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झारखंड के सभी जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी: “क्या करें और क्या न करें” को लेकर दिशा-निर्देश जारी

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प्रशासन को व्यापक प्रचार-प्रसार का निर्देश, रेड अलर्ट वाले जिलों में विद्यालय बंद करने का सुझाव

रिपोर्ट : शैलेश सिंह ।

भारत मौसम विज्ञान विभाग, मौसम केन्द्र राँची द्वारा झारखंड राज्य के विभिन्न जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। इस संबंध में राज्य सरकार के सचिव द्वारा सभी उपायुक्तों को निर्देशित किया गया है कि “क्या करें और क्या न करें” से संबंधित दिशा-निर्देशों का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए, ताकि आमजन को संभावित आपदा से सुरक्षा प्रदान की जा सके।

अनुकरणीय दिशा-निर्देश: भारी वर्षा की स्थिति में क्या करें और क्या न करें

भारी वर्षा के कारण निचले इलाकों में जलभराव, नदियों और नालों का उफान, बाढ़ की स्थिति, विद्युत आपूर्ति बाधित होना, सड़क अवरोध, यातायात ठप और बुनियादी ढांचे को क्षति जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में नागरिकों को निम्नलिखित सुरक्षा उपायों का पालन करने की सलाह दी जाती है:

✅ क्या करें:

  • सुरक्षात्मक कपड़े पहनें और यथासंभव घर के अंदर ही रहें।
  • खिड़कियों और दरवाजों से दूर रहें, विशेषकर तेज हवाओं और बारिश के दौरान।
  • अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को प्लग से निकाल दें, ताकि विद्युत प्रवाह से उन्हें नुकसान न हो।
  • मौसम संबंधित सरकारी अलर्ट और रेडियो/टीवी/मोबाइल माध्यमों से प्राप्त चेतावनियों पर ध्यान दें।
  • बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोग जरूरी सामानों (खाद्यान्न, पीने का पानी, दवाइयां आदि) का स्टॉक पहले से तैयार रखें।
  • किसी भी आपात स्थिति में जिला आपदा प्रबंधन विभाग से संपर्क करें।
  • स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए केवल उबला या फिल्टर किया हुआ पानी पिएं, खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करें।
  • मच्छर जनित बीमारियों से बचने के लिए मच्छरदानी, दवा छिड़काव एवं साफ-सफाई रखें।

❌ क्या न करें:

  • नदी, नालों, अंडरपास, निचले इलाकों एवं जलभराव वाले क्षेत्रों में जाने से बचें।
  • भारी बारिश के दौरान वाहन चलाने से परहेज करें। यदि गाड़ी चला रहे हों तो सुरक्षित स्थान पर रोककर बारिश रुकने की प्रतीक्षा करें।
  • बहते पानी से भरी सड़क पर गाड़ी चलाने की कोशिश न करें। यह जानलेवा हो सकता है।
  • टूटे हुए बिजली के तारों या विद्युत पोल के पास न जाएं, और किसी खतरे की स्थिति में तुरंत स्थानीय प्रशासन को सूचित करें।
  • बाढ़ का पानी दूषित हो सकता है – इसमें तैरना, चलना या अन्य गतिविधियां करना खतरनाक हो सकता है।
  • घर के अंदर जेनरेटर का उपयोग बिल्कुल न करें। इससे उत्पन्न कार्बन मोनोऑक्साइड गैस जानलेवा हो सकती है।
  • स्वास्थ्य संबंधी लापरवाही न बरतें – बाढ़ के समय बीमारियों का खतरा अधिक होता है।

विद्यालयों को बंद रखने का सुझाव

राज्य सरकार द्वारा स्पष्ट किया गया है कि जिन जिलों में भारतीय मौसम विभाग द्वारा रेड अलर्ट जारी किया गया है, वहां स्थित सभी विद्यालयों को तत्काल प्रभाव से बंद रखने पर विचार किया जाए, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

प्रशासन को निर्देशित प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी

सरकार के सचिव ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि उक्त दिशा-निर्देशों को प्रत्येक पंचायत, नगर निकाय, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र आदि में प्रचारित किया जाए। इसके लिए पोस्टर, बैनर, माइक प्रचार, मोबाइल मैसेज, व्हाट्सएप ग्रुप, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और स्थानीय मीडिया चैनलों का उपयोग किया जाए।

आपदा से पहले तैयारी ही बचाव का सबसे बड़ा उपाय

यह अपील केवल चेतावनी नहीं, बल्कि नागरिक सुरक्षा के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है। यदि आमजन इन निर्देशों का पालन करें, तो बड़ी आपदा को टाला जा सकता है। आप सभी से अनुरोध है कि इस संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएं और सुरक्षित रहें।

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