पूर्व सांसद सह भाजपा नेत्री गीता कोड़ा के नेतृत्व में पदयात्रा, धरना व चेतावनी – “जनता की आवाज़ को नजरअंदाज किया तो होगा जनविस्फोट”
नोवामुंडी में सरकार के खिलाफ जन आक्रोश का विस्फोट
रिपोर्ट : शैलेश सिंह ।
मंगलवार को नोवामुंडी प्रखंड इतिहास का गवाह बना, जब राज्य सरकार के खिलाफ जनसैलाब सड़कों पर उतर आया। इस जनांदोलन का नेतृत्व झारखंड की पूर्व सांसद और भाजपा की जुझारू नेत्री गीता कोड़ा ने किया। उन्होंने सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों के साथ मिलकर हेमंत सरकार के खिलाफ तीखा विरोध दर्ज कराया।
भाजपा कार्यालय से प्रखंड कार्यालय तक पदयात्रा
सुबह से ही भाजपा कार्यकर्ताओं का जुटान नोवामुंडी भाजपा कार्यालय पर शुरू हो गया था। सैकड़ों कार्यकर्ता, महिलाएं, युवा और बुजुर्ग पारंपरिक परिधानों और भाजपा के झंडे-बैनरों के साथ इकट्ठा हुए। गगनभेदी नारों के साथ जब यह जनसैलाब पूर्व सांसद गीता कोड़ा के नेतृत्व में प्रखंड कार्यालय की ओर कूच किया, तो पूरा शहर राजनीति की गर्मी में तप उठा।
गीता कोड़ा ने संभाली कमान, भव्य नेतृत्व की मिसाल
धरना के दौरान गीता कोड़ा ने जिस आत्मविश्वास और संघर्षशीलता से कार्यकर्ताओं को संबोधित किया, वह एक जननेता के रूप में उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा:
“हेमंत सरकार पूरी तरह जनविरोधी और भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई सरकार बन चुकी है। बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, जनकल्याण – हर मोर्चे पर यह सरकार विफल है।”
“जनता की आवाज को दबाने की कोशिश न करें”
पूर्व सांसद ने तीखे लहजे में कहा कि यदि सरकार जनता की आवाज को दबाने की कोशिश करेगी, तो भाजपा सड़कों से लेकर सदन तक संघर्ष करेगी। उन्होंने आगाह किया कि यह तो महज़ एक शुरुआत है, आने वाले दिनों में जनविस्फोट होगा।
समस्याओं की लंबी फेहरिस्त, समाधान के कोई संकेत नहीं
प्रदर्शन के दौरान भाजपा नेताओं और आम लोगों ने सरकार के खिलाफ निम्नलिखित मुद्दों को प्रमुखता से उठाया:
- बेरोजगारी की भयावह स्थिति
- महिला सुरक्षा में लापरवाही
- आदिवासी क्षेत्रों में भ्रष्टाचार का बोलबाला
- सरकारी योजनाओं का जमीनी स्तर पर विफल क्रियान्वयन
- कानून व्यवस्था का पूरी तरह ध्वस्त हो जाना
- सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की बदहाली
- जल, जंगल और जमीन के मुद्दों पर आदिवासी विरोधी रवैया
प्रखंड कार्यालय पर दिया गया घंटों धरना
पदयात्रा के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रखंड कार्यालय के समक्ष घंटों तक धरना दिया। इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने समस्याओं को विस्तार से रखा। वहीं प्रशासन की ओर से किसी वरीय अधिकारी के नहीं पहुंचने पर कार्यकर्ताओं में आक्रोश भी देखा गया।
“हर पंचायत तक पहुंचाएंगे सरकार की विफलता”
गीता कोड़ा ने एलान किया कि भाजपा आने वाले समय में हर पंचायत, हर गांव और हर घर तक सरकार की विफलताओं को पहुंचाएगी। उन्होंने कहा:
“हमारी लड़ाई सिर्फ कुर्सी के खिलाफ नहीं, बल्कि उस व्यवस्था के खिलाफ है जो जनता को ठग रही है। भाजपा आदिवासियों, गरीबों और युवाओं की आवाज बनकर खड़ी है।”
गीता कोड़ा की हुंकार: यह चेतावनी है, चुनौती नहीं
पूर्व सांसद ने साफ तौर पर कहा कि यह प्रदर्शन सरकार को चेताने के लिए है। अगर सरकार अब भी नहीं जागी, तो भाजपा उसे सत्ताच्युत करने का दम रखती है। उन्होंने जोर देकर कहा:
