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लोक लेखा समिति की समीक्षा बैठक संपन्न: विकास योजनाओं की प्रगति पर हुई गहन चर्चा

शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, पथ निर्माण से लेकर खनन विभाग तक सभी योजनाओं की गुणवत्ता और प्रभावशीलता की हुई जांच

रिपोर्ट : शैलेश सिंह ।

पश्चिमी सिंहभूम जिला परिसदन सभागार में आज लोक लेखा समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता समिति के सभापति श्री मनोज कुमार यादव ने की। इस अवसर पर समिति सदस्य श्री सुखराम उरांव, श्री अमित कुमार यादव, श्री समीर कुमार महान्ती और श्री जगत माझी की उपस्थिति रही।


विभिन्न विभागों की शिकायतों और योजनाओं की हुई समीक्षा

बैठक की शुरुआत में समिति के सदस्यों ने जिले के विभिन्न विभागों से प्राप्त शिकायतों की अद्यतन स्थिति का क्रमवार विश्लेषण किया। इसके बाद बैठक का फोकस जिले में संचालित विकास योजनाओं की समीक्षा पर केंद्रित रहा।

विशेष रूप से लंबित योजनाओं की स्थिति, कार्यों की गुणवत्ता, कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा और जनहित में योजनाओं की वास्तविक पहुंच पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया।


जिन विभागों की हुई गहन समीक्षा:

बैठक के दौरान जिन विभागों की कार्यप्रगति का आकलन किया गया, उनमें शामिल थे:

  • शिक्षा विभाग
  • स्वास्थ्य विभाग
  • ग्रामीण विकास विभाग
  • स्वच्छता एवं पेयजल विभाग
  • पथ निर्माण विभाग
  • जिला पंचायती राज विभाग
  • नगर विकास विभाग
  • वन एवं पर्यावरण विभाग
  • मंडल कारा (कारागार विभाग)
  • कृषि विभाग
  • नगर निगम
  • परिवहन एवं खनन विभाग
  • तथा अन्य संबंधित विभाग

अधिकारियों को दिए गए आवश्यक निर्देश

समीक्षा के क्रम में लोक लेखा समिति द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए कि सभी विभाग योजनाओं के बेहतर एवं समयबद्ध कार्यान्वयन को सुनिश्चित करें। समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही अथवा विलंब जनहित के विरुद्ध है और इसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।


समीक्षा बैठक में शामिल हुए जिले के वरिष्ठ पदाधिकारी

इस समीक्षा बैठक में जिला प्रशासन एवं विभागीय अधिकारियों की भागीदारी भी विशेष रूप से रही। बैठक में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे:

  • जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त – श्री चंदन कुमार
  • पुलिस अधीक्षक – श्री राकेश रंजन
  • उप विकास आयुक्त – श्री संदीप कुमार मीणा
  • अपर उपायुक्त – श्री प्रवीण करकट्टा
  • सभी वन प्रमंडल पदाधिकारी
  • अन्य विभागों के वरीय अधिकारीगण

योजनाओं की प्रभावशीलता पर भी रहा जोर

लोक लेखा समिति ने इस बात पर बल दिया कि केवल योजनाओं का निर्माण और कार्य प्रारंभ करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह देखना आवश्यक है कि योजनाओं का लाभ वास्तव में जमीनी स्तर पर जनता तक पहुंच रहा है या नहीं।

सुधार के लिए सुझाव, निगरानी की प्रणाली और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की जरूरत – यह भी समिति की अनुशंसा में प्रमुख रहा।


लोक लेखा समिति की भूमिका बनी सक्रिय और निर्णायक

इस बैठक के माध्यम से यह स्पष्ट संकेत गया कि लोक लेखा समिति अब केवल दस्तावेजी समीक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर योजनाओं की गुणवत्ता और प्रभाव पर निगरानी रखने को लेकर सक्रिय और गंभीर है।


जिला प्रशासन की अपील: जनता करें सहयोग

जनता यदि किसी योजना में गड़बड़ी, विलंब या भ्रष्टाचार की जानकारी रखती है तो वह सीधे प्रशासन या समिति से संपर्क कर सकती है।

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