गुप्त सूचना के आधार पर उत्पाद विभाग की कार्रवाई, मिनी फैक्ट्री ध्वस्त; आरोपी फरार, अनुसंधान जारी
गुआ, संवाददाता ।
गुप्त सूचना के आधार पर सहायक आयुक्त, उत्पाद विभाग, पश्चिमी सिंहभूम के निर्देश पर सोमवार को मुफ्फसिल थाना अंतर्गत मुंडुएदेल गांव में अवैध शराब निर्माण की एक मिनी फैक्ट्री पर छापेमारी की गई। इस दौरान उत्पाद विभाग की टीम ने बड़ी मात्रा में तैयार और अधपकी शराब के साथ भारी मात्रा में शराब निर्माण से संबंधित सामग्री जब्त की।
कार्रवाई में 277 लीटर अवैध इंग्लिश शराब, 200 लीटर कच्चा स्प्रिट, 100 लीटर तैयार किया गया बोतलबंद करने योग्य शराब, 1000 खाली शराब की बोतलें, 500 ढक्कन और 5000 नकली ब्रांडेड स्टिकर बरामद किए गए हैं। साथ ही शराब बनाने में प्रयुक्त अन्य उपकरण और सामग्री भी जब्त की गई है।
पूरी फैक्ट्री को किया गया ध्वस्त
उत्पाद विभाग की टीम ने मौके पर अवैध मिनी फैक्ट्री को ध्वस्त कर दिया और जब्त सामान को सुरक्षित तरीके से कब्जे में लिया। यह फैक्ट्री ग्रामीण क्षेत्र के एक सुनसान जगह पर संचालित की जा रही थी, जिससे लंबे समय से अवैध शराब का निर्माण और सप्लाई किया जा रहा था।
आरोपी फरार, अनुसंधान जारी
छापेमारी के दौरान इस अवैध कारोबार में संलिप्त आरोपी मौके से फरार हो गए। विभाग ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ फरार अभियोग दर्ज कर लिया है। मामले की गहराई से जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस की सक्रियता
मामले में स्थानीय थाना मुफ्फसिल की पुलिस ने भी उत्पाद विभाग का सहयोग किया। यह कार्रवाई शराब माफियाओं के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान का हिस्सा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, जिले में चल रहे अवैध शराब के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए आगे भी छापेमारी अभियान जारी रहेगा।
गांव में मची हलचल
मुंडुएदेल गांव में छापेमारी की खबर से हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने बताया कि यह अवैध कारोबार पिछले कुछ महीनों से चल रहा था, लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि यह इस स्तर पर संचालित हो रहा है।
उत्पाद विभाग का संदेश
उत्पाद विभाग ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे अपने क्षेत्र में चल रहे किसी भी अवैध शराब निर्माण या बिक्री की जानकारी तुरंत पुलिस या विभाग को दें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।
निष्कर्ष:
मुंडुएदेल गांव में अवैध शराब निर्माण के बड़े अड्डे का भंडाफोड़ उत्पाद विभाग के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। इससे यह स्पष्ट होता है कि जिला प्रशासन अवैध माफियाओं के खिलाफ गंभीरता से कार्रवाई में जुटा है। अब देखना है कि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी कब तक होती है और यह नेटवर्क किन-किन तक फैला हुआ है।