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सारंडा में आज़ादी का जश्न: तिरंगे की शान और देशभक्ति का उमंग

तिरंगे के रंग में रंगा सारंडा, गूंजे “भारत माता की जय” के नारे

रिपोर्ट – शैलेश सिंह

नक्सल प्रभावित सारंडा जंगल का इलाका आज़ादी के जश्न में देशभक्ति के रंग में रंग गया। 15 अगस्त की सुबह से ही गांव-गांव, स्कूल-कॉलेज, पंचायत भवन और सरकारी दफ्तरों में तिरंगे की शान देखने को मिली। हर ओर “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम” के गगनभेदी नारे गूंजते रहे। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक लोगों के दिलों में देश प्रेम का जज़्बा कूट-कूट कर भरा नजर आया।

मुखियाओं और अधिकारियों ने संभाली अगुवाई

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किरीबुरू स्थित एसडीपीओ और इंस्पेक्टर कार्यालय में एसडीपीओ अजय केरकेट्टा ने तिरंगा फहराकर सलामी दी। किरीबुरू थाना परिसर में थाना प्रभारी रोहित कुमार ने ध्वजारोहण किया और उपस्थित पुलिस बल को देश सेवा का संकल्प दिलाया। सारंडा के विभिन्न पंचायत भवनों में भी मुखियाओं ने ध्वजारोहण किया। इसमें लिपि मुंडा, पार्वती कीड़ों, प्रफुल्लित ग्लोरिया टोपनो, मंगल सिंह गिलुआ, सुखराम उर्फ राजू शांडिल और मुन्नी देवगम शामिल रहे। झारखंड माइंस मजदूर यूनियन कार्यालय में वीर सिंह मुंडा, नेताजी चौक पर सीजीएम एस एस साह, इन सभी ने अपने-अपने क्षेत्रों में तिरंगे को सलामी देते हुए लोगों से देश की एकता, अखंडता और विकास में योगदान देने की अपील की।

स्कूल-कॉलेजों में गूंजा देशभक्ति का स्वर

गांव-गांव के स्कूलों में बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। देशभक्ति गीतों और कविताओं से वातावरण भावुक हो उठा। कई जगह बच्चों ने तिरंगे के रंगों में सजे परिधान पहन कर मार्च पास्ट किया। शिक्षक और ग्रामीण मिलकर कार्यक्रम में शामिल हुए, जिससे यह महोत्सव एक सामूहिक उत्सव में बदल गया।

कड़ी सुरक्षा, परिंदा भी पर नहीं मार सका

नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण पूरे सारंडा में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। सीआरपीएफ, CISF और झारखंड पुलिस के जवान तैनात रहे। सुरक्षा बलों ने मुख्य मार्गों, संवेदनशील स्थानों और कार्यक्रम स्थलों पर चौकसी बरती। पहाड़ी और जंगल क्षेत्रों में भी लगातार पेट्रोलिंग की गई, ताकि जश्न में किसी भी तरह की खलल न पड़े। सुरक्षा इंतज़ाम इतने पुख्ता थे कि सचमुच “परिंदा भी पर नहीं मार सका।”

गांवों में दिखी उत्साह और एकजुटता

सारंडा के गांवों में इस बार लोगों का उत्साह देखने लायक था। ग्रामीण, महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सभी सुबह से ही कार्यक्रम स्थलों पर जुटने लगे। कहीं ढोल-नगाड़ों की थाप पर तिरंगा यात्रा निकाली गई, तो कहीं पारंपरिक नृत्य-गीत से माहौल में रौनक आ गई। लोगों ने अपने घरों, दुकानों और वाहनों पर तिरंगा सजाकर इस दिन को यादगार बनाया।

देशभक्ति का संदेश

कार्यक्रमों में वक्ताओं ने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद किया और युवाओं से उनके सपनों का भारत बनाने का आह्वान किया। एसडीपीओ अजय केरकेट्टा ने कहा, “आज़ादी हमें अनगिनत बलिदानों के बाद मिली है, इसकी रक्षा और विकास में हर नागरिक की भागीदारी जरूरी है।” थाना प्रभारी रोहित कुमार ने भी लोगों को कानून-व्यवस्था में सहयोग करने और सामाजिक समरसता बनाए रखने की अपील की।

एक दिन, कई यादें

सारंडा के इस स्वतंत्रता दिवस ने एक बार फिर साबित किया कि चुनौतियों के बीच भी देशभक्ति और एकजुटता की भावना को दबाया नहीं जा सकता। नक्सल छाया वाले इस इलाके में आज का दिन उम्मीद, उत्साह और नई ऊर्जा लेकर आया।

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