बाल वाटिका-3 और कक्षा एक के नव नामांकित बच्चों के साथ अभिभावकों ने साझा किए भावनात्मक पल
रिपोर्ट: शैलेश सिंह
केन्द्रीय विद्यालय मेघाहातुबुरु में शैक्षणिक सत्र 2025-26 की शुरुआत एक उत्सवमय माहौल में हुई। विद्यालय प्रबंधन द्वारा प्राचार्य डॉ. आशीष कुमार के नेतृत्व में बाल वाटिका-3 एवं कक्षा एक के नवनामांकित बच्चों के स्वागत हेतु ‘प्रवेश उत्सव’ का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन न केवल छात्रों के लिए एक नई शुरुआत थी, बल्कि अभिभावकों के लिए भी एक भावनात्मक और प्रेरणादायी अनुभव बन गया।
परंपरा और आधुनिकता का समावेश: ‘प्रवेश उत्सव’ को संस्कार के रूप में किया गया स्वीकार
प्राचार्य डॉ. आशीष कुमार ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि भारतीय परंपरा में 16 संस्कारों का उल्लेख है, जिनमें से एक महत्वपूर्ण संस्कार ‘विद्यारंभ’ या ‘प्रवेश उत्सव’ है। उन्होंने कहा कि विद्यालय बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए न केवल शिक्षा प्रदान करता है, बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति, संस्कार और मूल्यों से भी जोड़ता है। यह प्रवेश उत्सव उसी श्रृंखला की एक कड़ी है, जो बच्चों को पहले दिन से ही विद्यालय के साथ आत्मीयता से जोड़ने का प्रयास करता है।
अभिभावकों के लिए ओरिएंटेशन सत्र: संवाद और समझ का पुल
उत्सव के दौरान विद्यालय प्रबंधन द्वारा अभिभावकों के लिए एक विशेष ‘ओरिएंटेशन सत्र’ आयोजित किया गया। इस सत्र में प्राचार्य समेत शिक्षकों ने अभिभावकों को विद्यालय की कार्यशैली, नियम, शिक्षण पद्धति, को-कैरिकुलर गतिविधियों और छात्र सुरक्षा से संबंधित अहम जानकारियाँ दीं। साथ ही, अभिभावकों को यह बताया गया कि विद्यालय और परिवार के बीच सहयोग से ही बच्चे का समुचित विकास संभव है।
ओरिएंटेशन के दौरान प्रोजेक्टर के माध्यम से विद्यालय की उपलब्धियों, गतिविधियों और पूर्व छात्रों की सफलताओं को भी साझा किया गया, जिससे नये अभिभावकों में विद्यालय के प्रति विश्वास और जुड़ाव की भावना प्रबल हुई।
बच्चों के लिए विशेष उपहार: स्मृति चिह्नों के रूप में हस्तनिर्मित ग्रीटिंग्स और क्राउन
विद्यालय द्वारा बच्चों के पहले दिन को यादगार बनाने के लिए उन्हें हस्तनिर्मित ग्रीटिंग कार्ड और रंग-बिरंगी टोपी उपहार स्वरूप दी गई। इन उपहारों को विद्यालय के शिक्षकों और वरिष्ठ छात्रों ने मिलकर बनाया था। यह नन्हे छात्रों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा और उनके चेहरे पर खुशी की चमक स्पष्ट दिखाई दी।
सेल्फी प्वाइंट बना आकर्षण का केंद्र
विद्यालय परिसर में बनाए गए ‘सेल्फी प्वाइंट’ ने बच्चों और अभिभावकों दोनों को आकर्षित किया। सुंदर सजावट और “मेरा पहला स्कूल दिन” जैसे संदेशों के साथ बने इस सेल्फी प्वाइंट पर बच्चों ने स्कूल यूनिफॉर्म में उत्साहपूर्वक तस्वीरें खिंचवाईं। यह पहल न सिर्फ बच्चों को उत्साहित करने वाली थी, बल्कि अभिभावकों के लिए भी यह एक यादगार क्षण बन गया।
विद्यालय प्रबंधन की पहल की सराहना
अभिभावकों ने विद्यालय द्वारा किए गए इस अभिनव प्रयास की सराहना की। कई अभिभावकों ने कहा कि यह आयोजन बच्चों के पहले दिन की घबराहट को कम करने में सहायक रहा और इससे बच्चों में विद्यालय के प्रति सकारात्मक भाव उत्पन्न हुआ।
एक अभिभावक ने कहा, “आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में बच्चों के पहले स्कूल दिन को इतने सुंदर तरीके से मनाना एक बड़ी बात है। इससे बच्चों के मन में पढ़ाई को लेकर उत्साह और अपनापन दोनों विकसित होता है।”
प्राचार्य का संदेश: शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी जरूरी
कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य डॉ. आशीष कुमार ने कहा कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं है। “हमारा प्रयास है कि बच्चों को जीवन के हर क्षेत्र में सक्षम बनाया जाए। उन्हें अच्छे इंसान बनाना भी हमारी प्राथमिकता है। ‘प्रवेश उत्सव’ जैसे आयोजन इसी सोच की उपज हैं।”
नवीन शुरुआत, उत्सवमय वातावरण
प्रवेश उत्सव के माध्यम से केन्द्रीय विद्यालय मेघाहातुबुरु ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और पारंपरिक मूल्यों का संगम बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव रख सकता है। यह आयोजन न केवल बच्चों के लिए, बल्कि उनके अभिभावकों के लिए भी एक प्रेरक अनुभव बन गया—एक ऐसा दिन जिसे वे लंबे समय तक संजो कर रखेंगे।