10 साल की कैद और जुर्माना, विस्फोटक रखने का था आरोप
रिपोर्ट: शैलेश सिंह
पश्चिमी सिंहभूम जिले के बंदगाँव थाना क्षेत्र में वर्ष 2014 में दर्ज कांड संख्या 30/2014 के तहत अभियुक्त निरल टोपनो को विस्फोटक पदार्थ अधिनियम एवं सीएलए एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए न्यायालय ने 10 साल की सजा सुनाई है।
गिरफ्तारी की पूरी घटना
22 अगस्त 2014 को पुलिस बल द्वारा गंडेकदा गाँव में सर्च अभियान चलाया जा रहा था। इस दौरान एक युवक पुलिस को देखते ही भागने लगा, जिसे घेराबंदी कर पकड़ लिया गया। पूछताछ में उसने अपना नाम निरल टोपनो (पिता- मनसिध टोपनो, निवासी- गंडिककदा, थाना- बंदगाँव, जिला- पश्चिम सिंहभूम) बताया।
बरामद हुए विस्फोटक और हथियार
पुलिस ने स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में तलाशी ली, जिसमें निम्नलिखित सामग्रियाँ बरामद हुईं—
एक पुराना इंटेक्स मोबाइल जिसमें दो सिम (7766837713 एवं 9931329628) लगे थे।
पीले रंग के प्लास्टिक में करीब 1 किलो विस्फोटक पदार्थ।
सफेद रंग के पाउडर के रूप में 1 किलो विस्फोटक।
8 विंडोलिया खांकी रंग के कारतूस रखने वाले बेल्ट।
कैमोफ्लॉज वर्दी (एक टी-शर्ट और एक फुल पैंट के साथ)।
पीएलएफआई नक्सली संगठन से था संबंध
पूछताछ में निरल टोपनो ने स्वीकार किया कि ये सामान प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई के एरिया कमांडर शनिचर सुरीन और एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के लिए रखा गया था। इसका उद्देश्य पुलिस बल को नुकसान पहुँचाना और उग्रवादी गतिविधियों को बढ़ावा देना था।
न्यायालय का फैसला
चाईबासा पुलिस ने वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य एकत्रित कर माननीय अपर सत्र न्यायाधीश- प्रथम, चक्रधरपुर की अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया। विचारण के बाद 11 मार्च 2025 को न्यायालय ने दोष सिद्ध होने पर निरल टोपनो को विस्फोटक पदार्थ अधिनियम (धारा 4/5) में 10 साल की सजा और ₹10,000 जुर्माना तथा सीएलए एक्ट (धारा 17) में 3 साल की सजा और ₹3,000 जुर्माना सुनाया।
सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी सफलता
यह फैसला नक्सल विरोधी अभियानों की सफलता को दर्शाता है। पुलिस प्रशासन ने इसे नक्सली गतिविधियों पर कड़ा प्रहार बताया है और कहा कि उग्रवादी तत्वों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।