गुवा-चिरिया क्षेत्र में श्रमिकों की दशा, ठेका प्रथा और स्थानीय समस्याओं पर 23 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा, आंदोलन की चेतावनी
गुवा से विशेष संवाददाता।
झारखंड मजदूर संघर्ष संघ (JMSS) ने एक बार फिर श्रमिकों के हक की लड़ाई को मजबूती से उठाते हुए सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) और बीएसएल बोकारो के प्रशासन के समक्ष 23 सूत्रीय मांग पत्र पेश किया है। केंद्रीय अध्यक्ष रामा पाण्डेय के नेतृत्व में यूनियन का प्रतिनिधिमंडल बीएसएल के कार्यपालक निदेशक (एचआर) प्रभारी से मिला और गुवा, चिरिया, किरीबुरु समेत क्षेत्रीय खदानों में ठेका व सप्लाई श्रमिकों की उपेक्षा, स्थानीय बुनियादी सुविधाओं की बदहाली तथा एमडीओ (माइन डेवलपर एंड ऑपरेटर) के खिलाफ कड़ा विरोध जताया।
एमडीओ के खिलाफ आर-पार की चेतावनी
यूनियन ने गुवा खदान में एमडीओ प्रणाली को थोपने की कोशिशों का विरोध करते हुए इसे मजदूर-विरोधी नीति बताया। केंद्रीय अध्यक्ष रामा पांडे ने चेतावनी दी,
“गुवा सेल खदान में एमडीओ को किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे। यदि आवश्यक हुआ तो सेल का चक्का जाम किया जाएगा।”
संघ का आरोप है कि एमडीओ व्यवस्था से न केवल स्थानीय रोजगार छिन जाएगा बल्कि खदानों का निजीकरण होकर श्रमिकों के अधिकारों का हनन होगा।
ठेका व सप्लाई मजदूरों के लिए स्थायीत्व की मांग
बैठक में श्रमिकों ने बताया कि वर्षों से खदान के विभिन्न विभागों—अस्पताल, सिविल, स्टोर, स्कूल, गेस्ट हाउस, बिजली, खान आदि—में काम करने वाले ठेका श्रमिकों को आज तक न तो स्थायीत्व मिला है और न ही उनके लिए कोई दीर्घकालिक योजना बनाई गई है।
प्रमुख श्रमिक मांगें इस प्रकार रहीं:
20-30 वर्षों से कार्यरत ठेका श्रमिकों को स्थायी किया जाए
सप्लाई श्रमिकों को दिए जाने वाले 250 रुपए के इन्सेंटिव को बढ़ाकर 1000 रुपए किया जाए
मृत या असमर्थ श्रमिकों के आश्रितों को पूर्व की तरह नौकरी दी जाए
सभी श्रमिकों के ग्रेड में तत्काल बढ़ोतरी की जाए
श्रमिकों को सपरिवार चिकित्सा पुस्तिका दी जाए
श्रमिक क्वार्टरों में शौचालय, पानी और आवास की नई सुविधा दी जाए
नर्सों के ग्रेड में बढ़ोतरी हो
रिट्रेन्च प्रक्रिया को समाप्त किया जाए
AWA, बोनस व अन्य बकाया राशि का भुगतान किया जाए
सभी रिट्रेन्च मजदूरों को पुनः काम पर रखा जाए
कार्यस्थल पर स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की जाए
जर्जर क्वार्टरों की मरम्मत कर उन्हें रहने योग्य बनाया जाए
स्थानीय विकास से जुड़ी समस्याएं भी उठीं जोरदार तरीके से
संघ ने कहा कि सिर्फ मजदूर ही नहीं, पूरा स्थानीय क्षेत्र उपेक्षा का शिकार है। प्रतिनिधिमंडल ने इन समस्याओं के समाधान की भी मांग की:
चिरिया-अंकुवा सड़क का पक्कीकरण – सड़क की हालत बेहद खराब
वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना – शुद्ध जल आपूर्ति के लिए जरूरी
शिक्षा का विस्तार – चिरिया में 10+2 स्तर तक की पढ़ाई की सुविधा
अन्य खानों को चालू करना – धोबिल की तर्ज पर अन्य खानों का संचालन
अस्पताल अपग्रेडेशन – विशेषज्ञ डॉक्टर और अत्याधुनिक उपकरणों की जरूरत
स्थानीय शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार में प्राथमिकता
सफाईकर्मियों की नियुक्ति – क्षेत्र में भारी कमी
उच्च शिक्षा हेतु बस सेवा – बच्चों के लिए नोवामुंडी तक बस सुविधा
“अनदेखी से क्षेत्र में असंतोष फैलेगा”
संघ ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि इन मांगों पर शीघ्र अमल नहीं किया गया, तो श्रमिक आंदोलन बाध्यकारी होगा।
“श्रमिकों की उपेक्षा से न केवल कंपनी का कार्य प्रभावित होगा, बल्कि पूरे क्षेत्र में असंतोष की चिंगारी भड़केगी।” — रामा पांडे, अध्यक्ष
यूनियन विस्तार: नए पदाधिकारियों की घोषणा
झारखंड मजदूर संघर्ष संघ ने संगठन के विस्तार की प्रक्रिया भी शुरू की है। यूनियन में नए पदाधिकारियों की नियुक्ति की गई:
इम्तियाज अंसारी – संगठन सचिव
सावन सांडिल – उप महामंत्री
करण सिंह – उपाध्यक्ष
लक्ष्मी साहू – उप महामंत्री
ये सभी अधिकारी गुवा, चिरिया, किरीबुरु और मेघाहातुबुरु क्षेत्रों में यूनियन की गतिविधियों को मजबूती देंगे।
आंदोलन की तैयारी में जुटी यूनियन
बैठक के अंत में यूनियन नेताओं ने कहा कि यदि प्रशासन ने श्रमिकों की मांगों को नजरअंदाज किया, तो चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।
प्रथम चरण में सेल कार्यालयों का घेराव, दूसरे चरण में उत्पादन कार्य का बहिष्कार और अंत में व्यापक चक्का जाम की योजना तैयार की जा रही है।