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देशव्यापी मजदूर हड़ताल को झारखंड कामगार यूनियन का समर्थन

गुवा-बड़ाजामदा-नोवामुंडी में मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ पुतला दहन, समान वेतन और स्थायी रोजगार की मांग

गुवा संवाददाता।
9 जुलाई 2025 को देशभर में मजदूरों और किसानों के अधिकारों के समर्थन में आयोजित राष्ट्रव्यापी हड़ताल को झारखंड जेनरल कामगार यूनियन (144/07) ने जोरदार समर्थन दिया। पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुवा, बड़ाजामदा और नोवामुंडी क्षेत्रों में मजदूरों ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद की।

पोस्ट ऑफिस चौक पर प्रधानमंत्री का पुतला दहन

हड़ताल के समर्थन में यूनियन के जिलाध्यक्ष सह जिला परिषद सदस्य मानसिंह तिरिया के नेतृत्व में गुवा पोस्ट ऑफिस चौक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया गया। इस दौरान मजदूरों ने नारेबाजी करते हुए सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना की।

“खनिज समृद्ध जिला, लेकिन मजदूरों का भविष्य अंधकारमय”

पुतला दहन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मानसिंह तिरिया ने कहा, “हमारे पास लोहा-पत्थर के विशाल भंडार हैं। टाटा, रुंगटा, सेल, साह ब्रदर्स और उषा मार्टिन जैसी कंपनियां यहां वर्षों से खनन कर रही हैं, लेकिन आज भी यहां के मजदूर न्यूनतम वेतन और स्थायीत्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। समान काम के लिए समान वेतन, 240 दिनों की सेवा के बाद स्थायी नौकरी, और निजीकरण के खिलाफ हमारी मांगें पूरी तरह जायज़ हैं।”

“आउटसोर्सिंग और ठेकाकरण से खत्म हो रहा है स्थायीत्व”

मानसिंह तिरिया ने आगे कहा कि सरकारें मिलकर मजदूरों को ठेकेदारी प्रथा में झोंक रही हैं। आउटसोर्सिंग के जरिये सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों को भी निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। इसके खिलाफ झारखंड के कोने-कोने से आवाज उठ रही है।

“महंगाई, बेरोजगारी और निजीकरण ने तोड़ी कमर”

यूनियन नेताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और राज्य सरकारों की जनविरोधी नीतियों के कारण मजदूरों को लगातार छंटनी, बंदी, वेतन कटौती, यूनियन अधिकारों पर हमला और फिक्स टर्म जैसे असुरक्षित रोजगार के विकल्पों से गुजरना पड़ रहा है। साथ ही, महंगाई और बेरोजगारी ने आम मजदूर की कमर तोड़ दी है।

किसानों को नहीं मिल रहा फसल का उचित मूल्य

प्रदर्शन में किसानों की समस्याओं को भी प्रमुखता से उठाया गया। यूनियन नेताओं ने कहा कि आज किसान अपनी उपज का उचित मूल्य पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकारें उनकी सुनने को तैयार नहीं हैं। फसल खरीद, भंडारण और बिक्री की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।

यूनियन नेताओं की एकजुटता और संदेश

इस बंदी और विरोध प्रदर्शन में झारखंड जेनरल कामगार यूनियन के केंद्रीय उपाध्यक्ष सुनील गगराई, जिला सचिव चुम्बरू पिंगुवा, हाटगमहरिया प्रखंड प्रभारी सुनील लागुरी, मदन सिंकू, नरसिंह पूर्ति, लुकना पूर्ति, लक्ष्मण बालमुचू, बबलू हेंब्रम, सोमा हाइबुरु, माझी बानसिंह, कृष्ण बिरुआ समेत कई प्रमुख नेता उपस्थित थे।

संघर्ष का एलान

यूनियन ने साफ किया है कि अगर सरकारें मजदूरों की मांगों को गंभीरता से नहीं लेंगी, तो आने वाले समय में आंदोलन और उग्र होगा। झारखंड के हर खनन क्षेत्र से आवाज उठेगी और मजदूरों को उनका हक दिलाकर रहेंगे।

“खनिज हमारे हैं, हक भी हमारा होगा” – इसी संकल्प के साथ झारखंड कामगार यूनियन ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल को अपना भरपूर समर्थन दिया।

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