यु एम एस खुंटा में शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने हेतु अभिभावकों का सराहनीय प्रयास, प्रत्येक अभिभावक देगा सहयोग राशि
सरायकेला-
प्रखंड के यु एम एस खुंटा विद्यालय में बुधवार को स्कूल प्रबंधन समिति (SMC) की एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता एसएमसी अध्यक्ष श्री मुखिया तियु ने की। बैठक में विद्यालय के सभी एसएमसी सदस्य, बच्चों के अभिभावक तथा विभिन्न सामाजिक प्रतिनिधि उपस्थित रहे। विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी को देखते हुए यह बैठक आयोजित की गई, जिसमें शिक्षकों को सहयोग देने के उद्देश्य से एक स्वयंसेवक की नियुक्ति की गई।
मात्र तीन शिक्षक 126 बच्चों पर भारी
विद्यालय में वर्तमान में कुल 126 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं, परंतु पढ़ाई-लिखाई की जिम्मेदारी सिर्फ दो पुरुष शिक्षकों और एक महिला शिक्षिका के कंधों पर है। ऐसे में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए एसएमसी तथा अभिभावकों ने मिलकर निर्णय लिया कि विद्यालय में एक स्वयंसेवक की नियुक्ति की जाए, जो शिक्षकों का सहयोग करेगा।
सुश्री सुनिता तियु बनीं स्वयंसेवक, अभिभावकों ने चुना प्रतिनिधि के रूप में
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सुश्री सुनिता तियु को स्वयंसेवक के रूप में विद्यालय में सेवा देने के लिए नियुक्त किया जाए। वे 1 मई 2025 से विद्यालय में पढ़ाई में सहयोग देना शुरू करेंगी। उनके कार्य के सम्मान स्वरूप प्रत्येक छात्र के अभिभावक हर माह ₹10 का अंशदान देंगे। यह राशि स्वयंसेवक को सहयोग हेतु दी जाएगी।
उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों के विचार और सुझाव
1. श्री बिरसा तियु, उपाध्यक्ष, जिला बाल अधिकार संरक्षण मंच, पश्चिमी सिंहभूम:
“बच्चों की शिक्षा सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए, विशेषकर उन बच्चों के लिए जो अभी तक स्कूल से बाहर हैं। 6 से 18 वर्ष आयु वर्ग का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, यह सुनिश्चित करना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। अगर किसी भी बच्चे से संबंधित कोई समस्या हो, तो हमसे संपर्क करें। शिक्षा के जरिए ही समाज में बदलाव संभव है।”
2. श्रीमती यमुना तियु, जिला परिषद सदस्य, खुंटपानी:
“अभिभावकों और एसएमसी सदस्यों की यह पहल प्रेरणादायक है। स्वयंसेवक के सहयोग के लिए सम्मान राशि की व्यवस्था हम मिलकर करेंगे। हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि हर वर्ष इस विद्यालय से कोई न कोई छात्र नवोदय विद्यालय में चयनित हो। यह तभी संभव होगा जब हम सभी मिलकर शिक्षा व्यवस्था को सहयोग देंगे।”
3. श्रीमती सावित्री सलोनी जामुदा, प्रधानाध्यापिका, यु एम एस खुंटा:
“स्वयंसेवक के रूप में चयनित सुश्री सुनिता तियु 1 मई से विधिवत विद्यालय में सेवा आरंभ करेंगी। हम सब मिलकर यह प्रयास करेंगे कि शिक्षकों पर भार कम हो और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। यह अभिभावकों की ओर से एक सकारात्मक पहल है।”
4. श्री मुखिया तियु, एसएमसी अध्यक्ष, यु एम एस खुंटा:
“एसएमसी सदस्यों का दायित्व है कि विद्यालय का संचालन सुचारू रूप से हो। इसके अंतर्गत पोशाक क्षेत्रों के बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन और ठहराव सुनिश्चित करना, विद्यालय में नियमित उपस्थिति बनाए रखना और शिक्षकों की निगरानी करना आवश्यक है। इस प्रकार के सहयोग से विद्यालय और मजबूत होगा।”
सामुदायिक सहभागिता से शिक्षण व्यवस्था में सुधार की उम्मीद
यह बैठक एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि जब समुदाय और अभिभावक विद्यालय के प्रति सक्रिय होते हैं, तो शिक्षा व्यवस्था में बदलाव संभव होता है। स्वयंसेवक की नियुक्ति न केवल शिक्षकों का बोझ कम करेगी, बल्कि बच्चों को अधिक ध्यान और मार्गदर्शन भी मिल सकेगा।
निष्कर्ष
खुंटपानी प्रखंड का यु एम एस खुंटा विद्यालय अब सामूहिक सहयोग और सामुदायिक भागीदारी से एक नई दिशा की ओर बढ़ चला है। जहां सरकारी संसाधनों की कमी महसूस हो रही थी, वहीं अभिभावकों की सक्रियता और इच्छाशक्ति ने शिक्षा की लौ को और तेज कर दिया है। आने वाले समय में इस प्रयास का सकारात्मक प्रभाव निश्चित रूप से बच्चों की शिक्षा पर देखने को मिलेगा।