हर बच्चे का सुरक्षित और सशक्त भविष्य जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता: उपायुक्त
रिपोर्ट : शैलेश सिंह।
एक सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए बच्चों का संरक्षण, सशक्तिकरण और विकास आवश्यक है। इसी उद्देश्य को लेकर पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है। आज उपायुक्त-सह-अध्यक्ष, जिला बाल संरक्षण इकाई श्री नितिश कुमार सिंह की अध्यक्षता में मिशन वात्सल्य योजना अंतर्गत स्पॉन्सरशिप, फोस्टर केयर तथा बाल देखरेख संस्थानों से संबंधित जिला स्तरीय समिति की महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
स्पॉन्सरशिप योजना में 237 बच्चों को लाभ, 100 और जोड़ने की तैयारी
बैठक में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी ने जानकारी दी कि स्पॉन्सरशिप योजना के तहत पूर्व में 237 बच्चों को आच्छादित किया जा चुका है। साथ ही 100 नए बच्चों को योजना से जोड़ने की प्रक्रिया प्रगति पर है। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि यह कार्य पारदर्शी ढंग से और शीघ्र पूरा किया जाए ताकि बच्चों को आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा मिल सके।
फोस्टर केयर योजना में 4 नए परिवार चयनित, 15 बच्चों का मिलान पूर्ण
फोस्टर केयर (पालन-पोषण देखभाल) योजना के अंतर्गत 4 नए फोस्टर परिवारों का चयन कर 15 बच्चों के साथ मिलान की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। उपायुक्त द्वारा चयनित फोस्टर परिवारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। इसके अलावा 14 अन्य बच्चों के लिए संभावित फोस्टर परिवारों से मिलान की प्रक्रिया जारी है।
फोस्टर केयर और आफ्टर केयर कार्यक्रम को और सशक्त बनाने पर जोर
उपायुक्त श्री नितिश कुमार सिंह ने कहा कि फोस्टर केयर और आफ्टर केयर कार्यक्रम को और प्रभावी और व्यापक बनाना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है। उन्होंने यूनिसेफ, सेंटर फॉर चाइल्ड राइट्स (NUSRL), फोस्टर केयर सोसाइटी जैसी संस्थाओं के तकनीकी सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि इनके साथ मिलकर जिले में बच्चों के संरक्षण तंत्र को और मजबूती दी जाएगी।
बाल संरक्षण योजनाओं के पारदर्शी क्रियान्वयन के निर्देश
बैठक में उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिया कि राज्य और केंद्र सरकार द्वारा बच्चों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ हर पात्र बच्चे तक पारदर्शी तरीके से पहुंचे। किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
बैठक में अधिकारियों और संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी
बैठक में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, सहायक निदेशक (सामाजिक सुरक्षा), अनुमंडल पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक, जिला बाल संरक्षण इकाई के पदाधिकारी, बाल कल्याण समिति के सदस्यगण तथा विभिन्न बाल देखरेख संस्थानों के प्रतिनिधिगण मौजूद रहे। सभी ने बच्चों के समग्र विकास और अधिकार संरक्षण को लेकर अपने सुझाव भी साझा किए।
बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में जिला प्रशासन की सशक्त पहल
पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन की यह पहल बाल संरक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कदम मानी जा रही है। उपायुक्त ने कहा कि प्रशासन की पूरी कोशिश है कि हर बच्चे को सुरक्षित, सम्मानित और उज्ज्वल भविष्य मिल सके।