उपायुक्त का निरीक्षण, दोषी एजेंसी पर एफआईआर का निर्देश – ग्रामीणों का आरोप, पीएचईडी अभियंता गैरजिम्मेदार
सरायकेला, संवाददाता
डायरिया से दो मौतें, कई गंभीर
खरसावां प्रखंड के रीडिंग पंचायत के कुड़ियासाई टोला में डायरिया से गुरुवार सुबह 66 वर्षीय माकी हेंब्रम की मौत हो गई। इससे पहले मंगलवार शाम 10 वर्षीय अमर सिंह सिजुई की मौत हो चुकी है। अब तक नौ लोग गंभीर रूप से प्रभावित हैं, जिन्हें एमजीएम जमशेदपुर और सरायकेला सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

उपायुक्त ने किया स्थलीय निरीक्षण
जिला दंडाधिकारी-सह-उपायुक्त नितिश कुमार सिंह सिविल सर्जन डॉ. सरयू प्रसाद सिंह और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ गांव पहुंचे। उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर समस्याओं की जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पूरे गांव में पेयजल, शौचालय और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं की बदहाल स्थिति देख कर नाराजगी जताई।
जलमीनार और नल-जल योजना ठप
ग्रामीणों ने बताया कि जलमीनार और सोलर संचालित जलापूर्ति योजना महीनों से खराब पड़ी है। शिकायतों के बावजूद इसे दुरुस्त नहीं किया गया। मजबूरन ग्रामीण दूषित कुएं का पानी पी रहे हैं, जिससे डायरिया फैल गया।
एफआईआर का आदेश
डीसी ने मौके पर ही जलापूर्ति योजना लगाने वाली एजेंसी पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया और दोषी संवेदक पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। उन्होंने हर घर में शौचालय निर्माण जल्द पूरा करने और हर घर नल-जल योजना के तहत जलापूर्ति चालू करने के आदेश दिए।
पीएचईडी अभियंताओं पर गंभीर आरोप
ग्रामीणों और सूत्रों का आरोप है कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अभियंता फील्ड में काम करने के बजाय एयर-कंडीशन कमरों में बैठते हैं। उनकी लापरवाही से नल-जल, शौचालय और जलमीनार जैसी योजनाएं अधूरी या खराब पड़ी हैं। आरोप है कि प्राक्कलन घोटाले में भी अभियंताओं की संलिप्तता है, जिसमें अनुपयोगी वस्तुएं डालकर भारी-भरकम बजट बनाया जाता है और राशि हड़पने की कोशिश होती है।
उपचार और राहत व्यवस्था
गांव में 24×7 मेडिकल टीम और एंबुलेंस की तैनाती की गई है। सभी घरों के सदस्यों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है। ओआरएस, दवाइयों और अन्य चिकित्सीय सामग्री का वितरण किया जा रहा है। पानी के नमूने लेकर प्रयोगशाला जांच कराई जा रही है और दूषित स्रोतों पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
जन-जागरूकता पर जोर
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि ग्रामीणों को सुरक्षित पानी, स्वच्छता और व्यक्तिगत स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न हो।