मानसून में सर्पदंश की घटनाओं में बढ़ोतरी की आशंका पर जिला प्रशासन ने जारी किए जरूरी दिशा-निर्देश
रिपोर्ट: सरायकेला-खरसावां
मानसून के मौसम में सर्पदंश की घटनाओं में संभावित वृद्धि को देखते हुए सरायकेला-खरसावां जिला प्रशासन ने आमजन के लिए महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। उपायुक्त श्री नितिश कुमार सिंह ने जिलेवासियों से सतर्कता बरतने और अफवाहों से बचने की अपील करते हुए कहा कि सर्पदंश एक चिकित्सीय आपात स्थिति है, लेकिन यदि समय पर सही प्राथमिक उपचार और त्वरित अस्पताल पहुंच सुनिश्चित किया जाए, तो जीवन बचाया जा सकता है।
जागरूकता अभियान भी जारी
उपायुक्त ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्पदंश से बचाव और उपचार के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां परंपरागत झाड़-फूंक जैसी अप्रमाणित विधियों के चलते कई बार जानमाल का नुकसान हो जाता है।
सर्पदंश होने पर क्या करें — उपायुक्त द्वारा निर्देशित सुझाव:
- सर्पदंश होते ही व्यक्ति को शांत और स्थिर रखें, घबराएं नहीं।
- साँप से धीरे-धीरे दूरी बनाएं, सांप को मारने या पकड़ने का प्रयास न करें।
- डंसे गए अंग को स्थिर रखें, हिलाएं नहीं।
- अंग में यदि जूते, चूड़ी, घड़ी या कसे कपड़े हों तो तुरंत हटाएं।
- तुरंत नजदीकी अस्पताल में ले जाएं।
- साँस लेने में कठिनाई हो तो पीठ के बल लिटाकर गर्दन सीधी रखें।
क्या न करें — स्पष्ट चेतावनी:
- घाव को काटें, चूसें या उस पर केमिकल या कोई औषधि न लगाएं।
- घाव को कसकर न बांधें।
- पारंपरिक या अप्रमाणित झाड़-फूंक का सहारा न लें।
सावधानी के लिए अतिरिक्त सुझाव:
- अंधेरे स्थानों पर जाने से पहले टॉर्च का इस्तेमाल करें।
- खेतों में काम करते समय पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
- रात में खुले में न सोएं, मच्छरदानी का प्रयोग करें।
आपातकालीन सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर
उपायुक्त ने जानकारी दी कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क और तैयार हैं। किसी भी आपात स्थिति में तत्काल ☎️ 15400 पर कॉल कर सहायता प्राप्त की जा सकती है।
जिलेवासियों से अपील:
उपायुक्त ने अंत में अपील की है कि ऐसी किसी भी स्थिति में घबराएं नहीं, झूठी अफवाहों या अंधविश्वास से दूर रहें और सीधे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें। सर्पदंश से सही उपचार द्वारा जीवन बचाना पूरी तरह संभव है।