नक्सलियों के गढ़ में पुलिस की खोजी मुहिम बड़ी चुनौती
रिपोर्ट: शैलेश सिंह
अत्यंत नक्सल प्रभावित कोल्हान वन प्रमंडल के गोइलकेरा थाना क्षेत्र के करा (खजुरिया) गांव में 6 अगस्त को हुई एक सनसनीखेज वारदात ने पूरे इलाके को दहला दिया है। आरोप है कि नारायण चांपिया (पिता – बजू चांपिया) की हत्या उनके ही सगे भाइयों और गांव के कुछ सहयोगियों ने मिलकर की और शव को जंगल में कहीं छिपा दिया।

पत्नी ने लगाया आरोप – “मेरे सामने ले गए, जान से मार दिया”!
मृतक की पत्नी मुन्नी चांपिया ने बताया कि घटना वाली रात करीब 7 बजे उनका सगा देवर प्रधान चांपिया, उसके साथी हगोल चांपिया (पिता – मंगल चांपिया), मूली चांपिया और डोको चांपिया (दोनों के पिता – राम चांपिया) उनके घर पहुंचे।
इन सभी ने पहले नारायण चांपिया के साथ जमकर मारपीट की, फिर खींचते हुए घर से बाहर ले गए।
“जब मैंने बीच-बचाव किया तो उन्होंने मुझे भी बेरहमी से पीटा। मुझे पूरा विश्वास है कि उन्होंने मेरे पति की हत्या कर दी और शव को जंगल में छिपा दिया,” – मुन्नी चांपिया
पीड़िता ने बताया कि पति को ढूंढने के लिए उन्होंने गांव और आस-पास के जंगलों में बहुत खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप
मुन्नी चांपिया का कहना है कि उन्होंने गोइलकेरा थाना पुलिस को घटना की पूरी जानकारी देकर पति का शव खोजने और सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की, लेकिन अब तक पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
नक्सली गढ़ में जांच की चुनौती
करा, खजुरिया, रेला, पराल सहित आसपास के गांव नक्सलियों का मजबूत गढ़ माने जाते हैं। यहां अक्सर नक्सली खुलेआम घूमते रहते हैं। पुलिस के लिए नारायण चांपिया के शव को खोजना आसान नहीं होगा, क्योंकि नक्सली अपने प्रभाव वाले जंगलों में जगह-जगह IED (बारूदी सुरंग) बिछाकर रखते हैं, जिससे खोजी अभियान जोखिम भरा हो जाता है।