भजन, धर्मसभा, दीक्षा व भंडारा के साथ श्रद्धालुओं ने ठाकुर जी के संदेशों को आत्मसात किया
गुवा संवाददाता।
बड़ाजामदा के बोकना स्थित सत्संग विहार में परम प्रेममय पिता श्रीश्री ठाकुर अनुकूल चंद्र की स्मृति में मासिक सत्संग पूरे श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम में बड़ाजामदा, गुवा, झिंकपानी, चिड़िया, किरीबुरु, उलीबुरु, जगन्नाथपुर, नोवामुंडी, बड़बिल सहित आसपास के क्षेत्रों से दर्जनों श्रद्धालु सत्संगी एकजुट होकर ठाकुर जी के संदेशों को आत्मसात करने पहुंचे।
🌸 जयगुरु और संवेदनाओं से भरी हुई सुबह
कार्यक्रम की शुरुआत प्रातःकालीन संवेदक प्रार्थना के साथ हुई, जिससे पूरे वातावरण में भक्ति की ऊर्जा फैल गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता बोकना सत्संग विहार प्रभारी सह ऋत्विक अमरनाथ ठाकुर ने की। उन्होंने श्रीश्री ठाकुर अनुकूल चंद्र के जीवन, शिक्षाएं और यजन-याजन की भावना पर प्रकाश डाला।
ऋत्विक अमरनाथ ठाकुर ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा –
“मनुष्य का अंतिम लक्ष्य ईश्वर प्राप्ति है। मानव शरीर दुर्लभ है, इसे पाकर हमें जनकल्याण और ईश्वर सेवा का मार्ग अपनाना चाहिए। यजन और याजन ही सच्चे सत्संगी के लक्षण हैं।”
🌼 वक्ताओं ने ठाकुर जी के सिद्धांतों को बताया जीवन का मूल मंत्र
नोवामुंडी के सत्संगी सुबोध बढ़ाईक एवं शिवलाल लकड़ा ने कहा कि समाज में प्रेम, सेवा और सहयोग की भावना जगाने के लिए ठाकुर जी के दिखाए मार्ग को अपनाना आवश्यक है।
महादेव भगत और पूर्व मुखिया कपिलेश्वर दोंगों ने मानवता के विकास में ठाकुर जी के आदर्शों को आवश्यक बताया और कहा कि “मानवीय गुणों का प्रसार ही सच्चा धर्म है।”
सत्संगी मनमोहन चौबे ने ठाकुर जी द्वारा बताए गए मार्गों की व्याख्या करते हुए कहा कि “अगर हम ठाकुर जी के बतलाए हुए पथ पर चलें तो स्वयं को परमात्मा से जोड़ सकते हैं।”
🕉️ धर्मसभा, मातृ सम्मेलन और दीक्षा समारोह बना आकर्षण का केंद्र
सत्संग के दौरान धर्मसभा, मातृ सम्मेलन तथा दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें अनेक श्रद्धालुओं ने भाग लिया। दीक्षा समारोह में उपस्थितजनों को चेतना शक्ति जाग्रत करने और ईश्वर से सीधा संपर्क स्थापित करने का ज्ञान दिया गया। दीक्षा लेने वालों में युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक शामिल थे।
🎵 भजन कीर्तन में गूंजा ठाकुर जी का नाम
सत्संग की सबसे आकर्षक झलक भजन-कीर्तन रहा, जिसमें सत्संगी गायक मनमोहन चौबे, अनिल दास, सुनिता दास और अन्य ने “ठाकुर जी के भक्ति गीतों” के माध्यम से श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। भजनों के माध्यम से ठाकुर जी के सन्देशों को सरलता से जन-जन तक पहुंचाया गया।
🍛 भंडारे में श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया प्रसाद
सत्संग के अंत में संध्या प्रार्थना और ग्रंथ पाठ के बाद भव्य भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रेमपूर्वक प्रसाद ग्रहण किया। आयोजन के दौरान पूरे परिसर में आध्यात्मिक ऊर्जा और एकता की भावना का अद्भुत संचार हुआ।
👥 उपस्थित श्रद्धालुओं की सूची
इस अवसर पर प्रमुख रूप से उपस्थित रहे –
सुबोध बढ़ाईक, शिवलाल लकड़ा, सीताराम सिंकू, चरण खंडाईत, एस.के. पांडेय, संगीता पांडेय, भोलू ठाकुर, अनिल दास, सुनीता दास, मनमोहन चौबे, कपिलेश्वर दोंगों, रामचंद्र दास, सावित्री करुवा, अविनाश करवा, रश्मिता मुखर्जी, बच्चन मिश्रा समेत अनेक श्रद्धालु।
इस मासिक सत्संग ने न सिर्फ ठाकुर अनुकूल चंद्र जी की शिक्षाओं को पुनः स्मरण कराया, बल्कि श्रद्धालुओं के बीच भक्ति, सेवा और मानवता के प्रति समर्पण की भावना को भी सशक्त किया।
जयगुरु!