लेजेंड ब्लड डोनर्स को डिजिटल सम्मान, समाजसेवा के अद्भुत उदाहरण बने 08 सेवक
रिपोर्ट – शैलेश सिंह
समाज में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो न किसी पुरस्कार की लालसा रखते हैं, न प्रसिद्धि की भूख। उनका उद्देश्य सिर्फ एक—किसी की जिंदगी बचाना। ऐसे ही निस्वार्थ सेवकों को “LEGEND BLOOD DONOR SANMAN” से नवाजा गया है। यह सम्मान रक्त सेवा सदस्य ग्रुप की ओर से उन रक्तदाताओं को दिया जाता है जो लगातार वर्षों से रक्तदान करते आ रहे हैं और जिनका जज्बा युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
इस वर्ष कुल 08 सेवकों को यह डिजिटल सम्मान प्रदान किया गया—
- बड़बिल से 02 सेवक
- गुवा से 01 सेवक
- बड़ाजामदा से 01 सेवक
- जगन्नाथपुर से 02 सेवक
- नोवामुंडी से 02 सेवक
“जब उम्र थक जाती है, तब भी जज्बा चलता है”
लेजेंड ब्लड डोनर्स की खासियत यह है कि उन्होंने उम्र, परिस्थिति और स्वास्थ्य की सीमाओं को कभी अपनी राह में रुकावट नहीं बनने दिया। वे लगातार रक्तदान करते रहे, चाहे कितनी भी बार ब्लड की सुई उनकी नसों में चुभी हो, चाहे हाथों पर निशान पड़े हों। दर्द और डर से ऊपर उठकर उन्होंने एक ही सोच अपनाई—
“अगर मेरे खून की एक बूंद से किसी की जिंदगी बच सकती है, तो यह सौदा सबसे बड़ा सौभाग्य है।”
ये ऐसे लोग हैं जिनके जीवन में मृत्यु का भय नहीं, दर्द का डर नहीं, बस दूसरों के लिए जीने का जुनून है।
युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत
आज के दौर में बहुत से युवा ऐसे हैं जिन्होंने कभी रक्तदान का अनुभव नहीं लिया, और बहुत से बुजुर्ग ऐसे हैं जिन्हें अपने जीवन में रक्तदान का अवसर नहीं मिला। लेकिन इन लेजेंड ब्लड डोनर्स ने इस कमी को अपने समाज में भर दिया।
उन्होंने समाज को लहू की हर बूंद समर्पित कर दी। बार-बार ब्लड बैंक में जाकर रक्तदान करना, बार-बार हाथों में सुई चुभाना, और फिर भी अगली बार फिर से तैयार रहना—यह साधारण नहीं, बल्कि असाधारण साहस और त्याग का प्रतीक है।
सम्मानित लेजेंड ब्लड डोनर्स
इस वर्ष सम्मानित वृद्ध और अनुभवी रक्तदाताओं के नाम हैं—
- डॉ. रास बिहारी महतो
- कश्मीर सिंह
- मोहम्मद अख्तर खान
- कमर इकबाल
- मोहम्मद शमी अफरोज
- शिव किशन शर्मा
- संजय प्रसाद
- फिरोज हुसैन
ये वे चेहरे हैं जिन्होंने कभी गणना नहीं की कि उन्होंने कितनी बार रक्तदान किया। उनके लिए हर जरूरतमंद व्यक्ति एक नया कारण था अपना रक्त देने का।
“रक्तदान – केवल सेवा नहीं, यह जीवन की क्रांति है”
रक्त सेवा सदस्य ग्रुप की ओर से आयोजित यह डिजिटल सम्मान समारोह केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि समाज को यह संदेश देने का प्रयास है कि रक्तदान एक आंदोलन बन सकता है।
हमारे देश में हर साल लाखों लोग दुर्घटनाओं, ऑपरेशनों या गंभीर बीमारियों के कारण रक्त की कमी से जूझते हैं। अस्पतालों में कई बार मरीज इसलिए दम तोड़ देते हैं क्योंकि समय पर रक्त उपलब्ध नहीं हो पाता। इस संकट को केवल सरकार या स्वास्थ्य संस्थान अकेले नहीं सुलझा सकते—इसमें समाज की सामूहिक भागीदारी जरूरी है।
“खून का रिश्ता, इंसानियत से बड़ा”
रक्तदान की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह धर्म, जाति, भाषा और क्षेत्र से ऊपर उठकर इंसानियत को जोड़ता है। जब कोई रक्तदाता किसी अजनबी को रक्त देता है, तो वह यह साबित करता है कि इंसानियत का सबसे मजबूत रिश्ता खून से बनता है।
इन लेजेंड रक्तदाताओं ने यह रिश्ता बार-बार निभाया। वे सिर्फ जरूरत पड़ने पर नहीं, बल्कि नियमित रूप से रक्तदान करते हैं।
डिजिटल सम्मान: नई पीढ़ी के लिए संदेश
आज के डिजिटल युग में सम्मान भी तकनीक के जरिए दिया जा रहा है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए इन 08 सेवकों को सम्मानित किया गया, ताकि उनका संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे।
युवाओं के लिए यह एक स्पष्ट संदेश है—
- रक्तदान से डरें नहीं
- स्वास्थ्यपूर्ण जीवन जीते हुए आप भी यह कर सकते हैं
- एक यूनिट रक्त से तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है
रक्तदान से जुड़े तथ्य और प्रेरणा
- सुरक्षित प्रक्रिया – प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ द्वारा रक्तदान पूरी तरह सुरक्षित होता है।
- समय की मांग – पूरी प्रक्रिया में मात्र 15-20 मिनट लगते हैं।
- स्वास्थ्य लाभ – रक्तदान से शरीर में नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण होता है, जिससे स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
- योग्यता – सामान्यत: 18 से 60 वर्ष के स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकते हैं।
- अंतराल – पुरुष हर 3 महीने में और महिलाएं हर 4 महीने में रक्तदान कर सकती हैं।
युवाओं के लिए प्रेरक स्लोगन
- “तुम्हारे खून की एक बूंद – किसी की जिंदगी का पूरा समंदर”
- “रक्तदान – इंसानियत का सबसे बड़ा उत्सव”
- “खून देने से कमजोरी नहीं, ताकत मिलती है”
- “रक्तदान से बढ़कर कोई राष्ट्रसेवा नहीं”
- “दर्द से मत डर, किसी की धड़कन बन”
निष्कर्ष – आंदोलन का रूप ले रक्तदान
रक्तदान केवल एक मेडिकल प्रक्रिया नहीं, यह समाज की सेवा, देश के प्रति जिम्मेदारी और इंसानियत की सबसे बड़ी परीक्षा है।
इन 08 लेजेंड ब्लड डोनर्स ने हमें दिखाया है कि चाहे उम्र हो, परिस्थितियां हों, या स्वास्थ्य की चुनौतियां—अगर मन में सेवा का भाव हो, तो कुछ भी असंभव नहीं।
आज जरूरत है कि देश का हर युवा इन महान रक्तदाताओं से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में कम से कम एक बार रक्तदान जरूर करे। शायद आपका यह कदम किसी अनजान व्यक्ति को नई जिंदगी दे दे।
“रक्तदान करो – क्योंकि जिंदगी किसी की भी हो सकती है, लेकिन उसे बचाने की ताकत तुम्हारे हाथ में है।”