जगन्नाथपुर कांड में चाईबासा कोर्ट का फैसला, पोक्सो एक्ट के तहत हुई सख्त कार्रवाई
रिपोर्ट : शैलेश सिंह
जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के बांसपाई गांव के रहने वाले मानसिंह पुरती उर्फ पानटुस को नाबालिग बच्ची के अपहरण और दुष्कर्म के गंभीर मामले में दोषी पाते हुए चाईबासा स्थित अपर सत्र न्यायाधीश-द्वितीय की अदालत ने शुक्रवार को कठोर सजा सुनाई है। पोक्सो केस संख्या 37/2021 के तहत अदालत ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(एन) में 12 साल का कठोर कारावास और 20,000 रुपये जुर्माना तथा धारा 366 में 7 साल का कठोर कारावास और 10,000 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।
2021 में हुआ था मामला दर्ज
यह मामला 27 मई 2021 को जगन्नाथपुर थाना कांड संख्या 40/2021 के तहत दर्ज किया गया था। प्राथमिकी में मानसिंह पुरती पर नाबालिग बच्ची को बहला-फुसलाकर भगाने और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने का आरोप था। यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366 और पोक्सो एक्ट की धारा 4/8 के तहत दर्ज हुआ था।
वैज्ञानिक ढंग से किया गया अनुसंधान
पुलिस अधीक्षक पश्चिमी सिंहभूम के दिशा-निर्देशन में चाईबासा पुलिस ने इस मामले में त्वरित और सशक्त कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा। मामले की जांच के दौरान सभी जरूरी साक्ष्यों को वैज्ञानिक विधि से एकत्र कर अदालत में मजबूत आरोप पत्र समर्पित किया गया।
न्यायालय ने सुनाई सख्त सजा
मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपी को दो धाराओं में दोषी मानते हुए कुल 19 वर्षों की कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही पीड़िता को न्याय दिलाने और समाज में कड़ा संदेश देने हेतु आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया।
पुलिस की कार्यशैली की सराहना
इस निर्णय के बाद चाईबासा पुलिस की तत्परता और पेशेवर कार्यशैली की सराहना की जा रही है। पुलिस द्वारा समय पर गिरफ्तारी, साक्ष्य संग्रहण और न्यायालय में प्रभावी पैरवी के चलते यह फैसला संभव हो सका।
नारी सुरक्षा के प्रति सख्त रुख का संकेत
यह फैसला न सिर्फ पीड़िता को न्याय दिलाने वाला है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि पोक्सो जैसे मामलों में राज्य की पुलिस और न्यायिक व्यवस्था बालिकाओं की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह सजग और सख्त रवैया अपना रही है।