बच्चों ने राधा–कृष्ण की झांकियों से बांधा समां, मटकी फोड़ और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से गूंजा सामुदायिक भवन
रिपोर्ट – शैलेश सिंह
जन्माष्टमी का पर्व पूरे देश में भक्ति और उल्लास के साथ मनाया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का यह पर्व जहां मंदिरों और घरों में विशेष पूजा-अर्चना के साथ संपन्न होता है, वहीं शैक्षणिक संस्थानों और सांस्कृतिक संगठनों में भी इसकी झलक विशेष रूप से देखने को मिलती है। इसी कड़ी में ब्राइट फ्यूचर एकेडमी ने मेघाहातुबुरू स्थित सामुदायिक भवन में जन्माष्टमी उत्सव का आयोजन बड़े ही धूमधाम और भक्तिमय माहौल में किया।
आकर्षक वेशभूषा में सजे नन्हे-मुन्ने
उत्सव का मुख्य आकर्षण रहे स्कूल के छोटे-छोटे बच्चे, जिन्होंने श्रीकृष्ण और राधा की वेशभूषा धारण कर सभी का मन मोह लिया। किसी ने बांसुरी हाथ में लिए नटखट कान्हा का रूप धारण किया तो किसी ने सिर पर मुकुट और मोरपंख सजाकर माखन चोर की अदाओं से सबको भाव-विभोर कर दिया। वहीं राधा के रूप में आईं नन्ही बालिकाओं की वेशभूषा और प्रस्तुति ने पूरे माहौल को वृंदावन की अनुभूति करा दी।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएँ
जन्माष्टमी उत्सव के दौरान बच्चों ने विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में बच्चों ने श्रीकृष्ण, राधा, बलराम, सुदामा और गोपियों के रूप में मंच पर आकर अलग ही वातावरण बना दिया।
कार्यक्रम में मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें बच्चों ने उत्साह के साथ भाग लिया। मटकी फोड़ते समय बच्चों की टोलियों ने जय श्रीकृष्ण के नारों से सामुदायिक भवन को गूंजा दिया। इसके अलावा बच्चों ने भक्ति गीतों और नृत्य के माध्यम से कृष्ण-लीला को जीवंत कर दिया।
श्रीकृष्ण की पूजा और प्रसाद वितरण
भव्य आयोजन के बीच परंपरा का भी विशेष ध्यान रखा गया। विधिवत श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की गई। मंच पर सजाए गए सुंदर झूले में विराजमान लड्डू गोपाल को श्रद्धालुओं ने मिलकर झूला झुलाया। पूजा-पाठ और भजन-कीर्तन के बाद उपस्थित सभी लोगों के बीच प्रसाद वितरण किया गया।
अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
कार्यक्रम में महिला समिति की अध्यक्ष स्टेला सेल्वम बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहीं। उन्होंने बच्चों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन बच्चों के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ उनमें सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों का भी संचार करते हैं।
विशिष्ट अतिथियों के रूप में सुष्मिता रॉय, सुनीता थापा, सुषमा योगेश राम, रंजना प्रमोद और मीनू नायक मौजूद थीं। सभी ने मंच से बच्चों को आशीर्वाद दिया और आयोजन की सराहना की।
इसके अलावा विद्यालय की शिक्षिकाएँ संगीता, पुष्पा, प्रियंका, मंजू और कुमकुम ने पूरे आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने बच्चों को तैयार करने से लेकर मंचीय प्रस्तुतियों को सफल बनाने तक हर स्तर पर योगदान दिया।
दर्शकों का उत्साह और वातावरण
सामुदायिक भवन में माता-पिता और स्थानीय लोगों की भारी भीड़ जुटी। दर्शकों ने बच्चों की प्रस्तुतियों का भरपूर आनंद लिया। जब छोटे-छोटे बच्चों ने कान्हा की शरारतें मंच पर उतारीं तो हंसी और तालियों से पूरा पंडाल गूंज उठा। वहीं, राधा-कृष्ण के नृत्य की प्रस्तुति के दौरान दर्शक मंत्रमुग्ध होकर देखते रह गए।
सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश
ब्राइट फ्यूचर एकेडमी के प्रबंधन ने बताया कि जन्माष्टमी जैसे त्योहार केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। ऐसे कार्यक्रम बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जोड़ते हैं।
विद्यालय के एक शिक्षक ने कहा, “आज के दौर में जब बच्चे मोबाइल और टीवी तक सीमित हो रहे हैं, इस प्रकार के आयोजनों से उन्हें समाज और संस्कृति से जुड़ने का अवसर मिलता है। साथ ही, उनमें अनुशासन, टीमवर्क और प्रतिस्पर्धा की भावना भी विकसित होती है।”
एकता और सहभागिता का पर्व
जन्माष्टमी उत्सव ने न केवल बच्चों को आनंदित किया बल्कि स्थानीय समुदाय को भी एकजुट होने का अवसर दिया। कार्यक्रम में विभिन्न वर्गों और समुदायों के लोग एक साथ जुटे और भक्ति-भाव में सराबोर होकर कृष्ण जन्मोत्सव का आनंद लिया।
समापन भक्ति और उल्लास के बीच
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और मटकी फोड़ प्रतियोगिता के बाद कार्यक्रम का समापन भजन-कीर्तन और प्रसाद वितरण के साथ हुआ। पूरा सामुदायिक भवन “हरे कृष्णा, जय श्रीकृष्ण” के नारों से गूंज उठा।