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गुआ खदान में 14 जुलाई से अनिश्चितकालीन बंदी का ऐलान, सारंडा विकास समिति का सेल प्रबंधन पर तीखा हमला ।

रोजगार छिनने से भड़के ग्रामीण, कहा – अब नहीं सहेंगे धोखा और शोषण, विकास और रोजगार के नाम पर छलावा बंद करे सेल ।

रिपोर्ट : शैलेश सिंह ।

गुआ स्थित सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) की खदानों में स्थानीय युवाओं से रोजगार छीनने और वादाखिलाफी के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा है। सारंडा विकास समिति, जामकुंडिया-दुईया और गंगदा पंचायत के नेतृत्व में कई गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने 14 जुलाई से गुआ खदान में अनिश्चितकालीन बंदी की घोषणा कर दी है। बंदी सुबह 6 बजे से शुरू होगी।

यह निर्णय समिति के अध्यक्ष एवं गंगदा पंचायत के मुखिया सुखराम उर्फ राजू सांडिल के नेतृत्व में लिए गए ग्रामसभा में लिया गया, जिसमें सैकड़ों ग्रामीणों ने भाग लेकर सेल गुआ प्रबंधन के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया।

सेल की वादा खिलाफी – 20 युवकों से छीना रोजगार, 40 का भविष्य अंधेरे में

मुखिया सुखराम सांडिल ने कहा कि गुआ प्रबंधन के साथ हुई वार्ता में सीएसआर गांवों के 60 बेरोजगार युवकों को रोजगार देने और गांवों में बुनियादी सुविधाओं के विकास का वादा किया गया था।

  • पहले चरण में 20 युवकों को अस्थायी तौर पर ठेका मजदूर के रूप में खदान में काम मिला।
  • पर बकाया 40 युवकों को नजरअंदाज कर दिया गया।
  • अब तो हाल यह हो गया कि पहले से काम कर रहे 20 मजदूरों को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

सुखराम सांडिल ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि,

“ये सरासर धोखा है। पहले रोजगार दो, फिर छीन लो – अब हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

ठेकेदारों ने किया शोषण, फिर भी मजदूर रहे खामोश

गांव के युवकों को काम देने के नाम पर जो रोजगार दिया गया था, उसमें भी ठेकेदारों द्वारा जमकर शोषण किया गया। कम मजदूरी, अधिक काम, और बुनियादी सुरक्षा की कमी के बावजूद ग्रामीणों ने चुपचाप काम किया – क्योंकि उन्हें लगा कि जीवन में पहली बार रोजी-रोटी का कोई जरिया मिला है।

लेकिन अब प्रबंधन ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेरते हुए बिना कोई ठोस कारण बताए सभी मजदूरों को बाहर कर दिया। इससे गांवों में भारी नाराजगी और असंतोष है।

चिड़िया खदान की मनमानी भी बनी आंदोलन की वजह

गंगदा पंचायत के अंतर्गत आने वाली सेल की चिड़िया खदान पर भी ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि:

  • चिड़िया खदान ने अपने सीएसआर दायित्वों का निर्वहन नहीं किया।
  • न तो किसी गांव में विकास कार्य हुए, न ही एक भी युवक को रोजगार मिला।

इसलिए अब ग्रामीणों का सब्र जवाब दे गया है। दोहरी नीति, झूठे वादे और रोजगार छिनने की साजिश के खिलाफ जनता सड़क पर उतरने को मजबूर हो गई है।

14 जुलाई से होगा जन आंदोलन, बंदी की पूरी जिम्मेदारी सेल की

सारंडा विकास समिति और ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा है कि 14 जुलाई से सेल गुआ खदान में अनिश्चितकालीन बंदी शुरू की जाएगी और अगर कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न होती है तो उसकी संपूर्ण जिम्मेदारी सेल प्रबंधन की होगी।

“अब सीएसआर सिर्फ पोस्टर-बैनर तक नहीं चलेगा, अगर सेल यहां से खनन करता है, तो यहां के लोगों को भी उसका हक मिलना चाहिए। वरना खदान चलेगी नहीं,” – समिति के बयान में कहा गया।

अबकी बार आर-पार की लड़ाई, आंदोलन से नहीं हटेंगे पीछे

गांव-गांव में जनसंपर्क किया जा रहा है और ग्रामीणों को इस आंदोलन में शामिल होने के लिए आह्वान किया गया है। सैकड़ों ग्रामीणों, युवाओं, महिला समूहों और पंचायत प्रतिनिधियों ने यह निर्णय लिया है कि:

  • जब तक 60 युवकों को रोजगार नहीं मिलता
  • जब तक सीएसआर के तहत गांवों में सड़कों, स्कूलों, बिजली, पानी जैसी सुविधाएं नहीं दी जातीं तब तक खदान में काम नहीं होगा।

सेल प्रबंधन के खिलाफ यह जन आंदोलन अब आर-पार की लड़ाई बन चुकी है। यदि समय रहते समाधान नहीं निकाला गया, तो यह संघर्ष राज्यव्यापी आंदोलन का रूप भी ले सकता है – ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी है।

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