खरसावां संवाददाता ।
झारखंड के खरसावां विधायक दशरथ गागराई ने राजकीय पॉलिटेक्निक खरसावां में व्याप्त अनियमितताओं और प्राचार्य डॉ. उमेश कुमार के कथित दुर्व्यवहार के खिलाफ मुख्यमंत्री को पत्र सौंपते हुए तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग की है।
छात्रों से जबरन वसूली और मानसिक प्रताड़ना के आरोप
विधायक गागराई द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में उल्लेख किया गया है कि प्राचार्य डॉ. उमेश कुमार के खिलाफ छात्रों ने गंभीर शिकायतें की हैं।
- छात्रों को आंतरिक परीक्षा में कम अंक देने की धमकी दी जाती है।
- कई छात्रों को छात्रावास से निकाल कर किराए पर रहने के लिए मजबूर किया गया है।
- यूपीआई के माध्यम से जबरन पैसे वसूलने का आरोप भी छात्रों ने लगाया है।
क्षेत्र भ्रमण के दौरान विधायक को यह भी जानकारी मिली कि छात्रों का भयादोहन और शोषण संस्थान में सामान्य बात बन गई है।
व्याख्याताओं के मानदेय में सात माह की देरी, भेदभाव का आरोप
पत्र में कहा गया है कि संस्थान से जुड़े अधिकतर व्याख्याता संविदा आधारित हैं और उन्हें घंटी (लेसन) के आधार पर मानदेय मिलता है।
- लेकिन सात माह से मानदेय का भुगतान लंबित है।
- व्याख्याताओं ने बताया कि घंटी आवंटन में भेदभाव किया जाता है।
- चहेते शिक्षकों को अधिक घंटी, जबकि अन्य को कम घंटी देकर परेशान किया जाता है।
तकनीकी शिक्षा विभाग को भी दी गई जानकारी
व्याख्याताओं ने इस संबंध में तकनीकी शिक्षा निदेशक, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को भी कई बार अवगत कराया है।
लेकिन अभी तक स्थिति में सुधार नहीं हुआ है, जिससे शिक्षकों और कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।
विधायक ने की मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग
विधायक दशरथ गागराई ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि:
- मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए।
- दोषी प्राचार्य और लिपिक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हो।
- छात्रों और शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि छात्रों और शिक्षकों के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
निष्कर्ष:
खरसावां में राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान में जारी इस तरह की अनियमितताएं झारखंड की तकनीकी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती हैं। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री इस शिकायत पर क्या त्वरित कदम उठाते हैं।