गुवा, संवाददाता।
गुरुवार, 1 मई को मजदूर दिवस के अवसर पर गुवा स्थित सेल क्लब में सीटू (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस) द्वारा आयोजित सेमिनार ने बोकारो की ट्रेड यूनियन राजनीति को झकझोर कर रख दिया। इस मौके पर बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन (इंटक) से जुड़े 85 मजदूरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देकर सीटू की सदस्यता ग्रहण कर ली। इस ऐतिहासिक निर्णय के साथ ही एक नई यूनियन कमेटी का गठन भी किया गया, जिससे क्षेत्र में संगठित मजदूर संघर्ष की नई लहर उठती दिख रही है।
ध्वजारोहण से आरंभ हुआ कार्यक्रम, आतंकी हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि
कार्यक्रम की शुरुआत शाम 4 बजे यूनियन ध्वज फहराने के साथ हुई। ध्वजारोहण का नेतृत्व स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SWFI) के महासचिव ललित मोहन मिश्रा ने किया। मंच पर अन्य प्रमुख नेताओं में SWFI के उपाध्यक्ष गुरु प्रसाद बनर्जी, सचिव दीपक घोष, कार्यकारी अध्यक्ष बीडी प्रसाद, किरीबुरू के कार्यकारी अध्यक्ष रामबिलास पासवान, यूनाइटेड मिनरल्स वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष इंद्रमणि बेहरा, सीटू झारखंड के सचिव विश्वजीत देव और बोकारो स्टील प्लांट के प्रतिनिधि राजकुमार गोराई मौजूद थे।
ध्वजारोहण के बाद जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले में मारे गए 26 नागरिकों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।
‘संगठन ही ताकत है’: मिश्रा का जोशीला संबोधन
मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए सीटू महासचिव ललित मोहन मिश्रा ने कहा, “बिना संगठित ताकत के मजदूरों के हक की लड़ाई संभव नहीं। यूनियन केवल नारे लगाने के लिए नहीं, बल्कि शोषण के खिलाफ ठोस संघर्ष का माध्यम होती है।”
उन्होंने श्रमिकों से आह्वान किया कि वे एकजुट होकर संघर्ष करें और नेतृत्व को जवाबदेह बनाएं।
इंटक से मोहभंग, सीटू में नया विश्वास
कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण क्षण तब आया जब रमेश गोप के नेतृत्व में इंटक से जुड़े 85 मजदूरों ने सीटू में विलय की घोषणा की। इन सभी मजदूरों को मंच पर माला पहनाकर, स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस निर्णय को यूनियन आंदोलन के इतिहास में “एक साहसी और दूरदर्शी कदम” बताया गया।
नई यूनियन कमेटी का गठन: नेतृत्व में युवा जोश और अनुभव का मेल
सीटू में शामिल हुए सदस्यों के साथ ही नई यूनियन कमेटी का गठन किया गया, जिसमें विभिन्न पदाधिकारियों की जिम्मेदारियां निम्नानुसार तय की गईं:
अध्यक्ष: इंद्रमणि बेहरा
उपाध्यक्ष: मनोज मुखर्जी
महासचिव: रमेश गोप
सचिव: राकेश कुमार और अशोक बालमुचू
कोषाध्यक्ष: दिव्या रंजन सेनापति
इसके अतिरिक्त अन्य सदस्यों में श्याम पासवान, फोरमैन मांझी, जगदीश उरांव, राघव चंद्र गिरी, अनिल कुमार, राजेंद्र पुष्टि, सेलेस्टिन बारा, मनोज गोप, विशाल घोघरा, वूलन राय चौधरी और ऋषिकेश प्रधान को विभिन्न कार्य सौंपे गए।
सामूहिक भोज के साथ एकता का जश्न
कार्यक्रम का समापन सामूहिक भोज के साथ हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में मजदूरों और उनके परिवारों ने भाग लिया। यह आयोजन केवल भोजन का अवसर नहीं था, बल्कि मजदूर एकता और नए आरंभ का प्रतीक बन गया।
नया मोड़, नई दिशा: बोकारो में मजदूर राजनीति की बदलती तस्वीर
इस घटनाक्रम ने बोकारो क्षेत्र की यूनियन राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। जहां इंटक को संगठनात्मक क्षति हुई है, वहीं सीटू ने खुद को एक प्रभावी विकल्प के रूप में स्थापित करने की दिशा में ठोस कदम बढ़ाया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह नई कमेटी श्रमिकों के मुद्दों को ईमानदारी से उठाती है, तो यह बदलाव आने वाले दिनों में मजदूर हितों की दिशा तय कर सकता है।
निष्कर्ष:
गुवा की यह घटना सिर्फ यूनियन परिवर्तन नहीं, बल्कि श्रमिक चेतना के नवजागरण का संकेत है। यह स्पष्ट है कि मजदूर अब केवल दर्शक नहीं, बल्कि संगठित नेतृत्व और निर्णायक भूमिका में हैं। इंटक के लिए यह एक चेतावनी है, जबकि सीटू के लिए नई संभावनाओं के द्वार खुले हैं।