं कि बरसात के समय गड़वन डेरा नाला में पानी का स्तर इतना बढ़ जाता है कि पार करना नामुमकिन हो जाता है। नाले पर पुल नहीं होने से बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, बीमारों को अस्पताल पहुंचाना मुश्किल हो जाता है और रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी बाधित हो जाती है।

शांतिएल भेंगरा ने बताया कि यदि यहां तीन स्पेन (खंडों) का पक्का पुल बन जाए तो बालजोड़ होते हुए ओडिशा के राउरकेला तक का संपर्क मार्ग सुगम हो जाएगा। साथ ही मनोहरपुर प्रखंड मुख्यालय और रेलवे स्टेशन तक भी पहुंच आसान हो जाएगी।

कई बार आग्रह, लेकिन कोई सुनवाई नहीं

ग्रामीणों का कहना है कि पुल निर्माण की मांग को लेकर कई बार सारंडा वन प्रभाग (DFO), प्रखंड प्रशासन और संबंधित जनप्रतिनिधियों को आवेदन दिया गया है। लेकिन आश्वासन के अलावा अब तक जमीन पर कोई काम नहीं हुआ।

स्थानीय लोग बताते हैं कि बरसात भर उनके गांव और आसपास के दर्जनों गांव—जैसे डूंगरीसाई, गड़वांडीह, टांगरडीह, बिटकिलसोय आदि—की गतिविधियां लगभग थम जाती हैं।

राजनीतिक उदासीनता से ग्रामीणों में नाराजगी

ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय नेता वादे करते हैं लेकिन जीतने के बाद सब भूल जाते हैं। हर साल बरसात आते ही लोग इस समस्या को भुगतते हैं। वृद्ध, महिला, बच्चों के लिए यह परेशानी और भी ज्यादा कठिन हो जाती है।

जीवन रेखा बन सकता है यह पुल

विशेषज्ञों के अनुसार, गड़वन डेरा नाला पर प्रस्तावित पुल यदि बन जाता है तो यह केवल एक निर्माण कार्य नहीं, बल्कि सारंडा क्षेत्र के लिए जीवन रेखा साबित होगा। ग्रामीणों की सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक गतिविधियां इससे सीधे तौर पर जुड़ी हैं।

ग्रामीणों ने उठाई एक बार फिर आवाज

बीते रविवार को बिटकिलसोय गांव में ग्रामीणों की एक बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से तय हुआ कि पुल निर्माण को लेकर एक बार फिर जिला मुख्यालय में ज्ञापन सौंपा जाएगा। ग्रामीणों ने यह भी तय किया है कि यदि जल्द पहल नहीं हुई तो वे प्रखंड कार्यालय का घेराव करेंगे।

प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से अपील

सारंडा क्षेत्र के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और झारखंड सरकार से पुनः अपील की है कि गड़वन डेरा नाला पर जल्द से जल्द पक्का पुल बनाया जाए, ताकि हर साल बरसात में जो कठिनाई होती है उससे उन्हें राहत मिल सके।

ग्रामीणों की यही उम्मीद है कि वर्षों पुरानी इस मांग को अब नजरअंदाज न किया जाए और सारंडा के विकास की गाड़ी फिर से गति पकड़े।

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