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वर्ल्ड नर्सिंग डे पर खास सम्मान। सदर अस्पताल सरायकेला में नर्सों को मिला कलम और चॉकलेट का उपहार, मनोज चौधरी ने दी बधाई

 

सरायकेला। वर्ल्ड नर्सिंग डे के अवसर पर सोमवार को सदर अस्पताल, सरायकेला में एक सादगीपूर्ण लेकिन भावनात्मक समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर अस्पताल की सभी मेल और फीमेल नर्सों ने मिलकर केक काटा और एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं।

सेवा भावना को मिला सम्मान

इस अवसर पर श्री कालूराम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष और नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने नर्सों को विशेष रूप से सम्मानित किया। उन्होंने सभी नर्सों को कलम और चॉकलेट भेंट कर नर्सिंग डे की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “डॉक्टर जहां मरीज के लक्षणों के आधार पर उपचार करते हैं, वहीं नर्सें पूरे मनोयोग से उसकी सेवा और देखभाल करती हैं।”

नर्सों की भूमिका को सराहा

मनोज चौधरी ने नर्सों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अस्पताल में मरीजों के सबसे निकट अगर कोई होता है तो वह नर्स होती हैं। मरीजों के साथ अधिकतम समय बिताने और उनकी हर छोटी-बड़ी जरूरत पर ध्यान देने का कार्य नर्सें करती हैं। उन्होंने कहा, “मरीज और परिजन सबसे पहले नर्स को ही खोजते हैं, क्योंकि वही उनकी पहली सहारा होती हैं।”

अब पुरुष भी निभा रहे नर्स की भूमिका

उन्होंने यह भी कहा कि पहले जहां नर्सिंग पेशे को महिलाओं से जोड़ा जाता था, वहीं अब पुरुष भी इस सेवा क्षेत्र में बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि 24 घंटे मरीजों की देखभाल में लगे रहने वाले इन नर्सों के कंधों पर अस्पताल की आधे से अधिक जिम्मेदारियां होती हैं।

विश्व नर्सिंग दिवस: एक श्रद्धांजलि सेवा को

मनोज चौधरी ने कहा कि “वर्ल्ड नर्सिंग डे” न केवल नर्सों के योगदान को याद करने का दिन है, बल्कि यह उनके समर्पण, करुणा और मेहनत को सम्मान देने का भी अवसर है। उन्होंने सभी नर्सों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे इसी तरह अपने सेवा भाव को बनाए रखें और समाज में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देते रहें।

कार्यक्रम में नर्सों की भागीदारी

इस अवसर पर अस्पताल की प्रमुख सिस्टर बिंदिया कुजूर, सिस्टर रोबोट समेत अन्य महिला और पुरुष नर्सें उपस्थित रहीं। सभी ने मिलकर केक काटा और वर्ल्ड नर्सिंग डे की शुभकामनाएं साझा कीं। अस्पताल परिसर में माहौल सौहार्द्रपूर्ण और उत्साह से भरा रहा।

नर्सों का योगदान अविस्मरणीय

कार्यक्रम के समापन पर मनोज चौधरी ने दोहराया कि नर्सें चिकित्सा सेवा की रीढ़ होती हैं और उनके बिना अस्पताल की कल्पना अधूरी है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से नर्सों का मनोबल बढ़ता है और वे और अधिक समर्पण से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करती हैं।

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