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एक ओर राष्ट्रीय पुरस्कार, दूसरी ओर डायरिया से मौत – मनोज चौधरी का प्रशासन पर सवाल

स्वच्छ पेयजल की कमी से फैली महामारी, अभियंताओं की लापरवाही को बताया जिम्मेदार


राष्ट्रीय सम्मान और जमीनी हकीकत का विरोधाभास

सरायकेला संवाददाता 

सरायकेला नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष और सक्रिय नेता मनोज कुमार चौधरी ने खरसावां प्रखंड के कुड़ियासाई टोला में दूषित पानी पीने से दो ग्रामीणों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा—

“जिला को आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है, लेकिन विडंबना है कि इसी जिले के कई हिस्सों में लोग स्वच्छ पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित हैं। डायरिया का प्रकोप इस असलियत को उजागर करता है।”


डीसी का दौरा सराहनीय, लेकिन…

मनोज चौधरी ने उपायुक्त नितिश कुमार सिंह के प्रभावित गांव में पहुंचकर राहत और चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश को प्रशंसनीय बताया। लेकिन उन्होंने सवाल उठाया कि जब समस्या की जड़ पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की लापरवाही है, तो जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?


अभियंताओं पर गंभीर आरोप

मनोज चौधरी ने आरोप लगाया कि—

  • अभियंता फील्ड में न जाकर एसी कमरों में बैठते हैं।
  • हर घर नल-जल योजना, शौचालय निर्माण और जलमीनार जैसी योजनाओं की प्रगति अत्यंत धीमी है।
  • ग्रामीण दूषित पानी पीने को मजबूर हैं और नारकीय जीवन जी रहे हैं।
  • प्राक्कलन घोटाला भी हो रहा है, जिसमें अनुपयोगी आइटम डालकर भारी-भरकम बजट बनाया जाता है और राशि हड़पने का प्रयास किया जाता है।

कड़ी कार्रवाई की मांग

मनोज चौधरी ने स्पष्ट कहा कि—

“केवल दोषी संवेदकों पर ही नहीं, बल्कि गैर-जिम्मेदार अभियंताओं पर भी ठोस और कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि सरकार की योजनाओं का लाभ समय पर जनता तक पहुंचे।”

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