“कौशल विकास से घटेगी आर्थिक असमानता, भविष्य में लाएगा सकारात्मक बदलाव” — जीडी महन्त
खरसावां, 16 जुलाई 2025।
विश्व युवा कौशल विकास सप्ताह के अवसर पर मॉडल स्कूल खरसावां में मंगलवार को युवा कौशल विकास दिवस की 10वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम का आयोजन वेंचर स्किल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सौजन्य से आईटी के वोकेशनल टीचर सतीश सेन प्रधान की अध्यक्षता में किया गया।
इस अवसर पर कक्षा 6 से 12वीं तक के सभी विद्यार्थियों ने भाग लिया और अपने विचार साझा करते हुए कौशल विकास के महत्व पर जोर दिया।
“कौशल विकास शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई पाटता है”— जीडी महन्त
विद्यालय के वरिष्ठ भूगोल शिक्षक जीडी महन्त ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा:
“जिस प्रकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आई है, उसी तरह राष्ट्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता नीति भी देश के कार्यबल के लिए परिवर्तनकारी होगी।”
उन्होंने आगे कहा कि युवा कौशल विकास सामाजिक न्याय को बढ़ावा देता है, बेरोजगारी और अल्प-बेरोजगारी को कम करता है और जीवन स्तर में सुधार लाता है।
गौरतलब है कि इस वर्ष विश्व युवा कौशल दिवस का विषय था:
“कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डिजिटल कौशल के माध्यम से युवा सशक्तिकरण”
शिक्षकों ने विभिन्न विषयों पर दी जानकारी
कार्यक्रम में विद्यालय के विभिन्न शिक्षकों ने अपने-अपने क्षेत्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं:
- प्रभात कुमार महतो (टूरिज्म एंड मैनेजमेंट शिक्षक): पर्यटन उद्योग में कौशल विकास के अवसरों पर प्रकाश डाला।
- विकास चंद्र महतो (मीडिया एंड एंटरटेनमेंट शिक्षक): डिजिटल मीडिया और एंटरटेनमेंट सेक्टर में रोजगार की संभावनाओं पर चर्चा की।
- बसंती महतो (कंप्यूटर लैब शिक्षिका): कंप्यूटर एवं आईटी क्षेत्र में कौशल विकास के महत्व पर जानकारी दी।
- सुनीता महतो (लैंग्वेज लैब शिक्षिका): भाषाई कौशल और व्यक्तित्व विकास पर फोकस किया।
डिजिटल युग में कौशल विकास की आवश्यकता पर जोर
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि बदलते समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स, डिजिटल मार्केटिंग जैसे क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित करना जरूरी है। यह न केवल रोजगार दिलाने में सहायक होगा, बल्कि उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे भी ले जाएगा।
कार्यक्रम में विशेष योगदान देने वाले
कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के प्रियतम सिंह, चंदन कुमार महतो, पुष्पा महतो, सुनीता देवी सहित अन्य शिक्षकों और कर्मचारियों का भी विशेष योगदान रहा।
विद्यालय प्रबंधन ने सभी प्रतिभागियों और सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन भविष्य में भी जारी रहेंगे ताकि विद्यार्थी न केवल किताबों तक सीमित रहें, बल्कि व्यवहारिक ज्ञान और कौशल में भी दक्ष बनें।