सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय सरायकेला में धूमधाम से मनाई गई महावीर जयंती
सरायकेला: आज चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय, सरायकेला के शांतिकुंज परिसर में भगवान महावीर जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस पावन अवसर पर विद्यार्थियों ने महावीर स्वामी के जीवन संदेशों को गीत, वक्तव्य और वक्तव्यों के माध्यम से प्रस्तुत किया।
दीप प्रज्वलन के साथ हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम का आरंभ विद्यालय की शालिनी दीदी, नीलम दीदी और कंचन दीदी द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। इसके पश्चात सृष्टि पानी ने भगवान महावीर के जीवन आदर्शों पर आधारित एक मनमोहक गीत प्रस्तुत किया, जिसने श्रोताओं के मन को छू लिया।
विद्यार्थियों ने प्रस्तुत किए प्रेरणादायक वक्तव्य
विद्यालय के भैया-बहनों ने भगवान महावीर के जीवन, दर्शन और शिक्षाओं पर प्रेरक वक्तव्य प्रस्तुत किए। उनके विचारों में महावीर स्वामी के पंच व्रत—अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह का गूढ़ संदेश मुखर होकर सामने आया।
महावीर स्वामी की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक: शालिनी दीदी
अपने संबोधन में शालिनी दीदी ने कहा, “भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे। उन्होंने जीवन पर्यंत मानवता की सेवा की और समाज को नैतिकता का मार्ग दिखाया। आज के युग में भी उनके सिद्धांत अत्यंत प्रासंगिक हैं।” उन्होंने भैया-बहनों को उनके आदर्शों पर चलने की प्रेरणा दी।
प्रधानाचार्य ने दिया सेवा भाव का संदेश
प्रधानाचार्य पार्थ सारथी आचार्य जी ने सभी विद्यार्थियों को जयंती की शुभकामनाएं देते हुए आशा व्यक्त की कि वे महावीर स्वामी के आदर्शों पर चलकर समाज की सेवा में अपना योगदान देंगे।
मंच संचालन में नीतू और मौसमी का सराहनीय योगदान
कार्यक्रम का कुशल संचालन बहन नीतू और मौसमी ने किया। समारोह में विद्यालय के सभी आचार्यगण और दीदियों की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिन्होंने इस आयोजन को सार्थकता प्रदान की।
समापन में लिया गया आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प
कार्यक्रम का समापन सभी उपस्थितजनों द्वारा भगवान महावीर के सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाने के संकल्प के साथ हुआ। विद्यालय प्रांगण में एक आध्यात्मिक और प्रेरणादायक वातावरण बना रहा।