रिपोर्ट : शैलेश सिंह
केन्द्रीय विद्यालय मेघाहातुबुरु के छात्र प्रेम एसआर ने सीबीएसई 12वीं की परीक्षा (विज्ञान संकाय) में 96 प्रतिशत अंक प्राप्त कर न केवल विद्यालय का नाम रोशन किया, बल्कि पश्चिमी सिंहभूम जिला में टॉप कर एक नया कीर्तिमान भी स्थापित कर दिया। उनकी इस ऐतिहासिक सफलता से विद्यालय प्रबंधन, शिक्षकों, अभिभावकों और स्थानीय समाज में खुशी की लहर है।
सफलता की ओर मजबूत क़दम
मेघावी छात्र प्रेम एसआर ने इससे पहले JEE Mains परीक्षा भी अच्छे अंकों से उत्तीर्ण कर ली है। अब वे इस माह JEE Advanced परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं। उनका लक्ष्य देश के प्रतिष्ठित आईआईटी संस्थानों में दाखिला पाना है। प्रेम की यह सफलता उसकी मेहनत, अनुशासन, समर्पण और मार्गदर्शन का परिणाम है।
विद्यालय ने रचा इतिहास, 10वीं और 12वीं दोनों में 100% सफलता
केन्द्रीय विद्यालय मेघाहातुबुरु ने इस बार शिक्षा के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय इतिहास रच दिया है। विद्यालय के 10वीं और 12वीं दोनों बोर्ड परीक्षाओं में इस बार शत-प्रतिशत परिणाम आए हैं। सभी विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त कर विद्यालय के शिक्षण स्तर, अनुशासन और शिक्षा-पद्धति पर मुहर लगा दी है। यह उपलब्धि दर्शाती है कि यह विद्यालय सिर्फ शिक्षण नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण व समग्र विकास की दिशा में भी गंभीर प्रयास कर रहा है।
कुशल नेतृत्व और समर्पित शिक्षकों का योगदान
विद्यालय की इस शानदार सफलता के पीछे कुशल प्रबंधन और शिक्षकों की कड़ी मेहनत अहम भूमिका निभा रही है। विद्यालय के चेयरमैन आर. पी. सेल्बम और प्राचार्य डॉ. आशीष कुमार की दूरदृष्टि, शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और योजनाबद्ध कार्यप्रणाली ने विद्यालय को लगातार नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
चेयरमैन का संदेश: “हमारा लक्ष्य गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा”
विद्यालय के चेयरमैन आर. पी. सेल्बम ने प्रेम एसआर की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा—

“प्रेम ने हमारे विद्यालय को गौरवान्वित किया है। वह आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे। केन्द्रीय विद्यालय मेघाहातुबुरु की पूरी टीम बच्चों को केवल अकादमिक रूप से ही नहीं, बल्कि मानसिक, नैतिक और सामाजिक रूप से भी मज़बूत बनाने में जुटी है। हमारा लक्ष्य केवल परीक्षा में अच्छे अंक दिलाना नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण और मूल्यपरक शिक्षा देना है।”
प्राचार्य का संदेश: “छात्रों में आत्मविश्वास और अनुशासन सबसे बड़ी पूंजी”
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. आशीष कुमार ने छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा—
प्राचार्य डा0 आशीष कुमार
“हमारे विद्यार्थी देश के किसी भी बड़े विद्यालय के छात्रों से कम नहीं हैं। प्रेम एसआर की सफलता हमारे लिए गौरव का विषय है। यह सफलता विद्यार्थियों की कठिन मेहनत, शिक्षकों के मार्गदर्शन और अभिभावकों के सहयोग का प्रतिफल है। हम शिक्षा के हर स्तर पर नवाचार और गुणवत्ता के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा प्रयास है कि हर विद्यार्थी अपनी क्षमता को पहचान कर जीवन में आगे बढ़े।”
प्रेम की प्रेरक यात्रा: सारंडा जैसे पिछडे़ स्थान से IIT की ओर
प्रेम एसआर जैसे प्रतिभाशाली छात्र सारंडा जैसे ग्रामीण क्षेत्रों के उन हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़ा सपना देखते हैं। प्रेम ने बताया कि उनके इस सफर में उनके माता-पिता, शिक्षकगण और विद्यालय का बड़ा योगदान रहा है।

“मैं अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों और माता-पिता को देना चाहूंगा। उन्होंने हर कदम पर मेरा मार्गदर्शन किया, मेरा आत्मविश्वास बनाए रखा। मेरी कोशिश है कि मैं आगे भी मेहनत करता रहूं और अपने सपनों को साकार कर सकूं,” – प्रेम ने कहा।
शिक्षकों की मेहनत रंग लाई
विद्यालय के सभी विषयों के शिक्षकों ने पूरे साल छात्रों के साथ मिलकर कठिन परिश्रम किया। निरंतर टेस्ट, डाउट क्लासेस, मोटिवेशनल सेशन और अभिभावकों के साथ संवाद जैसे कदमों ने छात्रों को बेहतर प्रदर्शन करने में मदद की। विशेष रूप से विज्ञान संकाय के शिक्षकगणों ने प्रेम जैसे छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की दिशा में तैयार करने में अहम भूमिका निभाई।
क्षेत्रीय शिक्षा स्तर को मिला नया आयाम
केन्द्रीय विद्यालय मेघाहातुबुरु की यह उपलब्धि सिर्फ विद्यालय तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पश्चिमी सिंहभूम जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्र की शैक्षणिक क्षमता का परिचायक है। इस क्षेत्र में जहां कभी शिक्षा को लेकर जागरूकता की कमी देखी जाती थी, आज वही क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है।
निष्कर्षतः,
केन्द्रीय विद्यालय मेघाहातुबुरु न केवल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता की मिसाल बनता जा रहा है, बल्कि यह विद्यालय उन सुदूर क्षेत्रों के लिए आशा की किरण भी है जहां संसाधनों की कमी के बावजूद प्रतिभा को पंख दिए जा सकते हैं। प्रेम एसआर की सफलता आने वाले वर्षों में सैकड़ों विद्यार्थियों को न केवल प्रेरित करेगी, बल्कि उन्हें आगे बढ़ने की नई राह दिखाएगी।
यह केवल एक छात्र की सफलता नहीं, बल्कि पूरे समाज की सामूहिक उपलब्धि है।