पांच जोन में बंटे मैदान में अभ्यर्थियों की परख: तकनीक की निगरानी में दौड़, कूद और लेखन परीक्षण
रिपोर्ट: शैलेश सिंह
पश्चिमी सिंहभूम जिले में गृह रक्षक पद हेतु चल रही भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने एक सशक्त उदाहरण प्रस्तुत किया है। रविवार को चाईबासा जिला स्कूल मैदान में तांतनगर प्रखंड के आवेदकों के लिए आयोजित शारीरिक दक्षता और अन्य परीक्षाओं का निरीक्षण स्वयं जिलाधिकारी-सह-उपायुक्त श्री चंदन कुमार ने किया।
पांच जोन में बंटा मैदान, उच्च तकनीक के साथ हो रही निगरानी
चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पूरे परीक्षा स्थल को पांच अलग-अलग जोन में बांटा गया था। प्रत्येक जोन में अभ्यर्थियों की विभिन्न योग्यताओं की परख की जा रही थी—
- 1600 मीटर की दौड़
- ऊंची कूद
- लंबी कूद
- शॉट पुट (गोला फेंक)
- हिंदी लेखन दक्षता परीक्षा
प्रत्येक गतिविधि के संचालन में आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया, विशेषकर दौड़ की समय-गणना में। सटीक टाइमिंग और निष्पक्ष मूल्यांकन के लिए उन्नत डिवाइस लगाए गए थे, जिससे किसी भी प्रकार की त्रुटि की संभावना समाप्त हो गई।
परीक्षार्थियों की पहचान में कोई चूक नहीं: अमिट स्याही से सत्यापन
हर अभ्यर्थी के लिए अनिवार्य बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन, निबंधन प्रक्रिया और उंगली पर अमिट स्याही का चिन्ह लगाए जाने की व्यवस्था की गई थी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि कोई व्यक्ति परीक्षा में धोखाधड़ी न कर सके। हर उम्मीदवार की पहचान की गहन जांच करवाई गई।
प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी बनी परीक्षा की पारदर्शिता की गारंटी
चयन प्रक्रिया की गंभीरता और पारदर्शिता को देखते हुए इस मौके पर जिले के कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।
इनमें शामिल थे:
- पुलिस अधीक्षक श्री राकेश रंजन
- उप विकास आयुक्त श्री संदीप कुमार मीणा
- अपर उपायुक्त श्री प्रवीण केरकेट्टा
- सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं संबंधित प्रखंड स्तरीय अधिकारी
इन अधिकारियों की सक्रिय निगरानी से परीक्षा स्थल पर न केवल अनुशासन बना रहा बल्कि प्रतिभागियों के बीच भरोसे का माहौल भी बना।
शांतिपूर्ण और अनुशासित माहौल: चाईबासा में चयन प्रक्रिया बनी मिसाल
पूरे आयोजन के दौरान प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। परीक्षा स्थल पर सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध किए गए थे, वहीं स्वास्थ्य और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था भी तत्परता से उपलब्ध थी।
जिलाधिकारी का संदेश: “हर योग्य अभ्यर्थी को मिलेगा अवसर”
निरीक्षण के दौरान डीसी चंदन कुमार ने उपस्थित अधिकारियों और परीक्षा स्टाफ को निर्देश दिए कि चयन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधि को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि हर योग्य युवा को गृह रक्षक बनने का निष्पक्ष अवसर मिलेगा।
“हमारा प्रयास है कि ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के युवाओं को सरकारी सेवा में आने का उचित और पारदर्शी प्लेटफॉर्म मिले।”
— चंदन कुमार, जिलाधिकारी, पश्चिमी सिंहभूम
सारांश: निष्पक्ष चयन प्रक्रिया की नई मिसाल
गृह रक्षक पद हेतु चाईबासा में आयोजित चयन प्रक्रिया सिर्फ एक परीक्षा नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी की मिसाल है। आधुनिक तकनीक, पारदर्शिता, निष्पक्षता और प्रशासनिक सतर्कता ने इस आयोजन को सफल और अनुकरणीय बना दिया है।
इस परीक्षा के माध्यम से न केवल योग्य युवाओं को सेवा का अवसर मिलेगा, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था के प्रति जनता का भरोसा भी और मजबूत होगा।