“सरकार को जनसरोकारों से मतलब नहीं है। झूठे वादों और घोषणाओं के दम पर सत्ता में आई झामुमो सरकार आज जनता को धोखा दे रही है।”
“योजनाओं का लाभ सिर्फ पार्टी के कार्यकर्ताओं तक सीमित”
भाजपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रखंड और जिला स्तर पर चल रही योजनाओं का लाभ केवल सत्ताधारी दल के कार्यकर्ताओं को मिल रहा है। वास्तविक पात्र लाभ से वंचित हैं, और अधिकारियों की मिलीभगत से बिचौलियों का बोलबाला है।
युवाओं की आवाज: रोजगार दो या सत्ता छोड़ो
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में युवा शामिल हुए। उन्होंने “रोजगार दो या गद्दी छोड़ो” जैसे नारों से माहौल को और उग्र कर दिया। युवाओं ने बताया कि वर्षों से परीक्षा, नियुक्ति और परिणाम के नाम पर केवल ठगा गया है।
महिलाओं की बड़ी भागीदारी, कहा – सरकार सिर्फ घोषणा करती है
धरना में स्थानीय महिलाओं की भी प्रभावशाली भागीदारी रही। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार केवल योजनाओं की घोषणाएं करती है, जमीनी हकीकत कुछ और है। पेंशन, राशन, चिकित्सा – हर क्षेत्र में घोर लापरवाही है।
किसानों का दर्द भी पहुंचा धरना मंच तक
प्रदर्शन के दौरान किसानों ने भी अपनी समस्याएं रखीं। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाएं केवल कागजों में चल रही हैं। सिंचाई की व्यवस्था नहीं, मुआवजा नहीं, और न ही फसल बीमा की राशि समय पर मिल रही है।
भाजपा ने सौंपा ज्ञापन, रखीं प्रमुख मांगें
धरना समाप्त होने से पूर्व भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने प्रखंड प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें निम्न प्रमुख मांगें शामिल थीं:
- युवाओं को रोजगार की गारंटी
- पंचायत और प्रखंड स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई
- महिलाओं की सुरक्षा हेतु विशेष बल गठन
- आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करना
- सरकारी योजनाओं का पारदर्शी क्रियान्वयन
- किसानों को समय पर मुआवजा और बीमा लाभ देना
- पुलिस-प्रशासन की जवाबदेही सुनिश्चित करना
जनभावनाओं को नजरअंदाज किया तो भाजपा करेगी निर्णायक आंदोलन
धरना के समापन पर गीता कोड़ा ने दो टूक कहा कि यदि सरकार अब भी नहीं चेती, तो भाजपा एक निर्णायक आंदोलन छेड़ेगी। उन्होंने कहा:
“हम लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं, लेकिन जब लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा हो, तब चुप रहना भी अपराध है।”
“सरकार बौखला गई है, इसलिए सवालों से भाग रही है”
गीता कोड़ा ने सरकार की चुप्पी को उसकी बौखलाहट करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार जनसमस्या से मुंह चुरा रही है, क्योंकि उसके पास कोई जवाब नहीं है।
आगामी रणनीति पर चर्चा, हर गांव तक आंदोलन की योजना
प्रदर्शन के बाद भाजपा की एक बैठक भी आयोजित हुई, जिसमें आगामी रणनीति पर चर्चा की गई। तय हुआ कि पार्टी गांव-गांव जाकर चौपाल, जनसभा और पदयात्रा करेगी ताकि जनता को वास्तविक स्थिति से अवगत कराया जा सके।
निष्कर्ष: एक चेतावनी जो जनक्रांति में बदल सकती है
नोवामुंडी का यह प्रदर्शन राज्य सरकार के लिए एक कड़ी चेतावनी है। यह स्पष्ट संकेत है कि जनता अब सरकार से सवाल पूछने के लिए तैयार है, और भाजपा जनआवाज बनकर सड़क पर उतरने को संकल्पित है। यदि सरकार ने समस्याओं के समाधान की दिशा में तत्काल कदम नहीं उठाया, तो यह आक्रोश निर्णायक जनआंदोलन में बदल सकता है।