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विश्व अस्थमा दिवस पर लेपाँग गाँव में स्वास्थ्य जागरूकता अभियान, डॉक्टर ऑन व्हील्स ने लगाया निःशुल्क चिकित्सा शिविर

 

सामुदायिक संघचालक अमरनाथ महतो ने अस्थमा के लक्षणों व कारणों पर ग्रामीणों को किया सचेत, बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने लिया भाग

रिपोर्ट : शैलेश सिंह
विश्व अस्थमा दिवस के अवसर पर नोवामुंडी प्रखंड अंतर्गत लेपाँग गाँव में एक निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम ‘डॉक्टर ऑन व्हील्स’ योजना के तहत संचालित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया। इस मौके पर सामुदायिक संघचालक अमरनाथ महतो ने उपस्थित जनसमुदाय को अस्थमा से जुड़ी जानकारी दी और उन्हें इसके प्रति सजग रहने का संदेश दिया।

अस्थमा: एक नजरअंदाज बीमारी, जिसकी अनदेखी पड़ सकती है भारी

अमरनाथ महतो ने बताया कि विश्व अस्थमा दिवस हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य अस्थमा पीड़ितों को जागरूक कर उन्हें एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर सीढ़ियां चढ़ने, दौड़ने या तेज चलने के दौरान सांस फूलने की समस्या को हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यही शुरुआती संकेत अस्थमा के हो सकते हैं।

प्रदूषण और बदलती जीवनशैली से बढ़ रहा है खतरा

महतो ने कहा कि धूल, मिट्टी, वायु प्रदूषण, धुआं और अन्य पर्यावरणीय कारक अस्थमा को बढ़ावा दे रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लकड़ी या कोयले से जलने वाले चूल्हों का धुआं भी इस बीमारी का एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है। ऐसे में जागरूकता ही इससे बचाव का सबसे बड़ा उपाय है।

डॉक्टर ऑन व्हील्स टीम ने की स्वास्थ्य जांच

कार्यक्रम के दौरान ‘डॉक्टर ऑन व्हील्स’ की टीम ने ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच की और उन्हें आवश्यक परामर्श व दवाएं प्रदान कीं। खासकर बच्चों, वृद्धों और महिलाओं ने बड़ी संख्या में इस सुविधा का लाभ उठाया। शिविर में रक्तचाप, श्वसन परीक्षण, सामान्य चेकअप आदि किए गए।

ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी से कार्यक्रम रहा सफल

शिविर में आंगनबाड़ी सेविकाएं, सहिया, ग्राम प्रधान (मुंडा), और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम की सफलता में उनकी सक्रिय भूमिका सराहनीय रही। अमरनाथ महतो ने सभी को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस तरह के प्रयासों से ही हम ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता ला सकते हैं।

समय पर पहचान और इलाज है अस्थमा से बचाव का तरीका

महतो ने ग्रामीणों से अपील की कि अगर किसी को बार-बार खांसी, सीने में जकड़न, सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं हो रही हों, तो वे इसे हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज से अस्थमा पर नियंत्रण पाया जा सकता है और जीवन को सामान्य रूप से जिया जा सकता है।

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