नक्सल मोर्चे पर डटे जवानों पर गिरी आकाशीय बिजली, कई गंभीर रूप से घायल; विकट परिस्थिति में राहत व इलाज जारी
सारंडा से दर्दनाक खबर
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम ज़िले के घने जंगलों में बसे सारंडा क्षेत्र से एक बेहद दुःखद घटना सामने आई है। गुरुवार की शाम बालिबा क्षेत्र में स्थित सीआरपीएफ कैंप पर अचानक तेज़ वज्रपात हुआ, जिसमें कई अधिकारी और जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। नक्सली हिंसा से जूझ रहे इस क्षेत्र में तैनात सीआरपीएफ के वीर जवान अब प्रकृति के क्रोध का भी शिकार हो गए हैं।
नक्सलवाद से लड़ते-लड़ते आसमानी आफत की चपेट में
सारंडा का यह इलाका पहले से ही माओवादी गतिविधियों के लिए संवेदनशील माना जाता है। यहां सीआरपीएफ के जवान चौबीसों घंटे सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने में जुटे रहते हैं। लेकिन गुरुवार को जो हुआ, वह न सिर्फ अप्रत्याशित था, बल्कि बेहद पीड़ादायक भी। बालिबा स्थित कैंप पर अचानक आसमान से बिजली गिरी, जिसकी चपेट में कई जवान आ गए।
आनन-फानन में शुरू हुआ राहत कार्य
घटना की जानकारी मिलते ही सेल (SAIL) के किरीबुरु-मेघाहातुबुरु जनरल अस्पताल से ऑक्सीजन सिलेंडर और प्राथमिक उपचार की सामग्री लेकर पुलिस अधिकारी व सीआरपीएफ जवान घटनास्थल की ओर रवाना हुए। घायलों को अत्यंत विकट परिस्थिति में कैंप से बाहर निकालना पड़ा।
इलाज के लिए भेजे गए किरीबुरु और नोवामुंडी
घायल जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें तत्काल बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए किरीबुरु और नोवामुंडी के अस्पतालों में भेजा गया है। हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस हादसे में कितने जवान या अधिकारी घायल हुए हैं और उनकी पहचान क्या है।
सूचना जुटाने की कोशिशें जारी
अधिकारिक रूप से अभी तक किसी नाम की पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, कई जवानों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। वज्रपात का प्रभाव इतना तीव्र था कि कैंप के आसपास के इलाके में भी हलचल मच गई।
वीरता की ड्यूटी में घायल, देश को है गर्व
नक्सल मोर्चे पर तैनात जवान हर दिन जान हथेली पर रखकर देश की रक्षा कर रहे हैं। ऐसे में यह प्राकृतिक आपदा उनके साहस और समर्पण के सामने एक और चुनौती बनकर आई है। यह घटना सिर्फ एक आकस्मिक हादसा नहीं, बल्कि उन जवानों के त्याग और कर्तव्यनिष्ठा की गवाही है जो हर मौसम, हर परिस्थिति में देश के लिए मोर्चा संभाले रहते हैं।
स्थानीय प्रशासन की सजगता से टला बड़ा हादसा
बालिबा जैसे सुदूर और दुर्गम क्षेत्र में बिजली गिरने की घटना के बाद जिस तरह से प्रशासन और मेडिकल टीमों ने तत्परता दिखाई, वह प्रशंसा के योग्य है। समय पर सहायता न पहुंचती तो शायद स्थिति और गंभीर हो सकती थी।
सरकार से अपेक्षा: बेहतर इलाज की पहल हो
इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने को मजबूर कर दिया है कि कठिन इलाकों में तैनात सुरक्षाबलों के लिए पर्याप्त सुरक्षा और मेडिकल सुविधाएं कितनी आवश्यक हैं। सरकार और प्रशासन से उम्मीद की जाती है कि घायलों का समुचित इलाज कराया जाए और भविष्य में ऐसे हादसों से निपटने के लिए पर्याप्त प्रबंध किए जाएं।
समाज का कर्तव्य: इन वीरों के साथ खड़ा होना
आज जब हमारे जवान नक्सलियों के साथ-साथ कुदरत के कहर से भी जूझ रहे हैं, तब हम सबका कर्तव्य है कि उनके प्रति संवेदनशीलता और सहयोग का भाव रखें। इन वीर सैनिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और सम्मान ही हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए।
यह केवल एक खबर नहीं, एक वेदना है
यह घटना सिर्फ समाचार की कुछ पंक्तियाँ नहीं, बल्कि उन वीरों के दर्द की गाथा है जो देश के दुर्गम और खतरनाक इलाकों में अपने प्राणों की बाजी लगाकर हमारी सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं। वज्रपात से घायल हर जवान देश का सच्चा हीरो है, और हम सबकी प्रार्थनाएँ उनके शीघ्र स्वस्थ होने के लिए हैं।