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किरण स्व-रोजगार केंद्र में जूट बैग निर्माण कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ

 

महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में SAIL की अनूठी पहल, मुख्य अतिथि CGM कमलेश राय ने किया उद्घाटन

रिपोर्ट : शैलेश सिंह।
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) की किरीबुरु आयरन ओर माइन्स की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) के तहत संचालित किरण स्व-रोजगार केंद्र में बुधवार को जूट बैग निर्माण कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में किरीबुरु के सीजीएम कमलेश राय और विशिष्ट अतिथि सीजीएम धीरेन्द्र मिश्रा, सीजीएम सी बी कुमार, महाप्रबंधक (जेजीओएम) नवीन कुमार सिन्हा, सहायक महाप्रबंधक रमेश सिन्हा, बी बासा आदि उपस्थित रहे। समारोह में बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाएं, SAIL के अधिकारी और आमजन शामिल हुए।

आत्मनिर्भरता और पर्यावरण रक्षा की संयुक्त पहल

कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर सीजीएम कमलेश राय ने कहा, “आज का दिन हम सबके लिए गौरवपूर्ण है। यह कार्यक्रम न केवल महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी SAIL की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।” उन्होंने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण आज पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर चुनौती है, और जूट बैग इसका टिकाऊ व हरित विकल्प है।

उन्होंने बताया कि किरण स्व-रोजगार केंद्र के माध्यम से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्र की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें जूट बैग निर्माण का कौशल सिखाया जा रहा है, जिससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।

CSR की नई परिभाषा गढ़ रहा SAIL

सीजीएम धीरेन्द्र मिश्रा ने कहा कि SAIL द्वारा चलाया जा रहा यह कार्यक्रम उसकी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के उस दर्शन को प्रस्तुत करता है, जो केवल कागज़ी कार्रवाई नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत में बदलाव लाने की कोशिश करता है। इस पहल से महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर तो मिलेंगे ही, साथ ही पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश समाज में प्रसारित होगा।

हरित भविष्य का प्रतीक होगा जूट बैग

सीजीएम सी बी कुमार ने सभी महिलाओं से आग्रह किया कि वे इस अवसर का अधिकतम लाभ लें और अपने हुनर को पहचानकर उसे समाज के हित में उपयोग करें। “आपके हाथों से बना हर एक जूट बैग आत्मनिर्भर भारत और हरित भविष्य का प्रतीक होगा,”

महिलाओं की मेहनत और आत्मविश्वास का प्रतीक बना ‘किरण केंद्र’

विशिष्ट अतिथि रमेश सिन्हा ने कहा कि किरण केंद्र केवल एक प्रशिक्षण संस्था नहीं, बल्कि यह यहां की महिलाओं के आत्मबल, संकल्प और हुनर का प्रतीक बन चुका है। “यह देखकर गर्व होता है कि किस प्रकार महिलाएं अपने श्रम और लगन से समाज में बदलाव ला रही हैं,” उन्होंने यह भी बताया कि जूट बैग निर्माण में शामिल प्रत्येक महिला को न केवल नियमित प्रशिक्षण मिलेगा, बल्कि उत्पाद की मार्केटिंग और विक्रय के लिए भी SAIL हरसंभव सहयोग करेगा।

हर जूट बैग में होगा आत्मनिर्भर भारत का सपना

उद्घाटन समारोह के दौरान कई महिला प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए। एक प्रतिभागी ने कहा, “हमें पहले कभी नहीं लगा था कि हम अपने बलबूते कुछ कर सकते हैं, लेकिन किरण केंद्र ने हमें आत्मविश्वास और पहचान दी है।”

प्रशिक्षकों और टीम को सराहा गया

कार्यक्रम के दौरान किरण केंद्र के प्रशिक्षकों, व्यवस्थापकों और पूरी CSR टीम की भी सराहना की गई, जिन्होंने इस योजना को साकार रूप देने में अहम भूमिका निभाई।

सामूहिक संकल्प : हर महिला बनेगी प्रेरणा

कार्यक्रम का समापन सामूहिक संकल्प के साथ हुआ, जिसमें उपस्थित महिलाओं, अधिकारियों और अतिथियों ने एक स्वच्छ, हरित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना योगदान देने की शपथ ली।

निष्कर्षतः, किरीबुरु में शुरू हुआ यह जूट बैग निर्माण कार्यक्रम सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि समाज के हाशिए पर खड़ी महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ने और पृथ्वी को प्लास्टिक से मुक्त करने का सार्थक प्रयास है। यह पहल आने वाले वर्षों में आदिवासी और ग्रामीण झारखंड की तस्वीर बदलने की क्षमता रखती है।

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