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भारत-पाक तनाव के बीच आपात बैठक: मेघाहातुबुरू में युद्धस्तरीय तैयारी शुरू

 

ड्रोन, मिसाइल हमलों की आशंका के बीच सुरक्षा, चिकित्सा और ब्लैकआउट पर फोकस

रिपोर्ट : शैलेश सिंह
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले और उसके जवाब में भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर की गई कड़ी कार्रवाई के बाद उपजे भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति ने देशभर में चिंता बढ़ा दी है। इसी क्रम में, पश्चिम सिंहभूम जिले के सीमावर्ती औद्योगिक क्षेत्र मेघाहातुबुरू में भी सुरक्षा तैयारियों को युद्धस्तर पर तेज कर दिया गया है।

शनिवार को मेघालया गेस्ट हाउस सभाकक्ष, मेघाहातुबुरू में एक उच्च स्तरीय आपातकालीन बैठक आयोजित की गई, जिसमें क्षेत्रीय विधि-व्यवस्था को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक की अध्यक्षता अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) जगन्नाथपुर तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) किरीबुरू ने संयुक्त रूप से की। इसमें सेल (SAIL) के किरीबुरू, मेघाहातुबुरू व गुवा खनन परियोजनाओं के मुख्य महाप्रबंधकों, सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों, अंचल अधिकारी नोवामुंडी, पुलिस निरीक्षक किरीबुरू एवं नोवामुंडी तथा किरीबुरू और गुवा थाना प्रभारियों ने भाग लिया।

रणनीतिक समन्वय पर जोर: संस्थाओं और सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल

बैठक का मुख्य उद्देश्य था—यदि भारत-पाकिस्तान के बीच हालात और बिगड़ते हैं या युद्ध की स्थिति उत्पन्न होती है, तो स्थानीय स्तर पर नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, पैनिक को रोकना और संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित करना। इसके लिए सभी एजेंसियों के बीच आपसी समन्वय पर विशेष जोर दिया गया।

सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस के साथ-साथ सेल प्रबंधन को भी निर्देशित किया गया कि वे सूचना तंत्र को चुस्त रखें, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत एक्शन लिया जा सके। खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित औद्योगिक और रिहायशी क्षेत्रों को लेकर चौकसी बढ़ाने की बात कही गई।

सभी विभाग अलर्ट मोड में: ब्लैकआउट और राहत तंत्र को लेकर निर्देश

बैठक में यह निर्देश जारी किया गया कि किसी भी संभावित मिसाइल, ड्रोन या हवाई हमले की आशंका को देखते हुए रिहायशी इलाकों में ब्लैकआउट (बत्ती बंदी) की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से तैयार रखी जाए। साथ ही, इस विषय में नागरिकों को भी समय रहते सूचित कर अलर्ट करने की प्रक्रिया तय की गई।

चिकित्सा विभाग, अग्निशमन विभाग और आपदा प्रबंधन से संबंधित सभी एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने के आदेश दिए गए हैं। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी आपात स्थिति में घायलों को तत्काल चिकित्सकीय सुविधा मिले और राहत कार्यों में कोई देरी न हो।

सुरक्षा को लेकर आम नागरिकों में न हो पैनिक: प्रशासन की अपील

प्रशासन ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है और केवल संभावित खतरों को देखते हुए एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। आम नागरिकों से अफवाहों पर ध्यान न देने और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।

अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा, “हमारी प्राथमिकता है कि कोई भी नागरिक असुरक्षित महसूस न करे। सभी सुरक्षा एजेंसियां, प्रशासन और औद्योगिक संस्थाएं मिलकर हर परिस्थिति से निपटने को तैयार हैं।”

विनिर्माण क्षेत्र और खनन कार्यों की सुरक्षा भी प्राथमिकता में

सेल की खनन परियोजनाएं जैसे कि किरीबुरू, मेघाहातुबुरू और गुवा न सिर्फ क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम हैं। ऐसे में इन परिसरों की सुरक्षा को लेकर विशेष रणनीति बनाई गई है। सीसीटीवी, गश्ती दल और प्रवेश-निकास नियंत्रण को सुदृढ़ करने के निर्देश भी दिए गए।

निष्कर्ष: तैयारियों के साथ सतर्कता जरूरी

भारत-पाकिस्तान के बीच उपजे वर्तमान तनाव के परिप्रेक्ष्य में मेघाहातुबुरू क्षेत्र में की जा रही यह तैयारियां दर्शाती हैं कि प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां संभावित जोखिम को लेकर पूरी तरह सतर्क हैं। युद्ध की आशंका भले ही भविष्य का विषय हो, परंतु तैयारियों में कोई कमी नहीं बरती जा रही है।

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