भोजपुरी ब्यासों की जुगलबंदी और पूजा डांस ग्रुप की प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोहा
रिपोर्ट: शैलेश सिंह
व्यापारी संघ, बडा़जामदा के तत्वावधान में रविवार की रात स्थानीय फुटबॉल मैदान परिसर भोजपुरी संस्कृति से सराबोर रहा। यहां आयोजित भव्य सांस्कृतिक संध्या ‘दो गोला चैता’ में भोजपुरी परंपरा, संगीत और नृत्य का अद्भुत संगम देखने को मिला। कार्यक्रम में भोजपुरी के दो चर्चित ब्यास—ब्यास विष्णु शंकर सिंह और ब्यास शन्नी मिश्रा के बीच दमदार मुकाबला हुआ, जिसे सुनने और देखने के लिए भारी संख्या में लोग उमड़े।
भोजपुरी चैता की पारंपरिक गूंज से गूंज उठा मैदान
रात्रि करीब 10 बजे कार्यक्रम की शुरुआत परंपरागत रीति से की गई। मंच पर आते ही ब्यास विष्णु शंकर सिंह और ब्यास शन्नी मिश्रा ने अपनी-अपनी टोली के साथ जोरदार प्रस्तुति दी। ‘दो गोला चैता’ की शैली में एक ओर जहां सवाल-जवाब की परंपरा निभाई गई, वहीं सामाजिक मुद्दों से लेकर प्रेम, विरह और उत्सव की भावना से जुड़ी रचनाओं ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
दोनों ब्यासों की संवाद शैली, लोकगीतों की प्रस्तुति और भावाभिनय की बारीकियों ने माहौल को रोमांचक बना दिया। कभी श्रोता ताली बजाते नजर आए, तो कभी भावविभोर होकर झूमते दिखे।
पूजा डांस ग्रुप ने थिरकाए कदम
कार्यक्रम की विशेष प्रस्तुति रही बंगाल से आई पूजा डांस ग्रुप की प्रस्तुति, जिसने दर्शकों को अपने लयबद्ध नृत्य और मंचीय सजीवता से मंत्रमुग्ध कर दिया। चार सदस्यीय इस ग्रुप ने एक से बढ़कर एक भोजपुरी गीतों पर नृत्य कर समां बांध दिया। पारंपरिक परिधान और ऊर्जा से भरपूर उनकी प्रस्तुति ने दर्शकों को कुर्सियों से उठकर झूमने पर मजबूर कर दिया।
सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने की पहल
व्यापारी संघ बड़ाजामदा की यह पहल न सिर्फ मनोरंजन का माध्यम बनी, बल्कि यह भोजपुरी सांस्कृतिक विरासत को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास भी था। कार्यक्रम के दौरान स्थानीय कलाकारों को भी मंच दिया गया, जिन्होंने पारंपरिक वाद्ययंत्रों जैसे ढोलक, हारमोनियम और मंजीरे के साथ अपनी प्रस्तुति देकर दर्शकों का दिल जीत लिया।
संघ के अध्यक्ष ने मंच से कहा कि “भोजपुरी संस्कृति को जीवंत बनाए रखने के लिए ऐसे आयोजनों की बेहद जरूरत है। यह हमारी जड़ों से जुड़ने का माध्यम है।”
दर्शकों की भारी भीड़, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, व्यापारी, युवा, महिला और बच्चे शामिल हुए। भीड़ को नियंत्रित करने और कार्यक्रम को व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। कार्यक्रम देर रात तक चलता रहा, लेकिन दर्शकों का उत्साह कम नहीं हुआ।
स्थानीय स्तर पर ऐसे आयोजन बनें नियमित—जनता की मांग
इस कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए स्थानीय लोगों ने ऐसी सांस्कृतिक संध्याओं को नियमित रूप से आयोजित करने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे न केवल सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ती है, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे को भी मजबूती मिलती है।
समापन पर सम्मान और आभार प्रदर्शन
कार्यक्रम के अंत में आयोजकों की ओर से दोनों ब्यासों और पूजा डांस ग्रुप को शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। संघ के पदाधिकारियों ने सभी आगंतुकों, कलाकारों और सहयोगियों का आभार व्यक्त करते हुए भविष्य में और भी भव्य कार्यक्रमों के आयोजन का भरोसा दिलाया। इस दौरान संजय सारडा, दीपू सिंह, संतोष साह, राजेश सिंह उर्फ लंचा भाई, प्रवीण सिंह, पवन सिंह, प्रवीण सिंह, आदि सैकड़ों मौजूद थे।