सभापति रामचंद्र सिंह ने दिए लंबित मामलों के शीघ्र निष्पादन और विभागीय प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के निर्देश
रिपोर्ट : शैलेश सिंह ।
पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत चाईबासा परिसदन के सभागार में सोमवार को झारखंड विधानसभा की सदाचार समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता समिति के सभापति श्री रामचंद्र सिंह ने की, वहीं समिति सदस्य श्री चंद्रदेव महतो की विशेष मौजूदगी रही। इस अवसर पर जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारीगण भी उपस्थित थे।
बैठक से पूर्व चाईबासा परिसदन पहुंचने पर जिला उपायुक्त श्री चंदन कुमार एवं पुलिस अधीक्षक श्री राकेश रंजन ने पुष्प गुच्छ भेंट कर समिति अध्यक्ष व सदस्य का गर्मजोशी से स्वागत किया।
अनुकंपा नियुक्तियों व जनहितकारी योजनाओं की गहन समीक्षा
सभी लंबित मामलों के निपटारे का निर्देश
बैठक के दौरान समिति ने जिला के विभिन्न विभागों के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। अनुकंपा आधारित नियुक्तियों, पेंशन मामलों, तथा जनहितकारी योजनाओं की प्रगति का अवलोकन करते हुए समिति अध्यक्ष श्री रामचंद्र सिंह ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी लंबित मामलों का शीघ्र निष्पादन सुनिश्चित करें।
आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति पर विशेष चर्चा
रिक्त पदों और किशोरी समृद्धि योजना की भी हुई समीक्षा
समिति द्वारा जिला समाज कल्याण पदाधिकारी से आंगनबाड़ी केंद्रों की भौतिक स्थिति, वहां रिक्त पदों की जानकारी, तथा सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना की प्रगति की विस्तृत रिपोर्ट ली गई। समिति ने आंगनबाड़ी कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए ठोस कदम उठाने की बात कही।
विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा: रिपोर्ट सौंपने का निर्देश
स्वास्थ्य, शिक्षा, निर्माण, ग्रामीण विकास, पथ निर्माण, कृषि सहित सभी विभागों की हुई समीक्षा
बैठक में स्वास्थ्य, आपूर्ति, शहरी एवं ग्रामीण विकास, भवन निर्माण, विशेष प्रमंडल, पथ निर्माण, शिक्षा, सहकारिता, कृषि, निबंधन, कल्याण, तथा जिला योजना जैसे अहम विभागों के तहत चल रहे कार्यों का मूल्यांकन किया गया। समिति अध्यक्ष ने सभी विभागीय पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे अपने-अपने विभागों का अद्यतन प्रतिवेदन समिति को अविलंब उपलब्ध कराएं।
लोकहित में जवाबदेही तय करने की पहल
समिति की सक्रियता से प्रशासनिक गति और पारदर्शिता की उम्मीद
झारखंड विधानसभा की सदाचार समिति की यह समीक्षा बैठक न सिर्फ जनहितकारी योजनाओं की प्रगति का परीक्षण थी, बल्कि विभागीय जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित हुई। समिति द्वारा लिए गए निर्देशों के आलोक में आने वाले दिनों में जिले के प्रशासनिक कार्यों में गति और पारदर्शिता की अपेक्षा की जा रही है।