परिचित महिला के झांसे में आई थी 16 वर्षीय किशोरी, चेन्नई ले जाई जा रही थी नौकरी के नाम पर, बड़ाजामदा में सतर्क दो सहेलियों ने खोली तस्करी की साजिश
गुआ संवाददाता।
24 घंटे की बेचैनी और डर के बाद जब नुईया गांव की एक मां ने गुआ थाना परिसर में अपनी बेटी को सकुशल देखा, तो आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। यह वही बेटी थी जिसे एक महिला “बेहतर नौकरी” का सपना दिखाकर चेन्नई ले जा रही थी, लेकिन गुआ थाना पुलिस और टाटानगर रेल पुलिस की मुस्तैदी ने एक बड़ा अपराध होने से रोक दिया। नाबालिग को रेस्क्यू कर शुक्रवार को गुआ थाना लाया गया और थाना प्रभारी नीतीश कुमार ने उसे ससम्मान परिजनों को सौंप दिया।
बेटी के लौटने पर गांव में खुशी, मां ने पुलिस के आगे जोड़े हाथ
थाना परिसर में जैसे ही 16 वर्षीय लड़की को उसकी मां की गोद में सौंपा गया, वहां मौजूद लोग भावुक हो उठे। मां की आंखों से झर-झर आंसू बहने लगे और उसने थानेदार नीतीश कुमार और उनकी टीम को धन्यवाद देते हुए कहा – “भगवान का रूप हैं आप लोग, मेरी बच्ची को नरक में जाने से बचा लिये।”

परिचित महिला बन गई दलाल, तस्करी की शिकार होने से बची किशोरी
लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाने वाली नोवामुण्डी की महिला नुईया गांव के आस-पास आती-जाती रहती थी और गांव की एक बहू से उसका संबंध था। इसी भरोसे का फायदा उठाकर वह लड़की को ट्रेन में बैठा ले गई। लेकिन बड़ाजामदा स्टेशन पर साथ गई दो अन्य लड़कियों को शक हुआ और वे सतर्क होकर उतर गईं। घर लौटकर उन्होंने जो बताया, उसने पूरे गांव को हिला दिया।
बड़ाजामदा में सतर्क सहेलियों ने खोला तस्करी का खेल
दोनों सहेलियों की सतर्कता ने ही समय रहते पुलिस को कार्रवाई का मौका दिया। परिजनों से जानकारी मिलते ही गुआ थाना पुलिस ने नोवामुंडी और टाटानगर रेल पुलिस के साथ समन्वय बनाकर तुरंत ऑपरेशन शुरू किया।
टाटानगर से मिला सुराग, ट्रेन से चेन्नई ले जाई जा रही थी किशोरी
रेलवे स्टेशन पर चलाए गए सघन तलाशी अभियान में महिला तस्कर के साथ लड़की को पकड़ा गया। पूछताछ में सामने आया कि उसे चेन्नई ले जाकर घरेलू नौकरानी या होटल में काम दिलाने का झांसा दिया गया था। सूत्र बताते हैं कि 26 जून को टाटानगर स्टेशन से 16 अन्य युवतियों को भी रेस्क्यू कर मानव तस्करी होने से बचेया गया।
किशोरी को सौंपे जाने के साथ ही सिसकी बन गई साजिश की आवाज़
थाना में जब लड़की ने अपनी मां से लिपटकर कहा “मां, मुझे माफ कर दो, मैं नहीं जानती थी ये औरत मुझे बेचने ले जा रही थी”, तो हर किसी की आंखें नम हो गईं। गांव में अब भी इस घटना की चर्चा हो रही है।
एक और युवती लापता, दूसरी मां ने भी पुलिस से लगाई गुहार
घटना के ठीक अगले दिन नुईया गांव की एक और महिला अपनी बेटी की गुमशुदगी की शिकायत लेकर थाना पहुंची। आशंका है कि वह भी उसी नेटवर्क का हिस्सा बन चुकी है जो बच्चियों को बड़े शहरों में बेचने का काम करता है। हालांकि पुलिस मामले की जांच कर रही है।
गांवों में बढ़ा आक्रोश, तस्करी रैकेट के खिलाफ एकजुटता की मांग
इस घटना के बाद नुईया, नोवामुंडी और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में मानव तस्करों के खिलाफ आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे अपराधों में शामिल लोगों को कड़ी सजा दी जाए और गांव की बच्चियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
संदेह हो तो तुरंत दें सूचना: थाना प्रभारी की अपील
गुआ थाना प्रभारी नीतीश कुमार ने ग्रामीणों से अपील की है कि किसी भी बाहरी व्यक्ति पर आंख मूंदकर विश्वास न करें। यदि कोई नौकरी या अच्छे भविष्य का सपना दिखाकर बच्चों को बाहर ले जाने की कोशिश करे तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।
निष्कर्ष: एक बेटी बची, लेकिन खतरा अभी टला नहीं
यह घटना बताती है कि आज भी गांव की मासूम बच्चियों को बहकाकर मानव तस्करी का धंधा फल-फूल रहा है। गुआ पुलिस की सतर्कता से एक बेटी सुरक्षित लौट आई, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि जब तक पूरे समाज में सतर्कता और जागरूकता नहीं होगी, तब तक ये बेटियां सुरक्षित नहीं मानी जा सकतीं।