फॉरेस्ट क्लीयरेंस, चिकित्सक की नियुक्ति, प्रमोशन नीति और आवास आवंटन जैसे कई मुद्दों पर श्रमिकों ने उठाई आवाज, मैनेजमेंट ने जल्द निर्णय का दिया आश्वासन
रिपोर्ट : शैलेश सिंह
बोकारो स्थित एडीएम कार्यालय में कल झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस के सभी इकाइयों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। इस बैठक की अध्यक्षता कार्यकारी निदेशक (खान) द्वारा की गई, जिसमें मेघाहाताबुरु श्रमिक संघ समेत भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध अन्य इकाइयों ने भाग लिया। बैठक में प्रत्येक माइंस यूनिट ने अपने-अपने मुद्दों को प्रमुखता से रखा, जिनमें मेघाहाताबुरु से जुड़े कई गंभीर और दीर्घकालिक समस्याओं को केंद्र में रखा गया।
मेघाहाताबुरु के मुख्य मुद्दे रहे चर्चा का केंद्र
1. सेंट्रल व साउथ ब्लॉक का फॉरेस्ट क्लीयरेंस:
मेघाहाताबुरु यूनिट ने सेंट्रल ब्लॉक और साउथ ब्लॉक के फॉरेस्ट क्लीयरेंस की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की। यह मुद्दा लंबे समय से लंबित है जिससे खनन कार्य प्रभावित हो रहा है। श्रमिकों ने इस पर ठोस निर्णय की आवश्यकता पर बल दिया।
2. किरीबुरु अस्पताल में विशिष्ट चिकित्सकों की तैनाती:
बैठक में किरीबुरु अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर, विशेषकर स्त्री रोग विशेषज्ञ की अनुपलब्धता का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया गया। एनजेसीएस सदस्य श्री रंजय कुमार ने तीखा सवाल उठाते हुए कहा, “यदि बीजीएच (भिलाई) में स्त्री रोग विशेषज्ञ सरप्लस हैं, तो उनका स्थानांतरण किरीबुरु क्यों नहीं किया जा सकता? जब अफसरों का ट्रांसफर हो सकता है, तो डॉक्टरों का क्यों नहीं?”
इस पर मैनेजमेंट ने उत्तर दिया कि जल्द ही इस मुद्दे पर निर्णय लिया जाएगा।
कर्मचारियों की पदोन्नति नीति पर नाराजगी
3. S1 ग्रेड डिप्लोमा धारकों का प्रमोशन:
मेघाहाताबुरु माइंस में कार्यरत डिप्लोमा धारक S1 ग्रेड के कर्मचारियों को नियमानुसार प्रमोशन नहीं दिया गया है। इसके अलावा एक कर्मचारी को, जिनका ITI प्रमाणपत्र जमा है, अब तक प्रमोशन नहीं दिया गया है। श्रमिक संघ ने इन दोनों ही मुद्दों पर तुरंत निर्णय लेने की मांग की।
प्रबंधन ने कहा कि इन मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा और उचित निर्णय लिया जाएगा।
वित्तीय सुविधाएं और भेदभावपूर्ण सर्कुलर पर उठे सवाल
4. फेस्टिवल एडवांस की बढ़ोतरी की मांग:
फेस्टिवल एडवांस में बढ़ोतरी की मांग भी बैठक में रखी गई, जिससे मजदूर त्योहारों में अपनी आर्थिक आवश्यकताओं को सहजता से पूरा कर सकें।
5. पदनाम से जुड़े भेदभावपूर्ण सर्कुलर पर नाराजगी:
हाल ही में जारी एक नए पदनाम संबंधित सर्कुलर पर भी तीखी बहस हुई। इस सर्कुलर में माइंस कर्मियों को बाहर रखा गया है, जबकि कॉरपोरेट ऑफिस ने ऐसा कोई भेदभाव नहीं किया है।
श्रमिक नेताओं ने इसे सौतेला व्यवहार करार दिया और इसे तुरंत संशोधित करने की मांग की। प्रबंधन ने इसे माइंस कर्मियों के लिए भी लागू करने का आश्वासन दिया।
आवास आवंटन नीति में सुधार की आवश्यकता
6. A टाइप क्वार्टर नीति में संशोधन की मांग:
वर्तमान में जो मजदूर वर्षों से कार्यरत हैं और ऊपरी क्वार्टर में रहते हैं, उन्हें निचले क्वार्टर में आने की अनुमति नहीं मिलती, जबकि नए मजदूर जो ग्रेड में सीनियर हैं, उन्हें प्राथमिकता मिल जाती है। यह नीति पुराने मजदूरों के साथ अन्यायपूर्ण प्रतीत होती है।
श्रमिक संघ ने इस नीति को बदलने की मांग की, ताकि अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर आवंटन हो।
अन्य मुद्दों पर भी हुई चर्चा
इसके अलावा कई अन्य मुद्दे भी बैठक में उठाए गए, जिनमें मजदूरों की सुरक्षा, कल्याण योजनाएं, वर्किंग कंडीशन सुधार आदि शामिल हैं। मैनेजमेंट ने सभी मुद्दों पर गंभीरतापूर्वक विचार करने और जल्द समाधान निकालने का आश्वासन दिया।
प्रमुख प्रतिनिधियों की उपस्थिति
इस बैठक में मेघाहाताबुरु बीएमएस की ओर से महामंत्री श्री जगन्नाथ चातर, संयुक्त महामंत्री श्री अमित कुमार झा, मंत्री श्री सेरगेया अंगरिया और एनजेसीएस सदस्य श्री रंजय कुमार उपस्थित रहे। सभी ने एकजुट होकर मजदूरों की आवाज बुलंद की और प्रबंधन के सामने हक की बात रखी।
निष्कर्ष:
यह बैठक श्रमिकों की लंबित समस्याओं को लेकर एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है, यदि प्रबंधन द्वारा दिए गए आश्वासनों को धरातल पर लाया जाए। अब देखने वाली बात यह होगी कि मजदूरों की आवाज़ को वास्तव में कितनी गंभीरता से सुना और लागू किया जाता है।