भाषाओं की एकता को समर्पित विविध गतिविधियों के साथ शिविर की रूपरेखा तैयार
रिपोर्ट : शैलेश सिंह
केंद्रीय विद्यालय मेघाहातुबुरू में आगामी 28 मई से 3 जून तक “भारतीय भाषा ग्रीष्मकालीन शिविर 2025” का आयोजन होने जा रहा है। इस शिविर का उद्देश्य भाषाओं की विविधता के बीच एकता को प्रोत्साहित करना और छात्रों को भाषाई, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से समृद्ध बनाना है।
शिविर की थीम “भाषाओं की एकता का स्कूलों में एक समावेशी प्रयास” रखी गई है, जिसमें विभिन्न दिनों के लिए रोचक और ज्ञानवर्धक गतिविधियों की योजना बनाई गई है। प्रत्येक दिन एक विशेष विषय पर आधारित गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी, जिनसे छात्रों में भाषा, संस्कृति, भूगोल, इतिहास, कला, और स्थानीय जीवनशैली के प्रति समझ और जागरूकता विकसित होगी।
प्रस्तावित गतिविधियाँ
28 मई: मूल अभिवादन और अभिव्यक्ति
इस दिन छात्रों को विभिन्न भाषाओं के मूल अभिवादन, अक्षरों, संख्याओं और अभिव्यक्ति के आधारभूत रूपों से परिचित कराया जाएगा। यह भाषाई विविधता को समझने की पहली सीढ़ी होगी।
29 मई: शहरी अनुभव का आभासी अन्वेषण
छात्र आभासी माध्यमों के जरिए शहरों का भ्रमण करेंगे और वास्तविक जीवन से जुड़े संवाद का अभ्यास करेंगे। यह दिन भाषिक संवाद और अनुभव पर केंद्रित होगा।
30 मई: कला का उत्सव (संगीत, नृत्य, चित्रकला)
इस दिन भारतीय भाषाओं में प्रचलित विविध कलाओं का प्रदर्शन और अभ्यास किया जाएगा। छात्र विभिन्न भाषाओं से जुड़ी सांस्कृतिक कलाओं के माध्यम से अपनी रचनात्मकता को प्रदर्शित करेंगे।
31 मई: स्वादों की विविधता – स्थानीय व्यंजन
विद्यार्थी विभिन्न भाषाई क्षेत्रों के स्थानीय व्यंजनों, मसालों, सब्जियों और फलों के नामों से परिचित होंगे। स्वाद के जरिये भाषा की विविधता को समझने का प्रयास किया जाएगा।
1 जून: नायकों की पहचान और सांस्कृतिक गौरव
इस दिन छात्रों को संस्कृति की सराहना, सुनने के कौशल, सशस्त्र बलों, स्वतंत्रता सेनानियों, कलाकारों और प्रतिष्ठित स्थानीय नायकों के बारे में जागरूक किया जाएगा।
2 जून: इतिहास और भूगोल का ज्ञान
छात्र नदियों, पहाड़ों, स्मारकों आदि के नामों के माध्यम से भारतीय भाषाओं में भूगोल और इतिहास की समझ विकसित करेंगे।
3 जून: प्रेरणा और समापन समारोह
अंतिम दिन प्रेरणादायक सत्रों के साथ शिविर का समापन होगा, जहाँ छात्र अपनी सहभागिता के अनुभव साझा करेंगे और उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।
विद्यालय की पहल सराहनीय
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. आशीष कुमार ने बताया कि यह शिविर न केवल छात्रों को भाषाई दृष्टिकोण से समृद्ध बनाएगा बल्कि उनमें देश की विविध संस्कृति के प्रति सम्मान और समझ को भी विकसित करेगा। साथ ही उन्होंने अभिभावकों से अनुरोध किया कि वे अपने बच्चों को पूर्ण सहभागिता हेतु प्रेरित करें।
यह शिविर शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के मार्गदर्शन में आयोजित हो रहा है, जो “भारतीय भाषा अभियान” का हिस्सा है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भावना को मूर्त रूप देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।