मिट्टी, धूल और प्रदूषण से हरियाली और जीवन की ओर कदम, माइनिंग क्षेत्र में डंप प्रबंधन को नया आयाम
नोआमुंडी।
वन महोत्सव केवल प्रतीकात्मक पौधारोपण का पर्व नहीं, बल्कि यह हमारे भविष्य को हरा-भरा, स्वस्थ और संतुलित बनाए रखने का एक संकल्प है। इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए नोआमुंडी आयरन माइन ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक और सराहनीय कदम उठाया है। खनन क्षेत्र में डंप प्रबंधन के तहत इस वर्ष 20,000 पौधों के रोपण का संकल्प लिया गया है।
वेस्ट डंप क्षेत्र में 6,000 पौधों का सफलतापूर्वक रोपण
वन महोत्सव सप्ताह के अवसर पर प्रारंभ हुए इस विशेष अभियान के तहत पहले चरण में लगभग 3,000 पौधों का रोपण वेस्ट डंप एरिया में किया गया। इसके बाद कुल मिलाकर 6,000 स्थानीय प्रजातियों के वानिकी पौधे (Forestry Trees) लगाए गए। इसका मुख्य उद्देश्य डंप स्लोप पर हरियाली बढ़ाकर धूल प्रदूषण को कम करना, पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना और क्षेत्रीय पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त करना है।
बागवानी अनुभाग व खनन विभाग का समन्वय
इस अभियान को बागवानी अनुभाग के मार्गदर्शन में, खनन विभाग, पर्यावरण टीम तथा श्रमिकों की समर्पित सहभागिता से जनभागीदारी का रूप दिया गया। यह प्रयास सिर्फ पौधारोपण तक सीमित नहीं रहा, बल्कि एक व्यापक जनजागरूकता अभियान में तब्दील हो गया।
डंप प्रबंधन को नया रूप देने की दिशा में पहल
खनन कार्यों से उत्पन्न वेस्ट डंप क्षेत्र सामान्यतः परित्यक्त समझे जाते हैं, लेकिन अब इन क्षेत्रों में हरियाली लौटाकर उन्हें पुनर्जीवित किया जा रहा है। यह प्रयास न केवल धूल नियंत्रण, मृदा कटाव रोकने, और स्थानीय जलवायु को संतुलित करने में सहायक है, बल्कि यह जैव विविधता को भी प्रोत्साहित करता है।
पर्यावरणीय संस्कृति को आगे बढ़ाने का संकल्प
भारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण को जीवनशैली का अंग माना गया है। इस अभियान ने इस परंपरा को आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ जोड़ा है। वृक्षों, नदियों, पर्वतों और जलस्रोतों को मातृवत् मानने की भावना यहाँ बखूबी झलकती है।
सभी कर्मियों से “एक पौधा – एक संकल्प” की अपील
इस अवसर पर आयोजित जागरूकता सत्र में कर्मचारियों से अपील की गई कि वे एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं और उसकी देखभाल करें। क्योंकि पौधा लगाना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है उसकी नियमित देखभाल और संरक्षण।
हरियाली के साथ शुद्ध भविष्य की ओर
प्रबंधन, पर्यावरण विभाग, श्रमिक यूनियन और आम कर्मियों की सामूहिक भागीदारी से चलाया गया यह अभियान नोआमुंडी के माइनिंग क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा। 20,000 पौधों का यह लक्ष्य सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध वायु, हरियाली और स्वास्थ्यवर्धक पर्यावरण की अमूल्य सौगात है।
“आज का पौधा, कल की साँसों की सुरक्षा” – इसी मूल भावना के साथ नोआमुंडी आयरन माइन ने वन महोत्सव को वास्तविक अर्थों में सार्थक बनाया है।