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9 जुलाई की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भारतीय मजदूर संघ नहीं होगा शामिल- रविन्द्र हिमते।

महामंत्री रविंद्र हिमते ने बताया — दो लेबर कोड का किया स्वागत, शेष दो में सुधार की मांग; राजनीतिक लाभ के लिए हो रही हड़ताल

रिपोर्ट : शैलेश सिंह ।
भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने 9 जुलाई 2025 को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताल से स्पष्ट रूप से खुद को अलग कर लिया है। यह हड़ताल देश की कुछ ट्रेड यूनियनों द्वारा केंद्र सरकार के नए श्रम कानूनों (लेबर कोड्स) के खिलाफ आयोजित की जा रही है। लेकिन भारतीय मजदूर संघ ने इस हड़ताल को राजनीतिक प्रेरित बताते हुए न केवल इससे दूरी बनाई है बल्कि अपने सभी संबद्ध यूनियनों से इस हड़ताल में शामिल न होने का स्पष्ट निर्देश भी जारी किया है।

29 श्रम कानूनों की जगह बने हैं 4 नए लेबर कोड

केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2019 और 2020 के बीच 29 मौजूदा श्रम कानूनों को समाहित कर चार नए श्रम कोड बनाए गए हैं:

  1. कोड ऑन वेजेज 2019
  2. कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी 2020
  3. ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड 2020
  4. इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड 2020

इनमें से पहले दो कोड्स — कोड ऑन वेजेज और कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी — को भारतीय मजदूर संघ ने ऐतिहासिक एवं श्रमिक हितैषी बताया है।


BMS ने क्यों किया कोड ऑन वेजेज और सोशल सिक्योरिटी का स्वागत?

भारतीय मजदूर संघ के महामंत्री रविंद्र हिमते ने कहा कि कोड ऑन वेजेज 2019 में पहली बार केंद्र सरकार को फ्लोर वेज (न्यूनतम वेतन की आधार दर) तय करने का अधिकार दिया गया है और राज्य सरकारों को इसके समान या अधिक न्यूनतम वेतन लागू करने की शक्ति मिली है।
अब हर मजदूर, चाहे वह किसी भी रोजगार में हो और 8 घंटे कार्य करता हो, न्यूनतम वेतन पाने का कानूनी हकदार होगा।

इसी तरह, कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी 2020 में गिग वर्कर और प्लेटफॉर्म वर्कर को भी सामाजिक सुरक्षा में शामिल किया गया है — यह एक क्रांतिकारी कदम है। साथ ही, अगर कोई कंपनी ESIC में योगदान नहीं भी देती है, तब भी कर्मचारी को ईएसआईसी अस्पताल में इलाज का अधिकार होगा।


शेष दो कोड्स में संशोधन की जरूरत: BMS

हालांकि कोड ऑन इंडस्ट्रियल रिलेशन 2020 और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड 2020 पर भारतीय मजदूर संघ को आपत्ति है। संघ ने सरकार को इन कोड्स में सभी हितधारकों से विमर्श कर आवश्यक संशोधन करने की मांग की है।

महामंत्री रविंद्र हिमते ने कहा:

सरकार ने कुछ ट्रेड यूनियनों और नियोक्ताओं से वार्ता की है, पर वह पर्याप्त नहीं है। सरकार को जल्द से जल्द समग्र और गहन स्तर पर संवाद कर संशोधन प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए।


राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित है 9 जुलाई की हड़ताल: BMS

भारतीय मजदूर संघ का मानना है कि 9 जुलाई को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल श्रमिकों के हितों से अधिक राजनीतिक लाभ लेने की चाल है। कुछ यूनियनें श्रमिकों को भ्रमित कर रही हैं और वास्तविक मुद्दों को दरकिनार कर हड़ताल का राजनीतिक मंचन कर रही हैं।

BMS ने कहा कि

यह हड़ताल न तो श्रमिकों के वास्तविक हितों के लिए है, न ही यह समस्या समाधान का रास्ता है। यह विशुद्ध रूप से एक राजनीतिक आंदोलन है।


BMS का आह्वान: हड़ताल में भाग न लें, संवाद से हो समाधान

भारतीय मजदूर संघ ने साफ कहा है कि वह 9 जुलाई की हड़ताल का समर्थन नहीं करता है और अपनी सभी यूनियनों से हड़ताल में भाग न लेने का आह्वान करता है।

संघ ने भारत सरकार से भी अपील की है कि वह IR कोड 2020 और OSH कोड 2020 में शीघ्रता से सुधारात्मक संशोधन कर श्रमिकों की शंकाओं को दूर करे।


संक्षेप में BMS की स्थिति:

✔️ कोड ऑन वेजेज 2019स्वागत योग्य
✔️ कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी 2020ऐतिहासिक
⚠️ कोड ऑन IR और OSH 2020संशोधन जरूरी
9 जुलाई की हड़तालराजनीतिक, गुमराह करने वाली
📢 BMS का स्पष्ट निर्देश“हम हड़ताल में शामिल नहीं होंगे”


महामंत्री रविंद्र हिमते ने श्रमिकों से अपील की — “भ्रमित न हों, संवाद करें, समाधान निकालें।”

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