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सुरक्षा की दिशा में साइल का बड़ा कदम: किरीबुरू में आयोजित हुआ दो दिवसीय सुरक्षित टायर संचालन व रखरखाव कार्यशाला

झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस (JGOM) द्वारा 17-18 जुलाई 2025 को किरीबुरू लर्निंग एंड डेवलपमेंट सेंटर में आयोजित विशेष सत्र

रिपोर्ट : शैलेश सिंह।

खान क्षेत्र में सुरक्षा मानकों को और अधिक सशक्त बनाने के उद्देश्य से स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस (JGOM) द्वारा किरीबुरू स्थित लर्निंग एंड डेवलपमेंट सेंटर में दो दिवसीय “सुरक्षित टायर संचालन व रखरखाव कार्यशाला” का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम खान सुरक्षा महानिदेशालय, दक्षिण-पूर्व क्षेत्र, रांची के तत्वावधान में संपन्न हुआ।

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में झारखंड और ओडिशा ग्रुप ऑफ माइंस के नौ मुख्य महाप्रबंधकों (CGMs) समेत सीनियर लीडरशिप ने भाग लिया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे:

  • श्री आर. पी. सेल्वम, CGM (माइंस), MIOM
  • श्री कमलेश राय, CGM I/c (माइंस), KIOM
  • श्री कमल भास्कर, CGM (माइंस), GOM-MOM-BNP
  • श्री आनंद कुमार, CGM (मेंटेनेंस), OGOM
  • श्री एस. एस. शाह, CGM I/c (मेंटेनेंस), JGOM
  • श्री मल्ला श्रीनिवासु, CGM (माइंस), BOM
  • श्री धीरेन्द्र मिश्रा, CGM (एचआर), JGOM
  • श्री पीएम शिरपुरकर, CGM (माइंस), KIOM
  • श्री सी. बी. कुमार, CGM (मेंटेनेंस), JGOM

कार्यशाला की थीम: जीरो हार्म की दिशा में सामूहिक प्रयास

सत्र का संचालन डीजीएम (एचआर-एलएंडडी) श्री रथिन बिस्वास ने किया। उन्होंने आगंतुकों, विशेषज्ञ फैकल्टी और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला के उद्देश्यों को स्पष्ट किया।

कार्यशाला में गेनवेल, बीकेटी और एलएंडटी जैसी अग्रणी कंपनियों के विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए। इनमें शामिल रहे:

  • सुरक्षित टायर संचालन प्रक्रियाएं
  • रोकथामात्मक रखरखाव रणनीतियां
  • हाई कैपेसिटी डंपरों की उन्नत सुरक्षा विशेषताएं

इसके अलावा, खान क्षेत्र में फील्ड डेमोंस्ट्रेशन और प्रैक्टिकल एक्सपोजर भी प्रदान किया गया।

सीनियर लीडरशिप के संदेश

श्री कमलेश राय ने कार्यशाला में कहा कि “सेल के ‘जीरो हार्म’ विजन को साकार करने के लिए मजबूत सुरक्षा संस्कृति का निर्माण जरूरी है। यह तभी संभव है जब हर स्तर पर सामूहिक जिम्मेदारी और निरंतर सीखने की भावना विकसित हो।”

श्री आर. पी. सेल्मब ने अपने संबोधन में कहा कि “ऑपरेशनल अनुशासन, मेंटेनेंस प्रोटोकॉल का पालन और इकाइयों के बीच ज्ञान का साझा करना टायर संबंधित जोखिमों को कम करने के लिए अनिवार्य है।”

देशभर की इकाइयों से सक्रिय सहभागिता

कार्यशाला में सेल के सभी पांच एकीकृत इस्पात संयंत्र—बीएसएल, बीएसपी, डीएसपी, आरएसपी और आईएसपी के प्रतिभागियों के अलावा सीजीओएम (डल्ली मैकेनाइज्ड, राजहरा, नंदिनी माइंस), ओजीओएम (बिम और बीओएम), और jgom (गुआ, मेघहतुबुरु, किरीबुरू) के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

सभी प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक प्रशिक्षण में भाग लेते हुए कार्यशाला को व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करने का अनूठा अवसर बताया।

कार्यशाला का समापन: जमीनी स्तर पर बदलाव का आह्वान

दो दिवसीय कार्यशाला के समापन सत्र में सभी ने संकल्प लिया कि जो कुछ भी सीखा गया है, उसे अपनी-अपनी खान इकाइयों में लागू करते हुए कार्य संस्कृति को और अधिक सुरक्षित एवं कुशल बनाया जाएगा।

संपर्क के लिए:

डीजीएम (एचआर-एलएंडडी), लर्निंग एंड डेवलपमेंट सेंटर, किरीबुरू, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL)

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