स्वच्छता में लापरवाही पर होगी कड़ी कार्रवाई, बिना फूड लाइसेंस वाले कारोबारियों को 7 दिनों में आवेदन करने का आदेश
रिपोर्ट: शैलेश सिंह,
पश्चिमी सिंहभूम जिला दंडाधिकारी-सह-उपायुक्त के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा को लेकर एक सख्त अभियान चलाया गया। बुधवार देर शाम खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी श्री अभिषेक आनंद ने चाईबासा शहर के यशोदा टॉकीज एवं पिल्लई हॉल के आसपास लगे विभिन्न ठेला-खोमचों और खाद्य प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया। इस छापेमारी के दौरान दो प्रमुख प्रतिष्ठानों — आशा होटल और तंदूरी हट — में भारी गंदगी पाए जाने पर अर्थदंड (जुर्माना) अधिरोपित किया गया।
गंदगी और खाद्य सुरक्षा में लापरवाही पर सख्ती
खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने बताया कि दोनों प्रतिष्ठानों में साफ-सफाई का घोर अभाव पाया गया, जो ग्राहकों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसी कारण दोनों पर जुर्माना लगाया गया। साथ ही, उन्हें कड़ी चेतावनी दी गई कि भविष्य में गंदगी मिलने की स्थिति में और अधिक कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
फूड कलर और मिलावटी सामग्री पर चेतावनी
निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि कुछ ठेला व होटल संचालक खाद्य पदार्थों में अनधिकृत रूप से अखाद्य रंगों (जैसे गाय छाप या चंपई रंग) का इस्तेमाल कर रहे थे। ऐसे कारोबारियों को स्पष्ट चेतावनी दी गई कि यदि अगली बार इस तरह के रंग प्रयोग में पाए गए, तो लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। साथ ही, अधिक मात्रा में फूड कलर का प्रयोग न करने और सभी खाद्य सामग्री को ढक कर रखने का निर्देश दिया गया।
साफ-सफाई और स्वच्छता के मानक निर्धारित
श्री आनंद ने बताया कि होटल, ढाबा एवं रेस्टोरेंट संचालकों को साफ-सफाई रखने, एप्रोन और ग्लव्स पहनकर भोजन तैयार करने, तथा रसोई की स्वच्छता बनाए रखने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। उपयोग में लाए जा रहे कच्चे खाद्य पदार्थ जैसे आटा, मैदा, तेल, पनीर, खोया, मसाले आदि की गुणवत्ता एवं एक्सपायरी डेट की जाँच कर ही उनका उपयोग करने का निर्देश दिया गया।
फूड लाइसेंस अनिवार्य, घर में रखने पर भी होगी कार्रवाई
खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने कहा कि कई व्यवसायी फूड लाइसेंस तो बनवा लेते हैं, लेकिन उसे अपने प्रतिष्ठान में लगाने के बजाय घर पर रखे रहते हैं। ऐसे लोगों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे तत्काल अपना फूड लाइसेंस अपने ठेले, होटल या दुकानों में प्रदर्शित करें। यह भी निर्देश दिया गया कि:
- सभी खाद्य कारोबारियों को 7 (सात) दिनों के भीतर स्वयं या नजदीकी प्रज्ञा केंद्र के माध्यम से www.foscos.fssai.gov.in पर जाकर फूड लाइसेंस हेतु आवेदन करना अनिवार्य है।
अगली जांच में अगर फूड लाइसेंस मौके पर नहीं पाया गया, तो सख्त कार्रवाई करते हुए भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
जनहित में जारी निर्देश
खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी श्री अभिषेक आनंद ने कहा कि यह अभियान आम नागरिकों के स्वास्थ्य और हित के लिए चलाया जा रहा है। खाने-पीने के व्यवसाय में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने ठेला, खोमचा, रेस्टोरेंट, ढाबा, होटल सभी प्रकार के खाद्य विक्रेताओं से अपील की कि वे जल्द से जल्द फूड लाइसेंस प्राप्त कर उसे अपने प्रतिष्ठान में प्रदर्शित करें और स्वच्छता के सभी मानकों का पालन करें।
प्रशासन का संदेश: “स्वस्थ भोजन, सुरक्षित जीवन”
यह जांच अभियान आने वाले दिनों में और तेज किया जाएगा। खाद्य सुरक्षा विभाग ने चेतावनी दी है कि अगली बार निरीक्षण के दौरान यदि लापरवाही पाई गई तो केवल जुर्माना नहीं बल्कि लाइसेंस रद्द करने, प्रतिष्ठान सील करने जैसे कठोर कदम भी उठाए जाएंगे। जिला प्रशासन की यह सख्ती अब उन लोगों के लिए चेतावनी है जो अभी भी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।