एस.बी.एम. हाई स्कूल, जमशेदपुर में आयोजित संगोष्ठी में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा – बार-बार के चुनाव देश की नीतियों और विकास की रफ्तार को प्रभावित करते हैं
सरायकेला- शनिवार को एस.बी.एम. हाई स्कूल में ‘एक राष्ट्र – एक चुनाव’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त बनाने की दिशा में गंभीर विमर्श हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि “’एक राष्ट्र – एक चुनाव’ कोई केवल चुनावी प्रयोग नहीं, बल्कि यह लोकतंत्र की संरचना को व्यवस्थित करने की दिशा में एक दूरगामी सोच है।”
बार-बार चुनावों से उत्पन्न होते हैं अव्यवस्था और खर्च
अर्जुन मुंडा ने कहा कि बार-बार चुनाव कराना न केवल प्रशासनिक दृष्टि से जटिल होता है, बल्कि इससे सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ भी पड़ता है। “हर बार आचार संहिता लागू होने से योजनाओं की रफ्तार धीमी हो जाती है, विकास प्रभावित होता है और नीति-निर्माण की प्रक्रिया ठहर जाती है,” उन्होंने कहा।
स्थायित्व और संसाधन बचत की दिशा में बड़ा कदम
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रणाली शासन में स्थायित्व लाएगी, नीतिगत फैसलों की निरंतरता सुनिश्चित करेगी और सरकारी संसाधनों की भारी बचत होगी। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे इस अवधारणा को समझें, इस पर विचार करें और लोकतांत्रिक संवाद को मजबूत करें।
वरिष्ठ भाजपा नेताओं की मौजूदगी में हुआ आयोजन
संगोष्ठी में भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री मनोज कुमार सिंह, जमशेदपुर महानगर भाजपा के जिलाध्यक्ष श्री सुधांशु ओझा समेत कई बुद्धिजीवी, शिक्षक और छात्र उपस्थित थे। वक्ताओं ने विषय पर अपने-अपने विचार रखे और कहा कि एकसमान चुनाव प्रणाली न केवल समय और धन की बचत करेगी, बल्कि जनता और प्रशासन के बीच पारदर्शिता भी बढ़ाएगी।
छात्रों ने भी रखा विचार
कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों ने भी ‘एक राष्ट्र – एक चुनाव’ के पक्ष और विपक्ष में अपने विचार प्रस्तुत किए, जिससे संगोष्ठी का स्तर और भी ज्ञानवर्धक हो गया।