नर्सिंग स्टाफ ने केक काटा, डॉक्टरों ने दी शुभकामनाएं, सेवा भाव को किया सलाम
रिपोर्ट : शैलेश सिंह
सेल, किरीबुरु-मेघाहातुबुरु जनरल अस्पताल में अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस को बड़े ही हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर अस्पताल की सभी नर्सिंग स्टाफों ने एक साथ मिलकर केक काटा और एक-दूसरे को शुभकामनाएं देकर खुशी साझा की। पूरे अस्पताल परिसर में एक सकारात्मक और प्रेरणादायक माहौल देखने को मिला।
सेवा, समर्पण और सहानुभूति का उत्सव
इस खास मौके पर नर्सों ने अपने कर्तव्यों के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया और स्वास्थ्य सेवा में उनकी भूमिका को सम्मानित किया गया। नर्सिंग स्टाफ की सेवा भावना, कठिन परिश्रम और मरीजों के प्रति समर्पण को लेकर सभी ने खुले दिल से सराहना की।
मुख्य अतिथि सीएमओ डॉ. नंदी जेराई ने बढ़ाया उत्साह
इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि अस्पताल की मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (सीएमओ) डॉ. नंदी जेराई उपस्थित रहीं। उन्होंने नर्सों को बधाई देते हुए कहा कि “नर्सें किसी भी अस्पताल की रीढ़ होती हैं। इनकी सेवा भावना और मानवता के प्रति समर्पण ही स्वास्थ्य सेवा को जीवंत बनाता है।”
विशिष्ट अतिथियों ने दिया प्रोत्साहन
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. पी. आर. सिंह, डॉ. एम. एस. दास, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. एस. जे. कुल्लू एवं डॉ. अर्चना बेक ने भी शिरकत की। सभी चिकित्सकों ने नर्सिंग स्टाफ को शुभकामनाएं दीं और उनके कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आधुनिक चिकित्सा प्रणाली में नर्सों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और यह दिन उनके सम्मान का प्रतीक है।
मेटरन प्रभारी और अन्य सिस्टरों की रही सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में मेटरन प्रभारी ललिता की अगुवाई में सिस्टर अनिमा, कदंबिनी राउत, अजय कुमार, जयंती समेत अन्य नर्सिंग स्टाफ ने आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई। नर्सों ने आपसी सहयोग और एकता के साथ नर्स दिवस को मनाया, जो कि एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करता है।
सेल अस्पताल बना मानवीय सेवा का उदाहरण
इस अवसर पर अस्पताल परिसर में उत्सव का माहौल रहा। सभी उपस्थितों ने यह स्वीकार किया कि नर्सों की जिम्मेदारी केवल औपचारिक कामकाज तक सीमित नहीं है, बल्कि वे मरीजों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य की भी जिम्मेदारी उठाती हैं। उनका यह योगदान किसी भी सम्मान से बढ़कर है।
नर्स दिवस का संदेश — सेवा ही श्रेष्ठ धर्म
कार्यक्रम का समापन नर्सों को सम्मानित करते हुए हुआ। सभी ने इस बात पर बल दिया कि नर्स दिवस केवल उत्सव नहीं, बल्कि सेवा, सहानुभूति और करुणा के मूल्यों को आत्मसात करने का अवसर है।