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बायोमेट्रिक उपस्थिति के खिलाफ संयुक्त यूनियनों का मोर्चा, 21 जुलाई को वार्ता का ऐलान

संवाददाता, गुआ।

सेल प्रबंधन द्वारा झारखंड समूह की खान इकाइयों में 1 जुलाई 2025 से बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू किए जाने के फैसले का संयुक्त यूनियनों ने पुरजोर विरोध किया है। इस मुद्दे पर रविवार देर शाम गुवा राम नगर स्थित बीएमएस कार्यालय में भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस), झारखंड मजदूर संघर्ष संघ, बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन (इंटक), सारंडा मजदूर संघ, क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ, सप्लाई मजदूर संघ, झारखंड मजदूर यूनियन और सीटू के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त बैठक हुई, जिसमें कई अहम निर्णय लिए गए।

यूनियनों ने फैसले को बताया श्रमिक विरोधी

बैठक में यूनियनों ने कहा कि बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली श्रमिकों के अधिकारों पर सीधा प्रहार है और इसे थोपने का तरीका पूरी तरह से तानाशाहीपूर्ण है। झारखंड मजदूर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश यादव ने कहा कि देशभर में श्रमिकों ने बायोमेट्रिक उपस्थिति के खिलाफ कई स्थानों पर न्यायिक जीत दर्ज की है, लेकिन सेल प्रबंधन इंटक (चौबे गुट) के साथ मिलकर श्रम कार्यालय (डीएलसी, धनबाद) में मजदूरों के पक्ष को कमजोर करने की साजिश कर रहा है।

21 जुलाई को सेल प्रबंधन से वार्ता की घोषणा

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 21 जुलाई 2025 को गुवा की सभी ट्रेड यूनियनें सेल प्रबंधन से बायोमेट्रिक उपस्थिति को खारिज करने की मांग को लेकर सीधी वार्ता करेंगी। यदि प्रबंधन ने यूनियनों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आंदोलन का रुख और कड़ा किया जाएगा।

बैठक में ये प्रमुख यूनियन प्रतिनिधि रहे मौजूद

  • बीएमएस से: समीर पाठक, मुकेश लाल
  • सीटू से: रमेश गोप, राकेश चक्रवर्ती
  • झारखंड मजदूर संघर्ष संघ से: राजेश यादव, प्रदीप सुरीन
  • झारखंड मजदूर यूनियन से: हेमराज सोनार, प्रकाश राउत
  • सारंडा मजदूर संघ से: राजकुमार झा, निर्मलजीत सिंह
  • क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ से: लालबाबू गोस्वामी, विद्याकांत झा, राकेश सुण्डी, अमरनाथ झा

बैठक में यूनियनों ने एक सुर में कहा कि जब तक मजदूरों की बात नहीं सुनी जाती, वे पीछे नहीं हटेंगे। बैठक का मुख्य स्वर श्रमिक एकता और अधिकारों की रक्षा पर केंद्रित रहा।

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